सी प्रोग्रामिंग क्या है (What is C Language in Hindi)

अगर आप कंप्युटर प्रेमी हैं तो सी प्रोग्रामिंग क्या है? यह आपको जरूर जानना चाहिए क्योंकि जिस तरह आज के समय मे मोबाइल फोन को उपयोग करने के लिए हमें मोबाइल के Basic Knowledge की जरूरत होती हैं उसी तरह अगर आप कंप्युटर सीखना चाहते हैं और कंप्युटर के Field मे अपना करियर बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको “कंप्युटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है” इसके बारे मे ज्ञात होना चाहिए।

सभी उच्च स्तर की कंप्युटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की लिस्ट मे “C Language” का भी नाम आता हैं, तो अब इससे आपको यह पता चल गया होगा की सी प्रोग्रामिंग एक प्रकार का कंप्युटर प्रोग्रामिंग भाषा हैं हाँ यह सच हैं लेकिन इस कंप्युटर की दुनिया मे सिर्फ एक ही नहीं कई प्रकार के कंप्युटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज हैं और सभी का अलग अलग काम होता हैं।

कुछ इसी प्रकार सी प्रोग्रामिंग का भी सबसे अलग महत्व हैं, आप यकीन नहीं करेंगे की सी प्रोग्रामिंग का इस्तेमाल दुनिया की सबसे प्रसिद्ध स्पेस एजेंसी Nasa भी करती हैं C Programming हर एक Programmers के लिए बहुत महत्वपूर्ण लैंग्वेज साबित हुई हैं क्योंकि यह सीखने मे भी आसान हैं और इसका इस्तेमाल महत्वपूर्ण कार्यों के लिए किया जाता हैं।

तो चलिए अब सम्पूर्ण जानकारी के साथ विस्तार से यह जानते हैं की “C language Kya Hai” और इस लेख की सहायता से कुछ नया सीखते हैं।

सी प्रोग्रामिंग क्या है – What is C programming in Hindi

सी प्रोग्रामिंग एक प्रकार का जनरल पर्पस मध्यम स्तरीय का प्रोग्रामिंग भाषा हैं, जिसे 1972 मे US के Bell प्रयोगशाला मे कंप्युटर वैज्ञानिक “Dennis ritchie” द्वारा बनाया गया था. सी प्रोग्रामिंग भाषा पूर्ण रूप से मध्यम स्तरीय भाषा हैं, सी भाषा “Modular programming” को function एवं micros द्वारा सहायता दी जाती हैं

यह पूर्ण रूप से एक सामान्य उद्देशिय प्रोग्रामिंग भाषा हैं जो की Data structure एवं operators को set प्रदान करता हैं। सी भाषा को मध्यम स्तरीय भाषा इसीलिए कहा जाता हैं क्योंकि इस भाषा मे उच्च स्तर की सभी महत्वपूर्ण विशेषताएं और निम्न स्तर की प्रोग्रामिंग भाषाओ की लचीली विशेषताएं Combine हैं, इस प्रकार यह सी भाषा उत्तम, विश्वासजनक, प्रमाणित एवं एक अच्छी उत्पादक वाली प्रोग्रामिंग भाषा है।

इस प्रोग्रामिंग भाषा के माध्यम से हम ओपन सोर्स प्रोजेक्ट्स पर काम कर सकते है व यह भाषा ज्यादातर उच्च स्तर की प्रोग्रामिंग भाषा जैसे Python, Java, JavaScript इत्यादि के साथ interface कर सकती हैं।

सी प्रोग्रामिंग भाषा को Foundational programming language मे से एक कहा जा सकता हैं क्योंकि इस भाषा को पूरी तरह सीखने के बाद ऐसी दूसरी प्रोग्रामिंग भाषाओ को सीखना बेहद आसान हो जाता है जो सी भाषा का इस्तेमाल करती हैं जैसे Java, C++ यह एक procedural प्रोग्रामिंग भाषा हैं जिसे Linux Operating system के लिए Develop किया गया था।

लेकिन इसके पास अब बहुत से Compiler’s हैं जिसकी मदद से इस लगभग सभी तरह के हार्डवेयर प्लेटफॉर्म और Operating system पर उपयोग मे लाया जा सकता हैं।

सी प्रोग्रामिंग का इतिहास – History of C programming in Hindi

सी प्रोग्रामिंग की शुरुआत अलग अलग प्रकार की भाषाओ को धीरे धीरे Develop करते करते हुआ हैं इसे इस तरह समझिए –

सर्वप्रथम Fortran के Alternative के रूप मे 1960 मे Algo60 (Algorithmic language) को Cambridge University मे Develop किया गया उसके बाद 1963 मे CPL (Combine Programming language) को develop किया गया।

फिर उसके बाद CPL के base पर ही BCPL (Basic Combine programming language) को 1967 मे कंप्युटर वैज्ञानिक Martin Richards द्वारा Develop किया गया, उसके बाद 1999 मे BCPL से ही B प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को Kem Thompson द्वारा बनाया गया।

BCPL और B प्रोग्रामिंग लैंग्वेज दोनों ही Type less प्रोग्रामिंग लैंग्वेज थे जिसकी वजह से आगे चलकर 1972 मे C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को Bell प्रयोगशाला मे Dennis ritchie द्वारा बनाया गया, जिसमे Data types का Concept के साथ अन्य प्रकार के Features भी Add किया गया और कुछ इस प्रकार C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की शुरुआत हुई।

जिसके बाद ANSI द्वारा C language के नए Version C89 को Develop कर 14 दिसंबर 1989 मे Release किया गया, उसके बाद ISO द्वारा C language के C89 Version को Approve किया गया जिसे 20 दिसंबर 1990 मे C90 के नाम से Release किया गया फिर उसी Version का Extension 30 मार्च 1995 मे ISO द्वारा Release किया गया जिसे C90 नाम दिया गया, उसके बाद ISO ने C language के नए Version C99 को 16 दिसंबर 1999 Release किया।

इतना सब होने के बाद 15 दिसंबर 2011 मे ISO ने C language के फिर एक नए Version को C11 के नाम से Release किया और उसके बाद फिर ISO ने C language के Latest Version C17 को जून 2018 मे Publish किया. कुछ इस प्रकार सी प्रोग्रामिंग भाषा उभरकर हमारे सामने आया हैं।

सी प्रोग्रामिंग की विशेषताएं – Features of C programming

सी प्रोग्रामिंग भाषा मे भी अन्य प्रोग्रामिंग भाषाओ की तरह ही विभिन्न प्रकार के विशेषताएं मौजूद हैं जो निम्नलिखित हैं।

  1. सी प्रोग्राम को किसी भी Operating System पर आसानी से लिखा जा सकता हैं व ज्यादातर स्मार्टफोन व टैबलेट मे भी सी Based Operating system मौजूद हैं।
  2. इसमे Inbuild Functions और Opraters मौजूद हैं जिसका इस्तेमाल करके हर तरह की कठिन से कठिन Problems को Solve किया जा सकता हैं।
  3. सी प्रोग्रामिंग भाषा Extendable भी हैं और इसका execution टाइम भी बहुत ही अधिक Fast हैं जिसकी वजह से इसे जल्दी Execute किया जा सकता हैं।
  4. सी प्रोग्रामिंग भाषा के concepts बहुत ही आसन हैं जिसकी वजह से यह सीखने मे भी कॉफी आसान हो जाता हैं।
  5. सी प्रोग्रामिंग भाषा मे कंप्युटर प्रोग्रामिंग के basic concept शामिल हैं जिसकी वजह से इसे सीखने के बाद कंप्युटर प्रोग्रामिंग के basic concept को आसानी से समझा जा सकता हैं।
  6. सी प्रोग्रामिंग भाषा को सीखने के बाद बाकी प्रोग्रामिंग भाषा जैसे C++, Java, C# को हम कम समय मे आसानी से सिख सकते हैं।

सी प्रोग्रामिंग भाषा का इस्तेमाल कहाँ कहाँ जाता है – Uses of C programming

सी प्रोग्रामिंग भाषा का इस्तेमाल कुछ क्षेत्रों को छोड़कर लगभग हर एक क्षेत्र मे किया जाता हैं सी प्रोग्रामिंग भाषा का इस्तेमाल किस लिए किया जाता हैं यह निम्नलिखित हैं –

1. Imbedded system के Development मे

Embeded system से आशय उस System से होता हैं जो की किसी एक विशिष्ट कार्य को करने के लिए बनाया गया होता हैं जैसे – कैलकुलेटर, डिजिटल कैमरा, MP3 प्लेयर इत्यादि इस तरह के सिस्टम को बनाने के लिए C प्रोग्रामिंग भाषा का उपयोग किया जाता हैं।

2. System Application के Development मे

सभी तरह के System मे अलग अलग प्रकार के Applications मौजूद होते हैं जिन्हे बनाने के लिए कई जगह C प्रोग्रामिंग भाषा का इस्तेमाल किया जाता हैं।

3. Desktop Application के Development मे

आज के समय मे लगभग हर क्षेत्र मे Desktop Application का उपयोग किया जाता हैं, Desktop Application एक प्रकार के कंप्युटर प्रोग्राम से बनाए गए Application जो खासकर desktop के लिए बनाया जाता हैं उसे कहा जाता हैं जैसे Photoshop, Microsoft office, Illustrator इत्यादि इन्हे बनाने के लिए सी प्रोग्रामिंग का भी उपयोग किया जाता हैं।

4. Browsers के development के लिए

इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए या फिर किसी वेबसाइट को विज़िट करने के लिए हमें Browser की आवश्यकता पड़ती हैं इन browsers को बनाने के लिए सी प्रोग्रामिंग भाषा का इस्तेमाल किया जाता हैं।

6. MySQL के database Development के लिए

जिन्हे नहीं पता उनको बता दे की MySQL एक प्रकार का database management system होता हैं, इनमे मौजूद database को develop करने के लिए सी प्रोग्रामिंग भाषा का भी उपयोग किया जाता हैं।

5. Operating System के Development मे

Operating System को तो आप जानते ही होंगे अगर नहीं जानते हैं तो आपको यह बता दे की Operating System के माध्यम से ही हम कंप्युटर मे मौजूद हार्डवेयर को काम करने के योग्य बनाते हैं, Windows, Mac, Linux यह सब एक प्रकार के Operating System ही हैं जिन्हे बनाने के लिए सी प्रोग्रामिंग भाषा का उपयोग किया जाता हैं।

सी प्रोग्रामिंग भाषा के संस्करण – Versions of C programming

समय समय मे कंप्युटर टेक्नोलॉजी आगे बढ़ती गई उसी तरह सी प्रोग्रामिंग भाषा कों कंप्युटर टेक्नोलॉजी आगे बढ़ने के लिए नए नए संस्करण लाए गए जो नीचे दिए गए हैं –

VersionsRelease date
C1972
C8914 दिसंबर 1989
C9020 दिसंबर 1990
C9530 मार्च 1995
C1115 दिसंबर 2011
C17जून 2018

C Programming Language कैसे सीखे?

सी प्रोग्रामिंग भाषा का उपयोग लगभग हर एक तरह के क्षेत्र मे किया जा रहा हैं और आगे भी किया जाएगा इसीलिए हमें सी प्रोग्रामिंग भाषा कैसे सीखे? यह जरूर जानना चाहिए अगर आप सी प्रोग्रामिंग भाषा को सीखना चाहते हैं तो नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो कीजिए।

1. Fundamentals पर ध्यान दीजिए

सी भाषा कैसे कैसे काम करता हैं यह जानने के लिए जरूरी हैं की सी प्रोग्रामिंग भाषा के Fundamentals को समझना अगर हम सी भाषा के Fundamentals को समझ लेते हैं तो सी भाषा को सीखना और भी आसान हो जाएगा इसीलिए Fundamentals पर ध्यान दीजिए।

2. Variable Data Types को समझे

सी प्रोग्रामिंग भाषा मे Variable Data Types बहुत ही महत्वपूर्ण Concept हैं यह प्रोग्रामिंग भाषा के basics होते हैं जिनकी वजह से इन्हे समझना बेहद जरूरी होता हैं अगर हम इन्हे समझ जाते हैं तो हमें सीखने मे इतनी ज्यादा कठिनाई नहीं होती हैं इसीलिए Variable Data Types को समझिए।

3. Control Flow Statement को जानिए

सी प्रोग्राम को सीखने के लिए हमें Control Flow Statement को जानना बेहद ही जरूरी हैं इसी के अंदर Loops, jump statement, conditional statement इत्यादि आते हैं जिन्हे सीखकर Implement करना होरा हैं जो की एक बेहद ही जरूरी concepts होते हैं इसलिए सी प्रोग्रामिंग भाषा को सीखने के लिए “Control Flow Statement” को जानना जरूरी हैं।

4. Functions इस्तेमाल करना सीखिए

Function एक प्रकार का कोड का block होता हैं व इसे हम सी प्रोग्रामिंग भाषा का pillar भी कह सकते हैं यह सी प्रोग्रामिंग का एक बेहद ही महत्वपूर्ण concept हैं जिसे समझना बेहद जरूरी हैं इसीलिए Function Calling, Function prototypes, Standard library functions इत्यादि को समझिए।

5. Books की हेल्प लीजिए

Books से आज भी हम बहुत कुछ सिख सकते हैं books मे किसी भी टॉपिक से संबंधित तमाम जानकारी हमें मिल जाती हैं इसीलिए अगर आप खुद से सी प्रोग्रामिंग को सीखना चाहते हैं तो इसके लिए सी प्रोग्रामिंग के Books को पढ़िए यहाँ पर आपको सी प्रोग्रामिंग भाषा से संबंधित Basic से लेकर Advance तक की जानकारी मिल जाएगी, नीचे कुछ books के नाम दिए हैं जिनसे सिख सकते हैं।

  1. The C Programming Language | Second Edition
  2. Programming in C | Third Edition
  3. ADVANCE C PROGRAMMING

6. रोजाना प्रोग्राम बनाने की प्रैक्टिस करे

किसी भी प्रकार के Skill को जल्दी सीखने के लिए हमें रेगुलर प्रैक्टिस की आवश्यकता पड़ती हैं इसी प्रकार आपको अगर कोडिंग को जल्दी सीखना चाहते हैं तो इसके लिए सी प्रोग्रामिंग को सीखने का रोजाना कम से कम 1 से 2 घंटे प्रैक्टिस कीजिए।

FAQ’s – What is C language in Hindi

C language के जनक कौन है?

C langauge के जनक Dennis ritchie जी हैं जो की एक महान कंप्युटर वैज्ञानिक हैं।

C language का आविष्कार कब हुआ?

C language का आविष्कार 1972 मे US के Bell प्रयोगशाला मे किया गया था।

C language नवीनतम संस्करण कौन सा है?

C language नवीनतम संस्करण “C17” हैं।

निष्कर्ष

उम्मीद हैं की आप सभी लोगों को इस लेख की सहायता से दी गई सी प्रोग्रामिंग भाषा से समबंधित जानकारी पसंद आई होगी और आपने इस लेख को पढ़कर यह जान लिया होगा की सी प्रोग्रामिंग क्या है (What is C programming in Hindi) अगर आपके मन मे इंटरनेट से जुड़े कोई भी सवाल हैं तो आप हमसे नीचे कमेन्ट बॉक्स और ईमेल के माध्यम से पूछ सकते हैं और इस लेख को Twitter, Facebook जैसे सोशल नेटवर्क पर भी शेयर कीजिए।

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