इन हाल ही के कुछ वर्षों मे इंटरनेट, टेक्नोलॉजी इतना ज्यादा विकसित हुआ है की वर्तमान समय मे हर एक क्षेत्र मे इंटरनेट उपलब्ध है और हर एक क्षेत्र मे टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है ऐसे मे वर्तमान समय मे सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट को सबसे अधिक उपयोगी Skill मे से एक माना जाता है लेकिन इसके बावजूद सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट क्या है? यह कुछ गिने चुने लोगों को ही पता है।
वर्तमान समय मे अगर आप एक इंटरनेट यूजर है तो सॉफ्टवेयर इंजीनियर एवं सॉफ्टवेयर डेवलपर जैसे शब्द आपने अवश्य सुने होंगे क्योंकि इसकी जरूरत पूरी दुनिया को है और इनकी Salary भी बहुत ही अच्छी खासी होती है लेकिन आज का यह Article सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट क्या होता है, इस पर आधारित है।
आपको बता दे की सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट आईटी क्षेत्र के व्यवसायों का मुख्य अंग है। हम अपने दैनिक जीवन मे जितने भी डिजिटल डिवाइस जैसे स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच, स्मार्टटीवी, कंप्युटर इत्यादि का उपयोग करते है इन सभी मे सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का बहुत ही बड़ा योगदान है क्योंकि ये डिवाइस सॉफ्टवेयर के वजह से ही इतने अच्छे से काम कर पाते है।
इसलिए कहीं न कहीं हर व्यक्ति को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के बारे के बारे मे जानने की आवश्यकता है ताकि हर व्यक्ति तकनीकी क्षेत्रों मे भी आगे बढ़ पाए।
तो चलिए अब आज के इस Article जिसमे हम सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट से संबंधित समस्त जानकारी जैसे सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट क्या होता है, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कितने प्रकार के होते है, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का Life Cycle इत्यादि को जानने की शुरुआत करते है।
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट क्या है – What is Software Development in Hindi
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट वह प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत सॉफ्टवेयर एवं सॉफ्टवेयर Components को बनाना, डिजाइन करना, त्रुटियों को पहचानना और उन्हे ठीक करना इत्यादि कार्यों को किया जाता है, इसमे कंप्युटर Language’s और प्रोग्रामिंग भाषाओ की मदद से एक सॉफ्टवेयर या Applications को कंप्युटर या अन्य Electronic Devices के लिए Develop यानी बनाया जाता है।
अगर आसान भाषा मे समझने की कोशिश करे तो सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का सीधा सीधा मतलब है किसी कंप्युटर या अन्य Electronic Device के लिए सॉफ्टवेयर को Develop करना यानी बनाना है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की सीधे एक प्रोसेस मे ही सॉफ्टवेयर Develop किया जाता है बल्कि एक सॉफ्टवेयर को Develop करने के लिए अलग अलग प्रोसेस से होकर गुजरना पड़ता है।
जैसे Planning करना, Analysis करना, Designing करना, Coding यानी Implementation करना, Testing एवं Maintain करना इत्यादि इन सभी प्रोसेस के जरीये ही एक सॉफ्टवेयर को बनाया जाता है, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के अंतर्गत Scientific Principle’s, Methods और कुछ Steps होते है जिन्हे फॉलो करके सॉफ्टवेयर को Develop किया जाता है।
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के प्रकार (Types)
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के अंतर्गत अलग अलग प्रकार के सॉफ्टवेयर्स को Develop किया जाता है और अलग अलग प्रकार के सॉफ्टवेयर को Develop करने के लिए अलग अलग सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट तकनीक का उपयोग किया जाता है मतलब सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के भी अलग अलग प्रकार होते है जिनमे से कुछ मुख्य प्रकार निम्नलिखित है –
1. Operating System Development
जैसा की हम सभी जानते है की Windows, Android Mac यह सभी एक तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम है मतलब OS एक ऐसा सॉफ्टवेयर जिसके माध्यम से हम कंप्युटर के साथ Interact कर पाते है और कंप्युटर पर अन्य सॉफ्टवेयर का उपयोग कर पाते है इसे सभी Programs का Program भी कहा जाता है, यह भी एक तरह के सॉफ्टवेयर ही होते है।
इस तरह के सॉफ्टवेयर्स को बनाने के लिए C, C++ जैसे प्रोग्रामिंग Languages का उपयोग किया जाता है Operating System Development के तहत इस तरह के सॉफ्टवेयर को Develop किया जाता है।
2. Video Games Development
वर्तमान समय मे Gaming Industry काफी अधिक विकसित हुई है, क्योंकि आज के समय मे बहुत सारे एक से एक बढ़कर Video Games विकसित हुए है जो की लोगों के बीच काफी ज्यादा पॉपुलर है, इन Video Games को बनाने के लिए Video Games Development का उपयोग किया जाता है जिसके तहत Java, Python C++ जैसी प्रोग्रामिंग भाषाओ के उपयोग Video Games Develop किया जाता है।
3. Embedded System Development
अक्सर हम अपने दैनिक जीवन मे Embedded System का उपयोग करते है, Embedded System ऐसे System होते है जिनमे Hardware के साथ सॉफ्टवेयर Embedded रहता है हमें अलग से कोई और सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने की आवश्यकता नहीं होती है जैसे Calculator, Smartwatch, ATMs, Digital Cameras यह सब एक प्रकार के Embedded system है।
इन सभी मे सॉफ्टवेयर पहले से Preinstalled आते है, Embedded System Development मे इन्ही Systems के सॉफ्टवेयर को Develop किया जाता है। इनमे मौजूद Software को C, C++, Java. Python, MicroPython इत्यादि प्रोग्रामिंग भाषाओ मे Develop किए जाते है।
4. Applications Development
आमतौर पर हर कोई वर्तमान मे Applications जैसे Photoshop, MS word इत्यादि का उपयोग करता है, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट मे Applications Development एक अलग Field है जिसमे की Desktop Applications को Develop किया जाता है और इन Applications को Develop करने के लिए Java, Python, PHP, C# इत्यादि का उपयोग किया जाता है।
5. Cloud Development
क्लाउड कम्प्यूटिंग के बारे मे आप जानते ही होंगे, यह एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से हम अपने डाटा को Internet पर स्टोर करते है जैसे उदाहरण के लिए जब आप इंस्टाग्राम पर कोई फोटो अपलोड करते है तब वह क्लाउट कम्प्यूटिंग की सहायता से इंटरनेट पर स्टोर हो जाता है। क्लाउड कम्प्यूटिंग पर आधारित प्रोग्राम को Develop करना Cloud Development कहा जाता है।
Cloud Development मे Python, PSP.net, Java, Ruby, Golang जैसे प्रोग्रामिंग भाषाओ का उपयोग किया जाता है।
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के Life Cycle (SDLC)
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की प्रक्रिया को समझने के लिए हमें सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के Life Cycle को समझना बेहद ही जरूरी है क्योंकि इसी के आधार पर हम सॉफ्टवेयर को Develop किया जाता है तो चलिए अब हम सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के Life Cycle के बारे मे विस्तार से जानते है –
1. Planning.
यह सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का पहला Life Cycle होता है जिसमे की सॉफ्टवेयर को Develop करने से पहले उसके बारे मे Planning की जाती है, जैसे सॉफ्टवेयर का UI किस तरह होना चाहिए, सॉफ्टवेयर मे कौन कौन से Features मौजूद होना चाहिए, सॉफ्टवेयर का काम क्या होगा इत्यादि चीजों का प्लान बनाया जाता है, मतलब सॉफ्टवेयर की Planning की जाती है।
2. Defining/Analysis.
इस Phase मे सबसे पहले जो Planning हुई है उस पर Analysis किया जाता है की, क्या की गई Planning से अगर सॉफ्टवेयर को Develop किया जाता है तो कौन कौन से परेशानी आ सकती है, Develop करने मे टोटल Cost कितना हो सकता है, क्या क्या Requirement हो सकता है, कितना समय लगेगा इत्यादि चीजों का Analysis और Defining किया जाता है।
3. Designing.
अब इस Phase मे सॉफ्टवेयर के डिजाइन तैयार किया जाता है की आखिर सॉफ्टवेयर का Front End का डिजाइन किस तरह होगा, किस तरह User को सॉफ्टवेयर दिखाई देगा Menu कहाँ पर और किस तरह होंगे इत्यादि मतलब आसान भाषा मे समझे तो इस Phase मे सॉफ्टवेयर के Architecture डिजाइन तैयार किया जाता है।
4. Coding/Implementation.
यह सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का सबसे महत्वपूर्ण Phases मे से एक है क्योंकि इस Phase Coding की जाती है मतलब जिस तरह से Architecture को डिजाइन किया गया है उसे प्रोग्रामिंग भाषा मे Coding के जरीये Implement किया जाता है और Compiler, Interpreter, Debugger इत्यादि का उपयोग करके सॉफ्टवेयर Program को Develop किया जाता है
5. Testing.
इसके अंतर्गत जो सॉफ्टवेयर प्रोग्राम Develop हुआ है, उसको Test किया जाता है इसमे सबसे पहले सॉफ्टवेयर प्रोग्राम आए Errors को Detect किया जाता है, उसके बाद उन्हे Report किया जाता है, जिसके बाद उन Errors के मुख्य पहलू को Track किया जाता है, फिर उसी के आधार पर उन Errors को Fix किया जाता है जिसके बाद सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को Refresh किया जाता है।
सभी तरह के Errors को Fix करने के बाद सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के Performance को चेक किया जाता है की Error पहले और Error Fix होने के बाद सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के Performance मे क्या क्या बदलाव हुए है, और प्रोग्राम को Planning के According Develop किया जाता है।
6. Maintenance.
अब यह सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का सबसे आखिरी Phase है जिसमे की सॉफ्टवेयर Users के बीच launch होने के बाद सॉफ्टवेयर को Maintain करके रखा जाता है मतलब सॉफ्टवेयर को Users के Feedback के According तैयार किया जाता है एवं समय के साथ सॉफ्टवेयर को Upgrade भी किया जाता है मतलब Overall सॉफ्टवेयर को Maintain किया जाता है।
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए उपयोग की जाने वाली भाषाये
अब तक हमने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट से संबंधित काफी जानकारी हासिल कर ली है लेकिन अब हम सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए कौन कौन से प्रोग्रामिंग भाषा का उपयोग किया जाता है, इसके बारे मे विस्तार से जानते है –
1. Java.
अगर आप प्रोग्रामिंग के क्षेत्र मे रुचि रखते है है तब आप जावा के बारे मे अवश्य जानते होंगे यह काफी शक्तिशाली और उच्च स्तर का प्रोग्रामिंग भाषा है, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट क्षेत्र मे जावा का बहुत ही बड़ा योगदान है इसलिए अगर आप सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के क्षेत्र मे आगे बढ़ना चाहते है तब जावा को अवश्य सीखे।
2. C++.
यह काफी शक्तिशाली प्रोग्रामिंग भाषाओ मे से एक है इसका उपयोग अक्सर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के क्षेत्र मे Video Games, ऑपरेटिंग सिस्टम, Embedded System इत्यादि जैसे सॉफ्टवेयर को Develop किया जाता है। इसका उपयोग काफी बड़ी बड़ी Tech Companies अपने सॉफ्टवेयर को बेहतर बनाने के लिए करते है।
3. Python.
यह काफी पॉपुलर Encrypted प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका उपयोग अक्सर AI, Machine Learning पर आधारित सॉफ्टवेयर को Develop करने के लिए उपयोग मे लाया जाता है, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के क्षेत्र मे Python का बहुत ही अधिक योगदान है इसीलिए अगर आप सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट मे रुचि रखते है तो इसे सीखना आवश्यक है।
4. C language.
अगर आप प्रोग्रामिंग के क्षेत्र मे रुचि रखते है तब आपको सी प्रोग्रामिंग भाषा के बारे मे अवश्य पता होगा क्योंकि यह सामान्य उद्देश्य वाली प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका उपयोग ऑपरेटिंग सिस्टम, Desktop Applications जैसे सॉफ्टवेयर को develop करने के लिए किया जाता है।
5. PHP.
यह एक Server Side प्रोग्रामिंग भाषा है जिसका मतलब यह है की यह Server यानी Backend पर Execute होती है। इसका उपयोग सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के विभिन्न क्षेत्रों मे किया जाता है, यहाँ तक की Facebook, WordPress जैसे बड़े बड़े Platform भी इसका उपयोग करते है।
निष्कर्ष
अब हमने आपके साथ सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट से संबंधित समस्त जानकारी को विस्तार से साझा कर दिया है, वर्तमान समय मे सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट टेक्नोलॉजी और कंप्युटर विज्ञान के काफी प्रमुख क्षेत्र मे से एक है इसलिए अगर टेक्नोलॉजी मे दिलचस्पी रखने वालों को इसके बारे मे अवश्य जानना चाहिए।
उम्मीद है की अब आप सभी ने इस Article के जरिए सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट क्या है (What is Software Development in Hindi) के बारे मे जानकारी प्राप्त कर ली होगी। आप सभी के मन मे इस Article से जुड़े कोई भी सुझाव है तो उसे नीचे Comment मे माध्यम से हमारे साथ साझा कीजिए और इस Article को Twitter, Facebook इत्यादि पर भी जरूर साझा कीजिए।