Ai एक ऐसी टेक्नोलॉजी जो दुनिया में इंसानो की वैल्यू कम कर देगा, क्या आप भी इंटरनेट का इस्तेमाल करते है तो आपने Ai यानी आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का नाम जरुर सुना होगा आज के इस लेख में हम AI क्या है? और यह कैसे दुनिया बदलने वाला है यही जानने वाले है और सिखने वाले है.
टेक्नोलॉजी एक ऐसा ज्ञान है जो मनुष्य कि पुरी जिंदगी को बदल के रख दिया है आज के समय में हमारे पास ऐसे Equipment’s मौजुद है जिनके काम को देखकर हम हैरान हो जाते है कि आखिर यह सब चीजे कैसे पॉसिबल हो पाती है.
इसी तरह टेक्नोलॉजी का एक उदाहरण आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस भी है जो आने वाले समय में मनुष्यो के काम को बहुत ही आसान करने वाला है.
जिससे हमें फायदा तो बहुत है और साथ में नुकसान भी बहुत है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस आने वाले भविष्य में पुरी तरह लागू हो जायेंगें यह बिल्कुल सच है.
Ai यानी आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस को हम बहु टेक्नोलॉजी भी कह सकते है क्योंकि इससे टेक्नोलॉजी कि दुनिया पुरी तरह बदल जायेगी और मनुष्यो का भी जरुरत यह आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस काम कर देने वाले है.
इस लेख में हम आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस क्या होता है, और कैसे काम करता है, उदाहरण, फायदे और नुकसान यह सभी जानकारी आगे जानने वाले है. तो चलिए सिखते है.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस क्या है – What is AI in Hindi
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस को हिंदी मे हम कृत्रिम बुद्धिमता कहते है जो दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है कृत्रिम का मतलब किसी एक मानव के द्वारा बनाया गया और बुद्धि का मतलब है सोचने कि शक्ति. इसे हम Machine Learning के नाम से भी जानते है.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस वह टेक्नोलॉजी है जिसके माध्यम से मशीनो में इंसान कि तरह सोचने और समझने कि शक्ति दिया किया जाता है आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के जरिये मशीनो को सोचने कि शक्ति दी जाती है जिससे मशीने किसी भी दिमागी वाले काम को जिस तरह मनुष्य कर पाते है उसी तरह आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस भी कर पाते है.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) का सिधा मतलब है कम्प्यूटर को एक ऐसी दिमाग दे देना. जिस तरह हम किसी स्टुडेंट या किसी भी व्यक्ति उदाहरण देकर नई चीजे सिखाते है उसी तरह कम्प्यूटर (Ai) को डेटा के माध्यम से कोई भी नई चीजे सिखाते है.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस एक Advance टेक्नोलॉजी है, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और नार्मल टेक्नोलॉजी मे इतना फर्क है नॉर्मल टेक्नोलॉजी कि अगर हम बात करें तो कम्प्यूटर मे आने वाले Notepad एक नार्मल टेक्नोलॉजी है इसमें हम कितने भी notes बना ले इसमे कोई नयी फिचर्स नही आने वाले और ना ही notepad कि क्षमता बढ़ने वाली है.
लेकिन आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (Advance टेक्नोलॉजी) में ऐसा नही है, जितना ज्यादा AI के पास डेटा पहुंचता जायेगा आर्टिफिशल इंटेलिजेंस उतनी ही पावरफुल होती जायेगी और उसमें डेटा के हिसाब से नये फिचर्स भी Add होती जायेगी.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस वह टेक्नोलॉजी मशीन है जो कुछ भी जानकारी डेटा के अनुसार इंसानो कि तरह सिख सकती है.
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आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के अविष्कारक (Inventor)
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का अविष्कार अविष्कारक होने से पहले 1950 के बाद आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के बारे मे रिसर्च कि शुरुआत हो चुका था, लेकिन जिन्होंने सोचने समझने वाली मशीन को कृत्रिम बुद्धिमता (Artificial Intelligence) का नाम दिया.
वह अमेरिका के एक महान वैज्ञानिक जॉन मेकार्थी (John McCarthy) थे जिन्होंने इस सोचने समझने वाली मशीन को सन् 1955 में कृत्रिम बुद्धिमता (Artificial Intelligence Intelligence) का नाम दिया इन्हें ही आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का जनक माना जाता है.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के प्रकार (Types)
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस वर्तमान समय मे अलग अलग रूप मे देखने को मिलते है लेकिन इसके प्रकार की बात करे तो आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस दो प्रकार के होते है जो नीचे दिए गए है –
1. General Ai
यह उस प्रकार के आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस होते है जिसको हम सभी तरह कि नई चीजे डेटा के अनुसार सिखा सकते है General AI वह आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जो बहुत सारे काम कर सकती है बिल्कुल इंसानो कि तरह.
2. Narrow Ai
यह इस प्रकार कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस होती है जो किसी particular एक ही काम के लिए बनाये जाते है जो कि किसी और तरह के काम को करने में पुरी तरह सक्षम नही होते है उदाहरण के लिए Tesla कंपनी कि कार है.
जो कि अमेरिकी सड़को पर self ड्राइव कि मदद से अच्छे performance के साथ चल पायेगी लेकिन अगर tesla कम्पनी के गाड़ीयो को भारत के सड़को मे self ड्राइव कि मदद से चलाया जाये तो वह कार इतने अच्छे से नही चल पायेगी जितना कि अमेरिका के सड़को पर चल पाती है.
क्योंकि उसे एक स्पेसिफिक अमेरिकी सड़को के लिए बनाया गया है और उसमे अमेरिकी सड़को का डेटा मौजुद है. आज के समय में जो हमारे आस पास आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाता है वह Narrow Ai पर based है हमारे पास General Ai नही है लेकिन इस पर अभी भी काम चल रहा है.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस कैसे काम करता है?
Ai एक टेक्नोलॉजी है जिसको अगर किसी भी मशीन में लगा दे तो वह मशीन डेटा के अनुसार इंसानो कि तरह नई चीजे सिखती रहेगी और जितना ज्यादा डेटा उसके पास होगा उतना वह पावरफुल होता जायेगा, जिस तरह इंसानो मे होता है जितनी ज्यादा इंसानो को जानकारी प्राप्त होती जाती है उतने ही इंसान पावरफुल बनते जाते है.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस जानकारी के अनुसार काम करते है जिस चीज कि जानकारी उनके डेटाबेस में मौजुद नही होगी वह कार्य करने में वह सक्षम नही हो पायेंगें General आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जो कार्य करने में सक्षम नही हो पाते है, उनको डेटा दे कर हम उस कार्य करने कि शक्ति देते है General Ai को.
उसी जगह Narrow AI को एक ही Particular एक ही कार्य को करने का डाटा दे सकते. इस वजह से Narrow Ai हर एक कार्य को करने में सक्षम नही हो पाते है.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के उदाहरण (Examples)
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के कुछ उदाहरण निम्नलिखित है –
1. Google lens.
आज के समय में जो सबसे बड़ा आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का उदाहरण है वह गुगल लेंस है क्योंकि गुगल लेंस से किसी वस्तु का फोटो खींच कर उस वस्तु से रिलेटेड सारी जानकारी प्राप्त कर सकते है कि वह वस्तु क्या है और किस काम आती है.
तब हम सोचते है कि यह कैसे possible हो पाता है यह सब आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस कि वजह से possible हो पाता है. गुगल लेंस Machine learning टेक्नोलॉजी और Ai पर based है जो कि तुरंत फोटो को स्कैन कर के उस फोटो से रिलेटेड सभी जानकारी दे देती है.
1. Google Assistant.
अगर आप मोबाइल इस्तेमाल करते है तो आपने गुगल असिस्टेंट का उपयोग जरुर किया होगा जिसमें गुगल कहकर गुगल असिस्टेंट से हम कोई भी सवाल पुछते है और उनका जवाब कुछ मिनटो के अंदर इंटरनेट या Self डेटा के माध्यम से दे देती है तब हम सोचते है कि गुगल असिस्टेंट हमारे सवालो का बिल्कुल Accurate जवाब कैसे दे पाती है यह सब AI कि वजह से पॉसिबल हो पाता है.
2. Google Map.
यह आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का एक बेहतर उदाहरण है जब हम अपने फोन का लोकेशन GPS को Enable करते है तो गुगल मैप को कैसे पता चल जाता है कि हम अभी किस स्थान पर मौजुद है यह आर्टिफिशल इंटेलिजेंस कि वजह से हो पाता है AI के डेटाबेस में सभी जगह का डेटा मौजुद है.
जिससे जब कभी भी हम अपने फोन कि GPS को चालू कर के किस स्थान पर है यह गुगल मैप से पता करने कि कोशिश करते है तो वह पता चल जाता है. गुगल मैप जो आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस का उपयोग करता है उसे Live view Ai कहते है और इसे वैश्विक स्थानीयकरण के रूप मे भी जाना जाता है.
3. Amazon Alexa.
इन दिनो Alexa कुछ ज्यादा ही सुर्खियों मे है जिसमें हम Alexa से कुछ भी सवाल पुछते है उसका जवाब तुंरत हमे दे देती है और Alexa से हम कुछ भी डिजीटल कार्य करने को कहते है जैसे – Alexa AC चालू करो, Alexa अलार्म सेट करो इस तरह के डिजीटल कामो को कुछ मिनटो में Alexa कर देता है यह सब आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस कि वजह से पॉसिबल हो पाया है.
4. Tesla Cars self drive mode.
अगर आप दुनिया के सब से अमीर व्यक्ति को जानते है तो उनकी एक कार बनाने वाली कंपनी Tesla को जरुर जानते होंगे यह अब तक कि सबसे उच्च गुणवत्ता वाले कारो मे से एक है जिसमें कि एक फिचर मौजुद है Self drive mode जिसमें कि कार खुद से Drive करने कि क्षमता रखती है.
Self drive mode मे यह कार आस पास के वातावरण को स्कैन कर के खुद से ड्राइव कर पाती है. यह Possible आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस कि वजह से हो पाया है और यह आज तक का सबसे बड़ा उदाहरण है AI का.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के फायदे (Advantages)
AI के आने से हमारे जीवन में बहुत बदलाव आ जायेगा और हमे कुछ इस प्रकार के फायदे होने वाले है –
- Ai कि वजह से कृषि, रक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्रो में बहुत बड़ा बदलाव आ सकता है. जिससे मनुष्य जाती का लाभ होने वाला हैं.
- Ai का के आने से जिस काम को करने में अत्यधिक व्यक्तियो कि जरुरत पड़ती है वही काम को AI के जरिये बहुत कम समय और बेहतर तरिके के साथ किया जायेगा.
- Ai हमारे errors को बहुत कम कर देता है जिससे कोई भी काम बहुत ही अधिक सटीकता के साथ किया जाता है जिससे काम में कोई हानि कि संभावना नही होती है.
- Ai काम को बहुत ही कम समय में करने और बहुत कम समय में निर्णय लेने कि क्षमता रखता है जिससे काम बहुत ही जल्दी हो पाता है.
- Ai बहुत लंबे समय तक काम को करने में सक्षम होते है Ai ना ही थकते है और ना ही विचलित होते है जिससे काम कम समय में और निश्चित समय में पुरा होने कि संभावना बड़ जाती है.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के नुकसान (DisAdvantges)
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के जिस तरह फायदे अधिक है उसी तरह नुकसान भी अधिक है.
- आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस के फायदे अभी पुरी तरह स्पष्ट नही है लेकिन आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जो सबसे बड़ा नुकसान होने वाला है वह मनुष्य जाती को ही होने वाला है.
- आज के समय मे बेरोजगारी बहुत है और आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस के आने से किसी काम को करने में मनुष्यो कि जरुरत बहुत कम पड़ेगी जिससे बेरोजगारी और बहुत बड़ जायेगी.आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के फायदे अभी पुरी तरह स्पष्ट नही है लेकिन आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस जो सबसे बड़ा नुकसान होने वाला है वह मनुष्य जाती को ही होने वाला है.
- आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस मनुष्यो कि जगह काम करेगी और स्वयं ही निर्णय लेने लगेगी जिसे अगर काबू में नही किया गया तो यह मानव जाति को हानि हो सकती है.
- आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस मनुष्यो कि जगह काम करेगी और स्वयं ही निर्णय लेने लगेगी जिसे अगर काबू में नही किया गया तो यह मानव जाति को हानि हो सकती है.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस कैसे दुनिया बदल देगा?
धीरे धीरे हर क्षेत्र मे इन मशीनों की उपयोगिता बढ़ती जा रही हैं जहां किसी काम को 10 लोग मिलकर एक दिन मे पूरा करते थे उसी काम को एक मशीन एक घंटे मे पूरा कर देता हैं जिससे समय की बचत होती हैं लेकिन इससे काम करने वाले लोग बेरोजगार हो रहे हैं.
इसी प्रकार आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की प्रमुखता बदने वाली हैं जो दुनिया को पूरी तरह बदलकर रख देने वाली हैं क्योंकि उनके पास इंसानों की तरह सोचने और समझने की शक्ति मौजूद हैं जिसकी वजह से मशीन इंसानों के काम को उनसे बेहतर तरीके से कर पाएंगे, जिससे इंसानो की उपयोगिता कम हो जाएगी और इंसानों की जगह मशीने काम करेगी.
यह आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस से पूरी दुनिया डिजिटल दुनिया बनने वाला है लेकिन अभी भी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस किसी भी काम को पूरी तरह सही तरीके से करने मे सक्षम नहीं हो पाए हैं.
निष्कर्ष
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस जितना हम इंसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहे है उतना ही नुकसानदायक भी हैं, उम्मीद हैं की आप सभी लोगों को इस लेख मे दी गई जानकारी आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस क्या है (What is Artificial Intelligence) और यह आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस कैसे दुनिया बदल देगा पसंद आई होगी
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