आज के समय में Google Ranking Factors in Hindi के बारे में हर किसी को अवश्य पता होना चाहिए. क्योंकि अगर आप एक ब्लॉगर है तो ऐसे में अगर आप अपने ब्लॉग को गुगल के पहले पृष्ठ में रैंक करवाना चाहते हैं और अपने ब्लॉग पर ट्रैफिक कैसे लाएं यह जानना चाहते हैं तो आपको Google Ranking Factors के बारें मे विस्तार से संम्पुर्ण जानकारी होनी चाहिए तभी आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट को गुगल पर रैंक कर सकते है।
जिस तरह तरह इंटरनेट लोगो तक पहुंच रहा है उसी तरह दिन प्रतिदिन गुगल के यूजर्स कि संख्या भी बढ़ती जा रही है, ऐसे में गुगल भी यूजर्स को एक बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए अपने सर्च इंजन में दिन ब दिन Changes करते रहते है और गुगल में किसी भी ब्लॉग या वेबसाइट को रैंकिंग को सही तरीके से Optimize करने के लिए गुगल हर साल नये Ranking Factors लाता रहता है ताकि एक सही कंटेंट यूजर तक पहुंच पाये।
एक बात याद रखे की की गूगल अपने ranking factors को बदलने के बजाय हमेशा इम्प्रूव करने पर ज्यादा ध्यान देता हैं. जिससे webmaster’s भी अपने कंटेन्ट को इम्प्रूव करे . तो चलिए जानते हैं 20 Google Ranking Factors in Hindi और फिर आज के इस आर्टिकल के माध्यम से कुछ नया सीखते हैं।
Google ranking factors in hindi
देखो यार अगर आपको गूगल मे अपनी वेबसाइट या ब्लॉग को वाकई मे अच्छी रैंकिंग दिलनी हैं और हर पोस्ट को गूगल के फर्स्ट पेज मे लाना चाहते हैं तो आपको गूगल के सभी Ranking factors को in depth सीखना और समझकर उसे अपनी वेबसाइट मे इम्प्लीमेंट करना होगा।
इस बात पर अवश्य ध्यान दे की अगर आप अपने ब्लॉगिंग करियर मे Google के Ranking factors को समझा और बारीकी से परखा तो आप बहुत कम ही समय मे किसी भी वेबसाइट को गूगल पर आप रैंक कर सकते हो।
1. SSL सर्टिफिकेट
यह एक Most Important Ranking Factors मे से एक हैं क्योंकि इसके बिना कोई भी वेबसाइट रैंक नहीं कर सकती हैं।
SSL का पूरा मतलब Secure Sockets Layer (सुरक्षित सॉकेट लेयर) जब किसी भी वेबसाइट मे SSL Activate हो जाता हैं टैब उस वेबसाइट के डोमेन नेम के URL मे https://techgajju.com/ लिखा आता हैं लेकिन अगर यहीं पर किसी वेबसाइट मे SSL Activate नहीं हैं तो उस वेबसाइट का URL http://techgajju.com/ कुछ इस प्रकार होगा।
जब किसी वेबसाइट पर SSL सर्टिफिकेट activate नहीं होता हैं तब गूगल उसे सुरक्षित नहीं मानता है. जिस वजह से गूगल बिना SSL सर्टिफिकेट वाले वेबसाइट को कभी रैंक नहीं करता हैं।
2. Mobile Friendly
अगर आपका वेबसाइट Mobile Friendly नहीं हैं तो ऐसे मे आपके वेबसाइट को गूगल मोबाइल यूजर्स कभी भी रैंक नहीं करेगा. मतलब यूजर गर डेस्कटॉप पर आपके वेबसाइट से संबंधित कोई कीवर्ड सर्च करता है तो ऐसे मे आपका ब्लॉग डेस्कटॉप पर रैंक करेगा लेकिन जब वही यूजर मोबाइल पर वेबसाइट से संबंधित कोई कीवर्ड सर्च करेगा तब आपका ब्लॉग रैंक नहीं करेगा।
ऐसा इस वजह से होगा क्योंकि आपका वेबसाइट Mobile Friendly नहीं हैं. एक वेबसाइट Mobile Friendly तभी होता हैं जब वेबसाइट मोबाइल पर दिखने क लिए पूरी तरह optimized हो. आप यकीन नहीं करेंगे अगर आपका वेबसाइट Mobile Friendly नहीं हैं तो वेबसाइट डेस्कटॉप पर भी रैंक बढ़ी मुश्किल से करेगा।
3. Content length
आज के समय मे गूगल मे Low value कंटेन्ट की कोई भी value नहीं हैं. आपको बता दे की जिस कंटेन्ट का length बड़ा नहीं हैं उसे low value कंटेन्ट नहीं कहा जाता. बल्कि Actual मे low value वह होता हैं जिस कंटेन्ट मे पूरी जानकारी नहीं हो।
आज के समय मे Content length भी गूगल मे एक ranking factor साबित हो चुका हैं. लेकिन ऐसा भी नहीं हैं की कुछ भी फालतू चीजे कंटेन्ट मे add करके कंटेन्ट का length बड़ा दे।
अगर आप रैंकिंग के perspective से देख रहे हैं तो किसी भी कंटेन्ट का length इतना होना चाहिए की उतने मे in depth जानकारी हो. मेरे हिसाब से अगर आप कोई भी आर्टिकल लिख रहे हैं तो उसका length कम से कम At least 800 word, 1500 word, 2000 word तो होनी चाहिए।
4. Landing page speed
landing page वह होता हैं जिस पर विजिटर्स land करते हैं जैसे की अगर आपका कोई ब्लॉग पोस्ट रैंक कर रहा हैं तो उस ब्लॉग पोस्ट पर विजिटर्स आएंगे तो वह ब्लॉग पोस्ट आपका landing page हो गया. वेबसाइट को गूगले पर रैंक कराने के लिए Landing page speed बहुत ही ज्यादा matter करता हैं. यह कई बार साबित हो चुका हैं वह इसे गूगल भी एक ranking factor मानता हैं।
जब कोई यूजर आपके ब्लॉग पोस्ट पर क्लिक करता हैं और वह Landing page पेज load होने मे 10 सेकंड से अधिक समय लगाता हैं तो ऐसे मे यूजर irrited हो जाएगा और कोई अन्य ब्लॉग पर चला जाएगा. जिससे आपकी वेबसाइट का यूजर experience खराब होगा व गूगल भी आपकी वेबसाइट को रैंक नहीं करेगा।
इसीलिए Landing page speed को बढ़ाइए इसके लिए आप AMP का भी इस्तेमाल कर सकते हैं यह बिल्कुल फ्री हैं।
5. Overall site speed
अगर आपकी साइट ओपन होने मे 15 सेकंड का समय लेती हैं तो आपकी वेबसाइट गूगल के फर्स्ट पेज पर कभी भी रैंक नहीं करेगा. क्योंकि फर्स्ट पेज पर रैंक करने वाली साइट 5 सेकंड मे ही ओपन हो जाती हैं।
आप यकीन नहीं करेंगे किसी भी वेबसाइट को गूगल पर रैंक करने के लिए Overall site speed बहुत ही ज्यादा अहमियत रखती हैं व site speed टेक्निकल SEO के अंतर्गत भी आता हैं।
गूगल कई बार अपने Algorithm अपडेट मे यह clear कर चुका हैं की Overall site speed भी गूगल पर रैंक करने के लिए बहुत ही जरूरी हैं।
6. Domain age
गूगल पर रैंक करने के लिए Domain age यानी की डोमेन नेम कितना पुराना हैं यह भी बेहद ही जरूरी हैं उदाहरण के तौर पर समझिए. अगर आप ऐसी वेबसाइट को रैंक करने की कोशिश करते हैं जिसका Domain age सिर्फ 7 दिन हैं तो आप कितनी भी कोशिश कर ले वर्तमान मे वह वेबसाइट रैंक नहीं करेगी।
किसी भी वेबसाइट को गूगल पर एक Organic और बेहतर रैंकिंग प्राप्त करने के लिए कम से कम 1 वर्ष तो लगता ही हैं।इसका मुख्य कारण यह हैं की गूगल किसी भी नई वेबसाइट पर जल्दी trust नहीं करता हैं. बल्कि trust खुद build करना पड़ता हैं।
7. Exact domain name
किसी भी नए वेबसाइट को रैंक करने के लिए Exact domain name वाला तरीका बहुत ही ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा हैं. Exact domain name वह डोमेन होता हैं जो किसी specific रैंकिंग कीवर्ड पर based हैं।
जैसे की अगर best mobile एक प्रसिद्ध कीवर्ड हैं जिस पर already बहुत सारी वेबसाइट हैं जो रैंक कर रही हैं. तो अगर कोई इस कीवर्ड पर एक नई वेबसाइट बनाकर उसे जल्दी रैंक करना चाहता हैं. तो वह bestmobile.com नाम से एक डोमेन नेम खरीद सकता हैं।
इससे वह वेबसाइट बहुत कम समय मे उस कीवर्ड पर जल्दी रैंक करेगा व उससे रलेटेड कीवर्ड पर भी जल्दी रैंक करेगा. Exact domain name रैंकिंग मे इतना अधिक matter नहीं करता हैं लेकिन कुछ प्रतिशत यह अवश्य किसी particular कीवर्ड के रैंकिंग के लिए matter करता हैं।
8. Keywords in article
Keywords in article यानी की आर्टिकल मे फोकस कीवर्ड कितना बार repeat हुआ हैं यह एक बहुत बड़ा ranking factor हैं गूगल के फर्स्ट पेज मे रैंक करने के लिए. अगर एक नया वेबसाइट हैं और उस वेबसाइट के आर्टिकल मे फोकस कीवर्ड एक बार भी repeat नहीं होता हैं।
तो ऐसे मे उस कीवर्ड पर आर्टिकल रैंक करने मे बहुत दिक्कत होगी और हो सकता हैं की उस कीवर्ड पर वेबसाइट रैंक भी नहीं करे. क्योंकि उस वेबसाइट की authority बिल्कुल शून्य हैं।इसीलिए शुरुआती समय मे आर्टिकल मे सही से व नैचुरल तरीके से इम्प्लीमेंट कीजिएगा इससे रैंकिंग मे बहुत फायदा मिलता हैं।
9. In depth
कोई भी यूजर अगर आपके आर्टिकल से satisficed नहीं होता हैं तो वह आपकी वेबसाइट को छोड़कर किसी अन्य वेबसाइट के आर्टिकल पर चला जाएगा. जिससे गूगल यह मानेगा की आपके आर्टिकल मे पूरी जानकारी नहीं दी गई हैं जिससे गूगल आपकी वेबसाइट को रैंक नहीं करेगा. यूजर आर्टिकल को read करके किसी और वेबसाइट के आर्टिकल पर तभी जाता है जब आर्टिकल In depth नहीं लिखी गई हो इसीलिए In depth आर्टिकल लिखिए।
In depth आर्टिकल लिखने का मतलब हैं की particular किसी टॉपिक से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी के साथ विस्तार से आर्टिकल लिखना, आज के समय मे गूगल In depth आर्टिकल को ही रैंक करता हैं।
10. User experience
User experience का मतलब यूजर का नुभाव हैं यानी जब कोई यूजर आपके आर्टिकल पर आता हैं तब उस यूजर को किस तरह का अनुभव प्राप्त होता हैं, यूजर आपके आर्टिकल को पूरा पड़ता हैं की नहीं, यूजर आपके आर्टिकल पर कितना समय बिताता हैं, यूजर आपके आर्टिकल को पढ़ने के बाद उस टॉपिक से संबंधित किसी अन्य वेबसाइट के आर्टिकल को पड़ता हैं इत्यादि सभी ही User experience होते हैं।
आज के समय मे गूगल पर किसी वेबसाइट की रैंकिंग पूरी तरह User experience पर ही depend होता हैं क्योंकि गूगल को User experience के माध्यम से ही पता चलता हैं की आर्टिकल की value क्या हैं.
जिस हिसाब से गूगल उस आर्टिकल को रैंक करता हैं. इसीलिए लिए हमें User experience पर बहुत ज्यादा ध्यान देना चाहिए व ऐसा आर्टिकल लिखना चाहिए जिससे एक बेहतर User experience प्राप्त हो।
11. Audition retention
आप सभी लोगों को यह बता दे की एक अच्छी audition retention वेबसाइट को किसी भी सर्च इंजन मे अच्छी रैंकिंग दिलाने के लिए बहुत ही अधिक सहायक होती हैं. audition retention का मतलब आपके आर्टिकल पर बिताने वाला नियमित समय होता हैं.
इसे उदाहरण से समझते हैं की जैसे आपके कोई आर्टिकल पर 10 readers आते हैं और उन 10 readers मे 7 readers आपके आर्टिकल पर लगभग 5 मिनट समय बिताते हैं तो यह 5 मिनट आपके आर्टिकल audition retention हैं।
किसी भी आर्टिकल पर जितना अधिक audition retention होता हैं गूगल उसे उतना ही अच्छा रैंकिंग देता हैं. इसीलिए ऐसे आर्टिकल लिखिए जिनमे readers ज्यादा से ज्यादा समय बिताए।
12. CTR
CTR का पूरा नाम click trough rate हैं. आर्टिकल का जितना अच्छा CTR होता हैं गूगल उस आर्टिकल को उतना ही अच्छा रैंकिंग प्रदान करता हैं। CTR को समझे तो जब सर्च या किसी भी माध्यम से यूजर की नजर मे आपका आर्टिकल आता हैं तो उनमे से कितने प्रतिशत लोगों ने आपके आर्टिकल पर क्लिक किया इसी से आपकी वेबसाइट के आर्टिकल का CTR decide होता हैं।
उदाहरण से समझिए. मान लीजिए आपका आर्टिकल अन्य वेबसाइट के आर्टिकल के साथ 100 लोगों के नजर मे आया और उन 100 लोगों मे से सिर्फ 10 लोगों ने आपके आर्टिकल पर क्लिक किया बाकी 90 लोग किसी अन्य वेबसाइट के आर्टिकल पर चले गए. तो आपके वेबसाइट के आर्टिकल का CTR 10 प्रतिशत होगा।
13. Best internal linking
इन्टर्नल लिंकिंग ऑन पेज SEO का ही एक पार्ट हैं. लेकिन इंटरनल लिंकिंग Google Ranking factor तब साबित होता हैं जब Reader एक आर्टिकल पर जाकर Internal linking के माध्यम से आपके अन्य आर्टिकल को भी Read करता हैं. तो इससे आपकी वेबसाइट Bounce rate कम होगा. जिससे गूगल आपकी वेबसाइट को बेहतर रैंकिंग प्रदान करेगा।
इसीलिए Best internal linking वर्तमान मे Google ranking factor हैं. एक अच्छी strategy के साथ Best internal linking इससे वेबसाइट की रैंकिंग अवश्य बढ़ती हैं।
14. Quality Content
गूगल के सभी ranking factor एक जगह और quality content एक जगह क्योंकि एक Quality Content को गूगल बहुत ही ज्यादा पसंद करता हैं. Quality Content गूगल के सभी ranking factor को beat कर देता हैं क्योंकि गूगल यही चाहता हैं की यूजर को एक बेहतर Quality Content मिल सके जिससे यूजर satisficed हो जाएं।
गूगल Quality Content को ही ज्यादा अच्छी रैंकिंग प्रदान करता हैं. इसीलिए Quality Content पर ज्यादा ध्यान दीजिए व गूगल के बाकी ranking factors पर भी।
15. Link from other websites
Backlinks यानी ऐसे लिंक्स जो किसी अन्य वेबसाइट से आपकी वेबसाइट को लिंक प्रदान करता हो. इससे वेबसाइट की रैंकिंग नहीं बढ़ती भी हैं व बढ़ती भी हैं। जब हम इसका सही उपयोग करते हैं तब वेबसाइट की रैंकिंग बढ़ती हैं और जब सही तरीके से उपयोग नहीं करते हैं तब वेबसाइट की रैंकिंग बढ़ने के बजाय उल्टा घटती हैं।
जब हम किसी Quality व relatable वेबसाइट से Guest post के माध्यम से अपने वेबसाइट को Backlink प्रदान करते हैं तब यह Backlink का सही उपयोग कहलाता हैं वह जब हम किसी third party, spam व not relatable वेबसाइट से किसी गलत तरीके से Backlink बनाते हैं तब यह Backlink का गलत उपयोग कहलाता हैं।
FAQ’s – Google Ranking Factors in Hindi
Google ranking factors का मतलब वह Factors जो गूगल पर रैंक करने के लिए सहायक हैं।
आज के समय मे Google का सबसे बड़ा Ranking factors एक बेहतर और Quality content हैं।
जी हाँ । Google ranking factors का सही इस्तेमाल करके हम वेबसाइट पर ट्रैफिक ला सकते हैं।
निष्कर्ष
उम्मीद हैं की आपको इस लेख से आज बहुत कुछ सीखने को मिला होगा और आपने Google Ranking factors in Hindi के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी के साथ विस्तार से जानकारी प्राप्त कर ली होगी. अगर आपके मन मे इंटरनेट, सोशल मीडिया, टेक्नोलॉजी से समबंधित विषय मे कोई भी सवाल हैं तो नीचे कमेन्ट मे अवश्य पूछे और इस आर्टिकल को सोशल नेटवर्क जैसे LinkedIn, Twitter, Facebook पर भी शेयर कीजिए।
Very good content