नमस्ते दोस्तों, कंप्युटर सिस्टम यूनिट क्या है? इसके बारे मे हो सकता है की आपने पहले से ही सुन रखा हो और ये भी हो सकता है की आपको सिस्टम यूनिट के विषय मे बिल्कुल भी जानकारी नहीं हो। आपको बता दे की सिस्टम यूनिट एक डेस्कटॉप कंप्युटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है जिसके बारे जानना और जिसे समझना हम सभी के लिए काफी अधिक आवश्यक है।
कंप्युटर के आते ही हमारा जीवन पूरी तरह बदल चुका है इसे हम सब खुद महसूस कर सकते है और देख भी सकते है, आने वाले समय मे कंप्युटर और भी तेजी से प्रग्रति करने वाला है क्योंकि कंप्युटर की मांग पूरी दुनिया मे काफी अधिक है इसके बिना काफी सारे कार्य को नहीं किया जा सकता है ये सब हम सभी जानते है।
डेस्कटॉप कंप्युटर के बारे मे तो आप जानते ही होंगे यह कंप्युटर का एक ऐसा प्रकार है जिसे डेस्क यानि टेबल पर रखकर उपयोग मे लाया जाता है और इसी कंप्युटर का एक महत्वपूर्ण भाग सिस्टम यूनिट ही होता है जहां पर ही कंप्युटर मे हो रहे सभी कार्य का डेटा प्रोसेस होता है, सिस्टम यूनिट को कई सारे लोग CPU के नाम से जानते है जो की इसका बिल्कुल गलत नाम है।
क्योंकि CPU कंप्युटर के सिस्टम यूनिट के अंदर लगा होता है, आज का यह आर्टिकल सिस्टम यूनिट पर ही पूरी तरह आधारित है तो चलिए फिर सिस्टम यूनिट से जुड़ी समस्त जानकारीयो को जानना शुरू करते है।
सिस्टम यूनिट क्या है – What is System Unit in Hindi
सिस्टम यूनिट पर्सनल कंप्युटर या डेस्कटॉप कंप्युटर का मुख्य भाग होता है जिसका बाहर का दृश्य डब्बे के रूप मे दिखाई देता है, इसी के माध्यम से कंप्युटर पर किए जाने वाले समस्त कार्य संचालित होते है इसी मे कंप्युटर के समस्त महत्वपूर्ण भाग मौजूद होते है इस वजह से ही इसे डेस्कटॉप या पर्सनल कंप्युटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग कहा जाता है यानि कंप्युटर के समस्त हार्डवेयर को सिस्टम यूनिट ही नियंत्रित करता है।
जो भी कार्य और जो भी डेटा कंप्युटर पर प्रोसेस होता है वे सभी सिस्टम यूनिट के द्वारा ही होते है, कंप्युटर के सभी अलग अलग भाग जैसे कीबोर्ड, मानिटर, माउस, स्पीकर इत्यादि सभी कंप्युटर के सिस्टम यूनिट से ही जुड़े हुए होते है जब हम कंप्युटर के कीबोर्ड के माध्यम से किसी भी Document को प्रिन्ट करने के लिए कंप्युटर को निर्देश देते है तब वह निर्देश कीबोर्ड से सिस्टम यूनिट तक पहुंचता है और उसके बाद ही सिस्टम यूनिट प्रिंटर को प्रिन्ट करने के लिए डेटा Send करता है जिसके बाद ही प्रिंटर Document को प्रिन्ट करता है।
एक तरह से सिस्टम यूनिट PC का मुख्य भाग है जिसमे ही कंप्युटर के डेटा का प्रोसेसिंग और समस्त कार्यों का संचालन होता है इसी मे ही कंप्युटर के मुख्य अंग जैसे CPU, Memory device, Graphic card, Processor, Motherboard, Power Supply इत्यादि मौजूद होता है।
जिस तरह मानव के कंकाल मे उसके शरीर के महत्वपूर्ण अंग जैसे फेफड़ा, किडनी, पाचन तंत्र, मस्तिष्क इत्यादि रहते है और सभी मिलकर एक मानव शरीर का निर्माण करते है कुछ उसी तरह कंप्युटर के कैबिनेट मे कंप्युटर के महत्वपूर्ण अंग जैसे CPU, Memory device, Processor, Motherboard, Power Supply इत्यादि ही मिलकर सिस्टम यूनिट बनाते है।
सिस्टम यूनिट कितने प्रकार के होते है (Types)
सिस्टम यूनिट मुख्यतः दो प्रकार के होते है जो की कुछ इस प्रकार है :-
1. डेस्कटॉप सिस्टम यूनिट
यह सिस्टम यूनिट का सबसे पहला प्रकार जो की अक्सर हमें डेस्कटॉप कंप्युटर मे दिखाई देता है इसका आकार काफी बड़ा होता है जिसके अंदर कंप्युटर के सभी महत्वपूर्ण अंग मौजूद होते है, इस तरह सिस्टम यूनिट मे हम कंप्युटर के अंग जैसे मानिटर, स्पीकर इत्यादि को Connect और Disconnect दोनों कर सकते है इसे सामान्यतः एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना कठिन होता है।
2. नोटबुक सिस्टम यूनिट
यह एक ऐसा सिस्टम यूनिट होता है जिससे कंप्युटर के सभी अंग Internally (आंतरिक रूप से) Connected होता है, इसका आकार भी छोटा व काफी पतला होता है, इस सिस्टम यूनिट के Ram, Graphic Card, Processor इत्यादि मे बदलाव नहीं कर सकते है क्योंकि इसमे सभी Embedded होते है इसलिए इसे Embedded System कहा जाता है एवं इसमे USB Ports लगे होते है जिससे बाहरी उपकरण को कंप्युटर से जोड़ सकते है। इसका उपयोग समान्यतः लैपटॉप मे किया जाता है।
इसी तरह टैबलेट सिस्टम यूनिट और Handheld सिस्टम यूनिट भी होते है जिन्हे हम इसके प्रकार मे शामिल कर सकते है क्योंकि उन दोनों सिस्टम यूनिट का भी उपयोग टैबलेट, मोबाइल जैसे पर्सनल कंप्युटर डिवाइस मे किया जाता है।
सिस्टम यूनिट के Varieties
सिस्टम यूनिट आजकल दो Varieties के मौजूद है जो की निम्नलिखित है :-
1. डेस्कटॉप टाइप
यह एक ऐसा सिस्टम यूनिट है जो एक आयात के आकार का होता है इसके अंदर ही कंप्युटर के समस्त मुख्य अंग मौजूद होते है, डेस्कटॉप टाइप को टेबल पर लेटाया जाता है या लेटा कर रखा जाता है मतलब इसे horizontal Shape मे रखा जाता है जिसके ऊपर मानिटर को रखकर भी कार्य किया जा सकता है, इस तरह के सिस्टम यूनिट का प्रचलन बहुत कम है।
2. टोअर टाइप
यह एक ऐसा सिस्टम यूनिट है जो की बिल्कुल डेस्कटॉप टाइप वाले सिस्टम यूनिट की ही तरह एक आयात के आकार का होता है लेकीन इसका इस्तेमाल इसे लेटा कर नहीं किया जाता है बल्कि इसे खड़ा करके मतलब इसे Vertical Shape मे रखकर इसे उपयोग मे लाया जाता है। आजकल इसी तरह के सिस्टम यूनिट का प्रचलन है।
सिस्टम यूनिट का कार्य क्या है?
सिस्टम यूनिट का मुख्य कार्य होता है कंप्युटर के समस्त अंगों एवं इनपुट आउट्पुट उपकरणों को आपस मे जोड़ना। इसी के माध्यम से कंप्युटर के सभी पुर्जे जैसे Motherboard, CPU, Hard Disk, Monitor, Graphic card, Keyboard, Power Supply इत्यादि व्यवस्थित रूप से एक दूसरे के साथ जुड़ पाते है और फिर सुचारु ढंग से कार्य करते है। इसमे कैबिनेट लगा होता है जो की कंप्युटर के संवेदनशील भाग को Damage होने से बचाता है एवं कंप्युटर के मुख्य भाग को बाहरी क्षति से सुरक्षा प्रदान करता है।
एक सिस्टम यूनिट मे व्यवस्थित रूप से अलग अलग Buttons लगे होते है जिससे उपयोगकर्ता को कंप्युटर को चालू बंद करने मे आसानी होती है। इसके आगे के भाग मे दो से तीन USB Ports लगे होते है जिनका की उपयोग करके उपयोगकर्ता अपने कंप्युटर के साथ किसी उपकरण को जोड़ सकता है एवं इसके पीछे वाले भाग मे USB Ports और अलग अलग Ports लगे होते है जिसकी मदद से हम सिस्टम यूनिट को कंप्युटर के अन्य भागों के साथ जोड़ सकते है।
सिस्टम यूनिट के मुख्य अंग (Components of system unit)
एक सिस्टम यूनिट के काफी सारे अलग अलग अंग होता है जिसके आधार पर ही कंप्युटर सुचारु ढंग से कार्य कर पाता है और ये कंप्युटर के काफी जरूरी अंग होते है जो कुछ इस प्रकार है :-
Motherboard
यह एक प्रकार प्रिंटेड सर्किट बोर्ड है जिसे आमतौर पर सिस्टम बोर्ड या मुख्य बोर्ड के नाम से भी जाना जाता है। कंप्युटर के सभी महत्वपूर्ण Components जैसे CPU, Ram आदि इसी के साथ जुड़े हुए होते है, मदरबोर्ड ही इन सभी Components को Power Supply करता है। इसे हम कंप्युटर की रीड की हड्डी भी कह सकते है।
CPU
CPU का पूरा नाम होता है Central Processing Unit। यह एक तरह का चिप होता है जो की कंप्युटर के समस्त कार्यों को नियंत्रित करता है इसे ही प्रोसेसर या माइक्रोप्रोसेसर के नाम से जाना जाता है यह कंप्युटर का दिमाग होता है जो की कंप्युटर के कार्यों को नियंत्रित करता है।
RAM
इसका पूरा नाम होता है Random Access Memory जिसे की कंप्युटर का Primary Memory भी कहा जाता है यह कंप्युटर के डेटा को अस्थायी रूप से स्टोर करके रखता है। यह डेटा को प्रोसेसर तक जल्द से जल्द पहुंचाता है एवं जब उस डेटा की जरूरत खत्म हो जाती है तब उसे यह मिटा देती है।
ROM
इसका पूरा नाम Read Only Memory होता है जो की मदरबोर्ड से ही जुड़ा हुआ होता है यह अपने अंदर डेटा को स्थायी रूप से स्टोर करके रखती है जो की कंप्युटर बंद होने के बाद भी इसमे स्टोर रहता है इसी मे कंप्युटर के BIOS का सॉफ्टवेयर स्टोर रहता है।
Hard Disk
यह कंप्युटर का स्टोरेज डिवाइस है जिसे कंप्युटर का Secondary Storage Device भी कहा जाता है जो की एक तरह के SATA USB के माध्यम से कंप्युटर से जुड़ा हुआ होता है। इसी मे कंप्युटर का समस्त डेटा स्थायी रूप से स्टोर होता है इसकी Storage Capacity काफी अधिक होती है।
Power Supply Unit
यह कंप्युटर के विभिन्न अंगों को Power यानि बिजली Supply करता है जिसे की SMPS यानि Switch Mode Power Supply भी कहा जाता है जो की घर पर प्राप्त होने वाले 220Volte के Alternate Currant को 12 Volte के Direct Currant मे बदलकर उसे कंप्युटर के सभी पुर्जों तक Supply करता है।
Speaker
कंप्युटर मे स्पेयकर अलग से लगाना पड़ता है लेकीन सिस्टम यूनिट के मदरबोर्ड मे एक छोटा सा स्पीकर भी लगा होता है जिसे की Beep Code स्पीकर के नाम से जाना जाता है यह कंप्युटर के हार्डवे भाग मे किसी भी प्रकार की कोई समस्या होने पर Beep का आवाज करता है।
Expansion Slot
यह काम आता है सिस्टम यूनिट के अंदर कोई नया उपकरण जोड़ने मे यानि Expansion Slot मदरबोर्ड या सिस्टम यूनिट पर किसी भी प्रकार का कोई नया उपकरण जोड़ने के काम आता है।
PCI
PCI का पूरा नाम Peripheral Components Interconnect होता है कंप्युटर मे किसी भी तरह का आंतरिक घटक जैसे कंप्युटर पर नेटवर्क कार्ड, ग्राफिक कार्ड, साउन्ड कार्ड इत्यादि को कंप्युटर ओर लगाने हेतु इसका उपयोग किया जाता है।
Graphic Card
ग्राफिक कार्ड एक तरह का कार्ड होता है जो की काफी महंगा आता है इस वजह से इसे हम कंप्युटर का सबसे महंगा घटक भी कह सकते है जो की ग्राफिक वाले कार्य जैसे वीडियो एडिटिंग, फोटो एडिटिंग, गेमिंग, ग्राफिक डिज़ाइनिंग इत्यादि मे उपयोग होता है इस वजह से इसे ग्राफिक कार्ड कहा जाता है जिसे मदरबोर्ड के PCI-e स्लॉट मे लगाते है।
Sound Card
इसे भी ग्राफिक कार्ड की तरह ही PCI-e स्लॉट मे लगाया जाता है जो की कंप्युटर के विभिन्न साउन्ड सिस्टम को मैनेज करने का कार्य करता है विभिन्न तरह के साउन्ड सिस्टम को साउन्ड कार्ड के जरिए ही कंप्युटर पर जोड़ा जा सकता है, आजकल के मदरबोर्ड मे साउन्ड कार्ड In-Built होते है।
Math Coprocessor
यह एक तरह का चिप या चिप का एक हिस्सा होता है जो की कंप्युटर पर गणित के विभिन्न कार्यों को पूरा करता है एवं CPU जिसे प्रोसेसर भी कह सकते है उसकी भी यह मदद करता है।
USB
इसका पुर नाम Universal Serial Bus होता है जो की एक तरह की व्यवस्था है जो की कंप्युटर और उसके उपकरणों के बीच Communication स्थापित करता है इसी USB के माध्यम से कंप्युटर के विभिन्न उपकरण जैसे कीबोर्ड, माउस इत्यादि को CPU के साथ आपस मे Connect किया जा सकता है।
CMOS
इसका फूल फॉर्म complementary Metal-oxide semiconductor होता है जो की एक तरह का चिप है जिसे कंप्युटर के मदरबोर्ड मे लगाया जाता है जिसमे की काफी सारा प्रोग्राम और Firmware पहले से ही Installed रहते है इसमे एक छोटा सा Battery जिसे CMOS Cell कहा जाता है वह लगा होता है जो की इसे पावर देता है।
AGP Bus
Accelerated Graphic Bus, AGP Bus का पूरा नाम है जो एक तरह का Slot है जो की उच्च स्तर के आने वाले ग्राफिक कार्ड, वीडियो कार्ड को सिस्टम यूनिट या मदरबोर्ड के साथ जोड़ता है। Motion Video, Three Dimensional Picture इत्यादि के लिए ही इसका इस्तेमाल किया जाता है।
सिस्टम यूनिट का सामने वाला भाग (Front part Of System Unit)
आजकल के आने वाले पर्सनल कंप्युटर के सिस्टम यूनिट के सामने वाले भाग मे हमें निम्नलिखित घटक मिलते है :-
Power Button
सिस्टम यूनिट के सामने वाले भाग मे हमें एक बड़ा सा पावर बटन मिलता है जिस पर क्लिक कर के हमें अपने कंप्युटर को चालू करना होता है, जिस पर क्लिक करने के बाद SMPS सिस्टम यूनिट के सभी भागों मे मे बिजली को Supply करना शुरू कर देता है जिसके बगल मे हमें LED लाइट भी मिलता है जो की पावर ऑन होने पर जलने लगती है।
Restart Button
पावर बटन के बगल मे ही हमें Restart का Button मिलता है जिस पर क्लिक करने से कंप्युटर रिस्टार्ट होता है मतलब कंप्युटर का सिस्टम सॉफ्टवेयर बंद होकर दोबारा चालू होता है। इसमे कंप्युटर का हार्डवेयर Turn Of नहीं होता है यानि इसमे कंप्युटर का Power Supply बंद हुए बिना ही कंप्युटर के सिस्टम सॉफ्टवेयर (ऑपरेटिंग सिस्टम) को Turn Off करके उसे दोबारा ऑन किया जाता है।
LED Button
रिस्टार्ट बटन के ही बगल मे LED बटन भी होता है जो की हर एक सिस्टम यूनिट मे नहीं होता है बल्कि यह सिर्फ उन्ही सिस्टम यूनिट मे मौजूद होता है जिसमे LED Lights होते है जिस पर क्लिक करके हम LED Lights को ऑन ऑफ कर सकते है, यह अक्सर गेमिंग कंप्युटर मे लगा होता है।
Audio Ports
सिस्टम यूनिट के सामने वाले भाग मे दो Audio Ports मौजूद होते है जिन्हे 3.5MM Audio Jack के नाम से भी जाना जाता है जिनकी सहायता से हेडफोन, स्पीकर, माइक जैसे Audio डिवाइसेस को कंप्युटर से जोड़ सकते है।
CD Drive
सी ड्राइव एक हार्डवेयर कम्पोनन्ट है जो की अक्सर सभी सिस्टम यूनिट मे मौजूद होता है लेकीन गेमिंग वाले कंप्युटर के सिस्टम यूनिट मे इस हार्डवेयर कम्पोनन्ट को हटा दिया जाता है। सीडी ड्राइव कंप्युटर पर सीडी डीवीडी इन सब का उपयोग करने हेतु काम मे आता है, सीडी ड्राइव के बगल मे एक बटन होता है जिसे Eject बटन के नाम से जाना जाता है जिसे जरिए सीडी डीवीडी को Insert किया जाता है और बाहर निकाला जाता है।
Floppy Disk Drive
फ्लॉपी डिस्क ड्राइव काम आता है, फ्लॉपी डिस्क के अंदर मौजूद डेटा को Access करने के लिए और कंप्युटर से डेटा फ्लॉपी डिस्क मे Transfer करने के लिए, यह हार्डवेयर कम्पोनन्ट भी सिस्टम यूनिट के सामने वाले भाग मे लगा मौजूद होता है।
सिस्टम यूनिट का पीछे का भाग (Back Side of System Unit)
सिस्टम यूनिट के पीछे वाले भाग मे भी काफी सारे अलग अलग तरह के तरह के घटक मौजूद होते है जिनके मैंने नीचे Mention किया हुआ है :-
Power Socket
सिस्टम यूनिट के पीछे मे पावर सॉकेट मौजूद होता है जिसके जरिए ही सिस्टम यूनिट को बिजली प्रदान की जाती है दरअसल पावर सॉकेट मे पावर केबल को जोड़ा जाता है और फिर उस पावर केबल को बिजली के बोर्ड से कनेक्ट किया जाता है जहां से Power Supply को बिजली Transfer होता है।
Monitor Port
सिस्टम यूनिट के पीछे Monitor पोर्ट मौजूद होता है जिसमे HDMI केबल और VGA केबल के माध्यम से मानिटर को कनेक्ट किया जाता है डिस्प्ले आउट्पुट प्राप्त करने के लिए। जिसके बाद ही मानिटर पर डेटा प्रदर्शित होता है इस पोर्ट को डिस्प्ले पोर्ट के नाम से भी जाना जाता है।
PS 2 Port
यह काफी पुराना पोर्ट है जिसका इस्तेमाल सिस्टम यूनिट से माउस तथा कीबोर्ड को जोड़ने के लिए किया जाता था और आज भी इस पोर्ट का उपयोग किया जाता है लेकीन आजकल USB पोर्ट वाले माउस और कीबोर्ड आ चुके है जिसकी वजह से PS2 Port का उपयोग कम ही होता है।
Ethernet Port
इस पोर्ट को RJ-45, RJ-11 और नेटोरक पोर्ट इत्यादि अलग अलग नामों से भी जाना जाता है दरअसल इस पोर्ट का इस्तेमाल एक कंप्युटर को किसी दूसरे कंप्युटर से जोड़ने एवं इन्टरनेट कनेक्शन का उपयोग करने हेतु किया जाता है।
Audio Jack Ports
जिस तरह सिस्टम यूनिट के सामने वाले हिस्से मे दो Audio Ports मौजूद होते है कुछ उसी तरह सिस्टम यूनिट के पीछे वाले हिस्से मे भी 3 Audio Ports मौजूद होते है जिसके सहायता से हम साउन्ड सिस्टम को सिस्टम यूनिट से जोड़ सकते हिय अलग अलग सिस्टम यूनिट मे इसकी संख्या अलग अलग भी हो सकती है।
Parallel Port
यह पोर्ट भी काफी पुराना है जिसका इस्तेमाल आज के समय मे न के बराबर किया जाता है इस पोर्ट की सहायता से Peripheral Devices को कंप्युटर से जोड़ा जाता था जिसका इस्तेमाल 1990 के दशकों मे होता था।
USB Ports
सिस्टम यूनिट के पीछे वाले भाग मे काफी सारे USB Ports मौजूद होते है जिनकी संख्या 5 से 6 होती है यह अलग अलग सिस्टम यूनिट मे अलग अलग होती है जिन USB Ports मे से एक से दो USB Ports 3.1, 3.0 के होते है जिसके जरिए तेजी गति से डेटा को Transfer किया जा सकता है और बाकी USB Ports 2.0 के आते है।
Cooling Fan
हर एक सिस्टम यूनिट मे पीछे की ओर कूलिंग फैन मौजूद होता है जो की सिस्टम यूनिट के अंदर के गर्म हवा को बाहर निकालता है और सिस्टम यूनिट के सभी यूनिट को ठंडा रखता है जिसकी वजह से सिस्टम यूनिट के सभी घटक सही ढंग से लंबे समय तक कार्य कर पाते है।
FAQ’s (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
सिस्टम यूनिट पर्सनल कंप्युटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है जिसमे ही पर्सनल कंप्युटर के समस्त महत्वपूर्ण घटक मौजूद होते है।
सिस्टम यूनिट कए कुछ महत्वपूर्ण घटक कुछ इस प्रकार है जैसे मदरबोर्ड, CPU, ग्राफिक कार्ड,, पावर सप्लाइ, RAM, Hard Disk इत्यादि।
जी नहीं, सीपीयू और सिस्टम यूनिट अलग अलग है सिस्टम यूनिट के अंदर मे सीपीयू मौजूद होता है लोग भुल मे सिस्टम यूनिट को ही सीपीयू कह देते है।
निष्कर्ष
सिस्टम यूनिट कंप्युटर का मुख्य अंग होता है जिसमे ही कंप्युटर का समस्त डेटा मौजूद रहता है एवं कंप्युटर का Performance कैसा होगा यह भी पूरी तरह सिस्टम यूनिट मे लगे घटकों पर निर्भर होता है इसी वजह से सिस्टम यूनिट को कंप्युटर का सबसे महत्वपूर्ण और मुख्य अंग कहा जाता है, कई लोग इसे भूल चूक मे CPU भी कह देते है, अब मैंने आप सभी प्रिय पाठकों को सिस्टम यूनिट क्या होता है, इससे जुड़ी समस्त जानकारीयो को विस्तार से बता दिया है।
उम्मीद है की आज का यह आर्टिकल आप सभी प्रिय पाठकों के लिए काफी मददगार रहा होगा, जिसको की पढ़कर आप सभी प्रिय पाठकों ने सिस्टम यूनिट क्या है (What is System Unit in Hindi) इससे जुड़ी सारी जानकारीयो को हासिल कर लिया होगा और अगर आप सभी के मन मे इस आर्टिकल से जुड़ा कोई सवाल अभी भी रह गया है तो उसे नीचे Comment मे लिख सकते है।