आज हम बात करने जा रहे है NLP की जिसका पूरा नाम होता है नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, जो की कंप्युटर तकनीकी के क्षेत्र मे काफी महत्वपूर्ण है ऐसे मे अगर आप कंप्युटर तकनीकी को जानने और समझने मे रुचि रखते है तब आपको नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग क्या है, इसके बारे मे अवश्य जानना चाहिए, इस आर्टिकल मे हम इसी के बारे मे विस्तार से चर्चा करने वाले है।
कंप्युटर की दुनिया को ही हम कंप्युटर विज्ञान कह सकते है जिसमे की कंप्युटर से संबंधित चीजों पर अध्ययन कराया जाता है और उसका ही आर्टिफिशियल इन्टेलिजन्स एक हिस्सा है और इसी आर्टिफिशियल इन्टेलिजन्स के Concept का एक हिस्सा NLP यानि नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग भी है इसी की वजह से आज इंसानों की भाषा को मशीन समझकर तुरंत उसका दे पा रहे है।
आज के समय मे इसका उपयोग एक से बढ़कर एक कार्यों किया जाता है, आर्टिफिशियल इन्टेलिजन्स के बारे मे तो आप जानते ही होंगे यह एक तरह तकनीक है जिसके तहत मशीन को इंसानों की तरह सोचने और समझने की शक्ति प्रदान की जाती है उसी मे यह NLP भी आता है, अब थोड़ा बहुत तो इसे समझ लिया होगा लेकीन अभी भी इसके बारे मे काफी कुछ जानना बाकी है।
तो फिर चलिए अब बिना किसी देरी के नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) क्या है, इससे जुड़ी सारी जानकारीया को जानते है।
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग क्या है – What is Natural Language Processing in Hindi
NLP का पूरा नाम Natural Language Processing होता है यह कंप्युटर की दुनिया की एक प्रकार की तकनीक जिसके माध्यम से कंप्युटर, मशीन इंसानों के भाषाओ को समझ पाता है और उसके बाद उसे उसका आउट्पुट भी इंसानी भाषा मे ही प्रदान करता है, मतलब यह आर्टिफिशियल इन्टेलिजन्स की सहायता से किसी उपकरण को यह इस तरह की क्षमता प्रदान करता है जिसकी सहायता से वह उपकरण इंसानों के साथ इंसानी भाषा मे ही Communicate कर पाता है।
यह कंप्युटर साइंस, आर्टिफिशियल इन्टेलिजन्स, मशीन लर्निंग इनका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, इस Technology की मदद से मशीन या कंप्युटर को इस तरह से प्रोग्राम किया जाता है जिससे की वे नेचुरल लैंग्वेज यानि इंसानी भाषा जैसे अंग्रेजी, इनमे दिए गए निर्देश को समझने मे और उसी निर्देश के अनुसार कार्य करके उसका आउट्पुट उसी भाषा मे देने मे सक्षम हो पाते है
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग आर्टिफिशियल इन्टेलिजन्स का ही शाखा है जो की मशीनो को इस तरह प्रोग्राम करने मे मदद करता है जिससे की वे इंसानों के साथ इंसानी भाषा मे ही Communicate कर पाते है, जैसे आपने गूगल अससिस्टेंट और अलेक्सा के बारे मे सुना ही होगा, ये दोनों ऐसे डिवाइस है जो की इंसानों के साथ इंसानी भाषा मे बातचीत कर पाते है, तो आखिर ये कैसे करते है तो आपको बता दे की नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के इस्तेमाल से ही ये कर पाते है।
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का इतिहास (History of NLU)
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का शुरुआत सन 1940 मे हुआ था, उस विषय इसकी मदद से एक ऐसे कंप्युटर प्रोग्राम या मशीन बनाने की कोशिश की जा रही थी जो की Automatic ही किसी एक भाषा को समझकर दूसरी भाषा मे बदल दे, सीधे कहे तो Language Translator बनाने का प्रयास चल रहा था। जिसके बाद 1948 मे पहली दफा एक ऐसा नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग को Introduce किया गया, जिसे की पहचाना जा सकता था।
कुछ इस तरह इसका शुरुआत हुआ था, जिसके बाद इसको लेकर काफी सारे Research कीये गए और 2011 मे Apple INC. Siri को विकसित किया जो की उस समय का सबसे सफल नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का उदाहरण था।
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के Components
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग यानि NLP को दो घटकों मे विभाजित किया गया है जो की इस प्रकार है :-
1. NLU (Natural Language Understanding)
NLU का पूरा नाम नैचुरल लैंग्वेज अन्डर्स्टैन्डिंग होता है, यह एक तरह की टेक्नोलॉजी जो की नेचुरल लैंग्वेज यानि इंसानी भाषा को Analyze करके उसे मशीन के भाषा मे परिवर्तित कर देता है ताकि मशीन यूजर के निर्देश को समझ सके मतलब यह नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का एक तरह का हिस्सा है जो की इंसानी भाषा को मशीन के भाषा मे बदल देता है ताकि मशीन उसे समझ पाए। इसमे शाब्दिक (Lexical), वाक्य-रचना-संबंधी (Syntactical) और संदर्भित (Referential) जैसे अस्पष्टता मौजूद होते है।
2. NLG (Natural Language Generation)
NLG का पूरा नाम नेचुरल लैंग्वेज होता है, यह एक तरह का ट्रांसलेटर होता है जो की कंप्युटर के आउट्पुट डेटा को नेचुरल लैंग्वेज मे बदलने का कार्य करता है यानि Computerized डेटा को यह नेचुरल लैंग्वेज उत्पन्न करता है आसान शब्दों मे कहे तो यह प्राप्त डेटा को नेचुरल लैंग्वेज मे परिवर्तित करने की प्रक्रिया है इसमे Text Planning, Sentence Planning और Text Realization यह तीन स्टेप्स शामिल होते है।
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के चरण (Phases Of NLP)
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के मुख्य रूप से पाँच Phases होते है जो की कुछ इस प्रकार है :-
1. शाब्दिक विश्लेषण (Lexical Analysis)
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का पहला चरण Lexical Analysis होता है, जिसे की Morphological Analysis के नाम से भी जाना जाता है इसके तहत Words के Structure का Analysis किया जाता है, NLP के इस Phase मे Text को अलग अलग भागों मे विभाजित कर दिया जाता है और उसका Analysis किया जाता है ताकि शब्दों मे मौजूद अस्पष्टता को पहचाना जा सके।
2. वाक्य-रचना-संबंधी विश्लेषण (Syntactical Analysis)
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का दूसरा चरण Syntactical Analysis होता है जिसमे की Sentence को चेक किया जाता है की व्याकरण की दृष्टि से सही है या नहीं, और उसके बाद उनके शब्दों को एक एक कर के व्याकरण की दृष्टि से एक सही Form मे जमाकर एक Sentence बना दिया जाता है और उन शब्दों के आपस मे Relationship को भी प्रदर्शित किया जाता है।
3. शब्दार्थ विश्लेषण (Semantic Analysis)
अब नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का तीसरा चरण Semantic Analysis होता है जिसमे की जो Sentence निकलकर आया है उसके Meaning का Analysis किया जाता है, इसमे Sentence और उसके शब्दों के शाब्दिक अर्थ पर ध्यान दिया जाता है सीधे कहे तो तो इस चरण मे Sentence के एकदम सही अर्थ को निकाला जाता है।
4. भाषण एकीकरण (Discourse Integration)
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का चौथा चरण Discourse Integration है जिसके तहत वर्तमान के Sentence के पहले वाले Sentence वाले Sentence का Analysis किया जाता है जिसके आधार पर Sentence के असल अर्थ को पता किया जाता है, आसान भाषा मे कहे तो इसमे वाक्य के अर्थ को उसके पहले वाले वाक्य के अर्थ से समझा जाता है जिससे वाक्य का असल अर्थ पता चलता है।
5. व्यावहारिक विश्लेषण (Pragmatic Analysis)
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का पाँचवा और आखिरी चरण Pragmatic Analysis है जिसके तहत Sentence या Text के असल अर्थ का Analysis किया जाता है और उस Sentence या Text के पीछे के उद्देश्य को समझा जाता है, जिसकी वजह से मशीन को असल दुनिया की जानकारी की आवश्यकता पड़ती है।
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के अनुप्रयोग (Application)
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का उपयोग विभिन्न कार्यों के लिए विभिन्न क्षेत्रों मे किया जाता है मतलब NLP के कई सारे अनुप्रयोग है जैसे :-
1. Speech Recognition
यहाँ पर Speech Recognition कहने का मतलब ऐसे टेक्नोलॉजी से है जो की Speech यानि उपयोगकर्ता के द्वारा दिए गए भाषण को पहचान लेते है जैसे गूगल असिस्टेंट जो की इंसानी भाषा मे बोले गए Speech को समझकर दिए गए निर्देश को सटीक तरीके से पूरा कर देता है, इन्हे विकसित करने मे काफी अच्छे तरीके से नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का प्रयोग किया गया है।
2. Machine Translation
आजकल आपने देखा होगा की ऐसे कई सारे Tools आ चुके है जो की किसी एक भाषा मेलिखे गए Text या बोले गए Voice को किसी दूसरी भाषा मे काफी सटीकता के साथ Real time मे Translate कर देते है जैसे गूगल ट्रांस्लेट, इनमे नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का उपयोग काफी अच्छे तरीके से किया गया है तभी तो यह इंसानी भाषा को समझने मे सक्षम है।
3. Chat Boat
चैट बोट से तात्पर्य उन रोबोट से है जो की उपयोगकर्ता के साथ Chat कर सकता है, जो की उपयोगकर्ता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब अपने डेटाबेस मे ढूंढकर उसे उसी के भाषा मे दे देता, इसमे भी नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का उपयोग किया गया है तभी तो यह ऐसा करने मे सक्षम हो पाता है। आजकल Chat Boats हमें काफी सारे वेबसाइट्स और Apps मे मिलते है।
4. Search Engine
सर्च इंजन मे इसका उपयोग काफी सारे अलग अलग कार्यों के लिए किया जाता है, आपने देखा होगा की हम जब सर्च इंजन मे कुछ भी सर्च कर रहे होते है तब यह Automatic ही काफी सारे Keywords Suggest करता है जैसे हम सर्च कर रहे है “ऑनलाइन” तब यह “ऑनलाइन शॉपिंग, ऑनलाइन फॉर्म” जैसे कई सारे कीवर्ड खुद से ही Suggest कर देता है।
5. Grammar Checkers
Grammar Checker Tools मे भी नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग का उपयोग किया जाता है तभी तो वे इंसानों की भाषा मे Grammar सबंधित गलती को ढूंढ कर उन्हे Fix कर देता है, अगर हम कुछ लिख रहे है और उसमे Grammar की गलती हो जाए तो चलता है लेकीन Professionals के साथ ऐसा नहीं है उन्हे लिखते समय Grammar पर बहुत ध्यान देना पड़ता है इस वजह से वे इसके लिए Grammar Checker Tool का उपयोग करते है।
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के फायदे (Advantages of NLP)
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के कई सारे Advantages है जिन सभी को मैंने नीचे Mention किया है :-
- NLP मशीन को इंसानी भाषाओ को समझने और इंसानों से उनकी ही भाषा मे Communicate करने मे मदद करता है।
- NLP के Tool हमेशा कार्य करने के लिए तैयार होते है सीधे कहे तो इसके Tool 24 घंटे और 7 दिनों कार्य करने मे सक्षम होते है।
- NLP उपयोगकर्ता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब उसी के भाषा मे पूर्ण सटीकता के साथ जवाब देने मे सक्षम होते है।
- NLP Productivity को काफी अधिक बढ़ा देता है क्योंकि यह इंसानों द्वारा कीये जा रहे Manually कार्य को तुरंत ही Automatic कर देता है।
- NLP टेक्नोलॉजी काफी सारे Text वाले डेटा का बहुत ही कम समय मे Analysis कर सकते है।
- NLP Real Time यानि तुरंत कार्य करता है जिससे की समय की काफी बचत होती है।
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के नुकसान (Disadvantages)
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के फायदे तो कई सारे है लेकीन साथ मे इसके कुछ नुकसान भी है जैसे :-
- नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग 100 प्रतिशत विश्वसनीय नहीं है, यह गलत भी हो सकती है।
- यह अलग अलग कार्यों को नहीं कर सकती है यह विशेष तरह के कार्य जैसे Text से संबंधित कार्य को करने मे सक्षम है।
- NLP कठिन प्रश्नों का उत्तर नहीं दे सकती है जिसमे की काफी सारी अस्पष्टता हो।
- यह किसी तरह से भविष्यवाणी करने मे सक्षम नहीं है।
- NLP से बनाई गए Tools अभी कुछ ही भाषाओ मे कार्य करने मे सक्षम है, हर एक इंसानी भाषा मे अभी यह कार्य नहीं कर सकता है। किसी भाषा को NLP तभी समझ सकता है जब उसके पास उससे समबंधित डेटा मौजूद हो।
FAQ’s (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
NLP का शुरुआत 1940 के दशक मे हुआ था।
NLP कया फूल फॉर्म Natural Language Processing होता है।
Alexa, Siri, Google Assistant ये सब NLP के सबसे अच्छा उदाहरण है।
निष्कर्ष
NLP यानि नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग,आर्टिफिसियल इन्टेलिजेन्स तकनीक का काफी महत्वपूर्ण Concept है जिन्हे समझना हर एक टेक्नोलॉजी और कंप्युटर प्रेमी के लिए काफी आवश्यक था, अब मैंने आप सभी प्रिय पाठकों के साथ Natural Language Processing in Hindi से संबंधित सारी जानकारीयो को विस्तार से साझा कर दिया है।
उम्मीद है की आज का यह लेख आप प्रिय पाठकों के लिए काफी फायदेमंद और उपयोगी रहा होगा जिसको की पढ़कर आप सभी ने NLP क्या है, इस बारे मे जानकारी हासिल कर ली होगी और आपके मन मे कोई सवाल या Doubt अभी भी रह गया हो तो उसे नीचे Comment मे जरूर लिखकर बताइएगा।