जिस तरह हम इंसान Communicate करने के लिए एवं एक दूसरे के साथ Interact करने के लिए विभिन्न तरह भाषाओ, इशारों का उपयोग करते है उसी तरह मशीन की भी अपनी भाषा होती है जिसके माध्यम से हम इंसान मशीनो के साथ Interact कर सकते है, मशीन भाषा क्या है? आज के इस आर्टिकल मे हम इसी बारे मे जानने जा रहे है।
आज हम सब स्पष्ट रूप से देख सकते है की कंप्युटर और टेक्नोलॉजी कितनी Advance हो चुकी है अब हर तरह के कार्य मशीनों से किए जा रहे है, तो सवाल यह है की ये कंप्युटर मशीन को कैसा पता चल पाता है की किसी कार्य को कैसे और किस तरह करना है, कैसे इंजीनियर मशीन को निर्देश देते है तो आपको बता दे की इसमे मशीनी भाषा का महत्वपूर्ण योगदान है।
प्रोग्रामिंग भाषा जिसके जरिए हम कंप्युटर को निर्देश देते है और उससे Interact कर पाते है यह काफी हद तक Similar होता है अंग्रेजी भाषा से लेकीन इसमे लिखे कोड को अंत मे मशीनी भाषा मे बदलना पड़ता है तब जाके इनमे लिखे गए Codes कंप्युटर पर Execute हो पाते है तो कुल मिलाकर देखे तो मशीनी भाषा कंप्युटर की दुनिया का महत्वपूर्ण भाग है।
जिसके बारे मे जानना हम सभी को काफी जरूरी है तो चलिए फिर अब हम मशीनी भाषा क्या है, इससे जुड़ी समस्त जानकारीयो को विस्तार से जानते है।
मशीन भाषा क्या है – What is Machine Level Language in Hindi
मशीन भाषा एक ऐसी भाषा है जिसे की मशीन या कंप्युटर सीधे तौर पर समझते है इसे बाइनरी भाषा भी कहा जाता है क्योंकि इसमे सिर्फ और सिर्फ दो अंक शामिल होते है जिनमे से पहले 0 और दूसरा 1 है, 0 से तात्पर्य है बंद (Off) और 1 से तात्पर्य है चालू (On), इन्ही दो अंकों को बाइनरी अंक के नाम से भी जाना जाता है। मशीन भाषा एक तरह से कंप्युटर विकास की पहली पीढ़ी है एवं यह एक तरह की निम्न स्तर की भाषा है।
मशीन भाषा या Machine Level Language से तात्पर्य ऐसी भाषा से है जिसे की मशीन समझते है, जिस तरह इंसान Natural language यानि इंसानी समझता है उसी तरह कंप्युटर या मशीन की भी अपनी भाषा है जिसके द्वारा हम मशीन या कंप्युटर को निर्देश दे सकते है और इसी भाषा को मशीनी भाषा या बाइनरी भाषा के नाम से जाना जाता है इसमे लिखे गए Codes को कंप्युटर आसानी से समझ पाते है।
मशीन भाषा को एक आसान शब्दों मे समझे तो यह कंप्युटर की अपनी मूल भाषा है जिस भाषा को ही सिर्फ कंप्युटर समझते है और इसी भाषा के माध्यम से दिए गए निर्देश को निर्देश के रूप मे प्राप्त करते है, इंसानों के द्वारा इस भाषा को समझना कठिन होता है और याद रखना भी काफी कठिन होता है।
जिसके लिए आगे चलकर असेंबली भाषा एवं प्रोग्रामिंग भाषा को विकसित किया गया जिसे इंसान जल्दी समझ सकते थे और याद भी रख सकते थे क्योंकि यह भाषा अंग्रेजी से मिलता जुलता था लेकीन इसे भी कंप्युटर सीधे नहीं समझ सकता है बल्कि इसे पहले Translate करना पड़ता है मशीनी भाषा मे, जिसके बाद ही कंप्युटर इसे समझ पाते है।
मशीन भाषा को किसने बनाया?
अब यह सवाल आता है की मशीन भाषा को किसने बनाया? तो आपको बता दे की मशीनी भाषा Develop किया गया था 1883 मे और इसको Charles Babbage जो की एक ब्रिटिश आविष्कारक, मेकनिकल इंजीनियर है इसके Develop किया गया था।
मशीन कोड क्या है (Machine Code in Hindi)
मशीन कोड वे कोड होते है जो की मशीनी भाषा यानि की बाइनरी भाषा मे लिखे गए होते है इन्हे सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) बड़ी ही आसानी से Execute कर लेता है वहीं पर आज के समय मे जिन प्रोग्रामिंग भाषाओ मे कोड लिखे जाते है उनके कोड को भी अंत मे मशीन कोड मे बदलना पड़ता है तभी उन्हे कंप्युटर Execute कर पाता है।
मतलब जब प्रोग्रामिंग भाषा जैसे Java, Python, HTML इत्यादि मे कोई कंप्युटर प्रोग्राम बनाया जाता है तब उसमे अंग्रेजी के Alphabets, Numbers, Symbols इन सब का उपयोग किया जाता है जो की इन प्रोग्रामिंग भाषा के कोड होते है जिन्हे सीधा कंप्युटर नहीं Execute नहीं कर सकता इस वजह से उसे Compiler, Interpreter की मदद से मशीन कोड मे बदला जाता है जिसमे 0 और 1 ये दो ही बाइनरी कोड मौजूद होते है जिसे की कंप्युटर Execute कर लेता है।
मशीनी भाषा के उदाहरण (Examples)
आप सभी को मैं मशीनी भाषा के और कुछ उदाहरण देता हूँ की जिससे आप मशीनी भाषा को और अच्छे से समझ पाएंगे।
हम और आप छियालीस (Forty Six) को कैसे लिखते है, 46 कुछ इस तरह, लेकीन इसे कंप्युटर नहीं समझ सकता, उसके लिए हमें मशीन (बाइनरी) कोड मे बदलना पड़ेगा तो इसके हमें 101110 कुछ इस तरह लिखना पड़ेगा यहीं 46 का बाइनरी कोड है जिसे की कंप्युटर समझता है।
इसी तरह हम और आप बाईस (Twenty two) और चौबीस (Twenty Four) इसको कुछ इस तरह 22 और 24 लिखते है लेकीन वहीं पर इसे हम बाइनरी कोड यानि मशीनी भाषा मे 10110 और 11000 कुछ इस तरह लिखेंगे।
मशीनी भाषा का उपयोग (Uses)
मशीनी भाषा का उपयोग कुछ इस प्रकार है :-
1. कंप्युटर के शुरुआती समय मे यानि कंप्युटर की पहली पीढ़ी के कंप्युटर सिस्टम सॉफ्टवेयर मशीनी भाषा के ही उपयोग से ही विकसित किए गए थे।
2. ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे विभिन्न सिस्टम सॉफ्टवेयर को बनाने मे मशीनी भाषा कया इस्तेमाल किया जाता है।
3. असेम्ब्लर, कम्पाइलर, इन्टरप्रीटर, नेटवर्क ड्राइवर को बनाने मे मशीनी भाषा और लो लेवल लैंग्वेज का ही उपयोग किया जाता है।
4. कई सारे Device Driver मशीनी भाषा की मदद से ही विकसित किए जाते है।
मशीन भाषा की विशेषताएं (Characteristics)
मशीन भाषा कंप्युटर Friendly भाषा है इसकी विशेषताएं निम्नलिखित है :-
1. मशीन भाषा सिर्फ और सिर्फ बाइनरी अंक 0 और 1 के साथ कार्य करते है।
2. कंप्युटर सिर्फ बाइनरी कोड्स मे दिए गए निर्देश को समझता है, मशीनी भाषा मे कोड्स बाइनरी अंकों मे लिखे जाते है।
3. मशीनी भाषा कंप्युटर भाषा की प्रथम पीढ़ी यानि की First Generation है।
4. मशीन भाषा मे लिखे गए बाइनरी कोड्स को हमें Translate करना नहीं पड़ता है इसके कोड को कंप्युटर सीधे Execute करता है।
5. मशीन भाषा कंप्युटर Friendly होता है जिस वजह से इन्हे इंसानों द्वारा समझना काफी कठिन और याद रखना जटिल कार्य है।
6. मशीनी भाषा मे Errors को ढूंढना और उन Errors को Fix करना काफी जटिल होता है।
मशीनी भाषा और प्रोग्रामिंग भाषा मे अंतर (Differences between Machine Language and Programming Language)
मशीनी भाषा और प्रोग्रामिंग भाषा दोनों मे काफी सारे अंतर मौजूद है जिन सभी को मैंने तालिका मे Mention किया हुआ है :-
Machine Language | Programming Language |
यह कंप्युटर भाषा की पहली पीढ़ी है। | यह कंप्युटर भाषा की तीसरी पीढ़ी है। |
इस भाषा मे लिखे गए कोड को कंप्युटर सीधे Execute करता है। | इस भाषा मे लिखे गए कोड को कंप्युटर सीधे Execute नहीं कर सकता है। |
इसे इंसानो द्वारा समझ पाना, सिख पाना काफी अधिक मुश्किल होता है। | इसे इंसानों द्वारा समझ पाना सिख पाना मशीन भाषा के मुकाबले आसान है। |
इस भाषा मे Codes बाइनरी अंकों मे लिखे जाते है। | इस भाषा मे कोड Alphabets, Symbols, Numbers इन सब मे लिखे जाते है। |
इसमे लिखे गए Codes काफी जल्दी Execute हो जाती है। | इसमे लिखे गए Codes मशीन भाषा के मुकाबले देरी से Execute होते है। |
मशीनी भाषा के गुण और दोष (Advantages/Disadvantages)
मशीनी भाषा के लाभ और हानि दोनों ही है जिनमे से इसके प्रमुख लाभ नीचे लिखे हुए है :-
- मशीन भाषा मे लिखे गए Codes को Execute करने के लिए किसी भी तरह Translator जैसे Compiler, Interpreter इन सब की जरूरत नहीं होती है।
- इस भाषा मे लिखे गए प्रोग्राम अन्य भाषा मे लिखे गए प्रोग्राम की तुलना मे तेज गति के होते है।
- यह एक तरह का कंप्युटर Friendly भाषा है यानि इसे कंप्युटर सीधे तौर पर समझता है।
- इस भाषा का कंप्युटर और प्रोग्रामिंग के क्षेत्र मे महत्वपूर्ण योगदान रहा है क्योंकि यहीं कंप्युटर भाषा की पहली पीढ़ी है इसी के बदौलत आज कंप्युटर इतना विकसित हो पाया है।
- मशीन भाषा का उपयोग आज के समय मे उच्च स्तर के कंप्युटर System निर्माण के लिए उपयोग मे लाया जाता है।
मशीनी भाषा के जिस तरह लाभ है उसी तरह इसके काफी सारे नुकसान भी है जैसे “-
- इस मशीन भाषा को सिख पाना और समझ पाना काफी कठिन है।
- इस मशीन भाषा के कोड मे मौजूद Errors को ढूंढ पाना काफी कठिन कार्य है।
- इस मशीन भाषा मे कोई कंप्युटर प्रोग्राम बनाना काफी कठिन कार्य है।
- इस भाषा का उपयोग करके कोई प्रोग्राम तैयार करना काफी Time consuming है अर्थात इसमे प्रोग्राम बनाने मे काफी समय लगता है।
- इस भाषा के कोड को याद रखना काफी कठिन होता है।
FAQ’s (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
मशीनी भाषा कया आविष्कार Charles Babbage जो की एक ब्रिटिश आविष्कारक, मेकनिकल इंजीनियर इन्होंने किया था।
जी हाँ, मशीनी भाषा एक निम्न स्तर की भाषा है।
मशीनी भाषा को दूसरे शब्दों मे बाइनरी भाषा कहते है।
निष्कर्ष
मशीनी भाषा कंप्युटर भाषाओ की शुरुआती पीढ़ी है इसी की वजह से ही कहीं न कहीं आज कंप्युटर प्रोग्रामिंग का क्षेत्र इतना विकसित हो पाया है इस वजह से हम सभी को मशीनी भाषा के बारे मे जानना आवश्यक था, अब मैंने आप सभी पाठकों के साथ मशीन लैंग्वेज क्या है? इससे जुड़ी सारी जानकारीयो विस्तार से साझा कर दिया है।
उम्मीद है की अब आप सभी पाठकों ने इस लेख के माध्यम से काफी valuable जानकारी हासिल कर ली होगी और यह भी समझ लिया होगा की आखिर मशीनी भाषा क्या है (What is Machine Language in Hindi) अगर आप सभी के दिमाग मे इस विषय को लेकर कोई सवाल या किसी भी प्रकार का संदेह रह गया है तो उसे नीचे Comment मे बेझिझक लिख सकते है।