प्रिंटर क्या है, इसके प्रकार – What is Printer in Hindi

प्रिंटर एक ऐसा मशीन जो की हमारे जीवन का एक हिस्सा बन चुका है लेकिन अभी भी काफी सारे लोगों को प्रिंटर क्या है? यह पता नहीं है, तो आपको बता दे की कंप्युटर के शब्दों मे प्रिंटर एक आउट्पुट डिवाइस है जिसके द्वारा समस्त प्रिंटिंग से जुड़े कार्यों को पूरा किया जाता है, उम्मीद है की आपने प्रिंटर की एक सामान्य परिभाषा जान ली होगी, लेकिन अभी भी प्रिंटर को समझना बाकी है।

आपने कभी न कभी किसी न किसी कार्य के लिए फोटो स्टूडियो के दुकान मे जाकर फोटो जरूर खिचवाया होगा लेकिन क्या आप जानते है की जब आप फोटो खिंचवाते है तब वह फोटो सबसे पहले कैमरा मे लगे मेमोरी मे स्टोर होता है, फिर उसे कंप्युटर मे कॉपी किया जाता है जिसके बाद उसे कंप्युटर से जुड़े एक मशीन के जरिए पेपर मे छापा जाता है इसी मशीन को ही प्रिंटर कहा जाता है।

जो की कंप्युटर मे मौजूद डिजिटल Files को भौतिक बनता है। आप जो शादी के कार्ड देखते है, टी शर्ट पर तरह तरह के डिजाइन देखते है, बड़े बड़े पोस्टर और बैनर देखते है ये सारी चीजे प्रिंटर का ही कमाल है लेकिन अभी भी ऐसे जो की कंप्युटर को तो जानते है लेकिन उन्हे प्रिंटर क्या होता है, प्रिंटर कितने प्रकार के होते है, प्रिंटर का आविष्कार किसने किया? इस विषय मे जरा भी जानकारी नहीं है।

इस वजह से मैंने आज का यह आर्टिकल लिखने का चयन किया जिसमे मैं आप सभी के साथ प्रिंटर से जुड़े समस्त जानकारीयो को विस्तार से साझा करने वाला है, तो चलिए जानने और कुछ नया सीखने की शुरुआत करते है।

प्रिंटर क्या है – What is Printer in Hindi

यह एक प्रकार का आउट्पुट डिवाइस है जो की खाली पेपर पर कंप्युटर से प्राप्त हुए डेटा या रिजल्ट को छापता है यानि की प्रिन्ट करता है, यह कंप्युटर के डेटा को हार्ड कॉपी मे परिवर्तित करता है, कंप्युटर मे मौजूद डिजिटल तौर पर उपलब्ध डेटा को सॉफ्ट कॉपी कहा जाता है और प्रिन्टर से प्रिन्ट हुए डेटा को हार्ड कॉपी कहा जाता है, प्रिंटर का Quality उसके द्वारा प्रिन्ट किए गए डेटा के Resolution को देखकर पता लगाया जाता है।

प्रिंटर आउट्पुट मशीन है जो की सबसे पहले कंप्युटर से मिलने वाले आउट्पुट डेटा को अपने मेमोरी पर स्टोर करता है उसके बाद उसे धीरे धीरे एक पेपर पर छापता है, कंप्युटर से आउट्पुट प्रिंटर पर Cable के माध्यम से आता है एवं आजकल वाईफाई एवं Bluetooth वाले प्रिंटर भी मौजूद हैं जिनमे कंप्युटर का आउट्पुट की Signals के जरिए Transfer होता है और उसी के आधार पर प्रिंटर प्रिन्ट करते है।

प्रिंटर को अगर हम और अधिक आसान भाषा मे समझे तो यह एक मशीन है जो की कंप्युटर मे मौजूद डिजिटल डेटा जैसे Document, Images, Designs इत्यादि को पहले अपने मेमोरी मे स्टोर करता है और फिर उसे धीरे धीरे उसे पेपर पर छापता है इसे हम सीधे शब्दों छपाई करने वाला मशीन भी कह सकते है लेकिन यह एक कंप्युटर का ही एक भाग है जिसकी प्रिंटिंग के लिए ही पड़ती है।

वर्तमान समय मे हम कंप्युटर के अलावा अन्य डिवाइस जैसे मोबाइल, टैबलेट इत्यादि पर भी प्रिंटर को केबल या ब्लूटूथ, वाईफाई के जरिए Connect कर के सीधे ही अपने मोबाइल से प्रिन्ट निकाल सकते है। 

प्रिंटर का आविष्कार किसने किया, कैसे हुआ (History)

आप सभी को बता दे की प्रिंटर का आविष्कार काफी बाद मे हुआ लेकिन प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का आविष्कार 1440 मे फ्रांस मे हो चुका था और इस प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी को विकसित करने वाले व्यक्ति का नाम Johannes Gutenberg था और इन्ही को ही प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का आविष्कारक माना जाता है।

इसके बाद अगर हम प्रिंटर की बात करे तो दुनिया का सर्वप्रथम कंप्युटर प्रिंटर 1953 मे Remington-Rand जो की एक काफी बड़ी उपकरण बनाने वाले अमेरिकन कंपनी है इनके द्वारा विकसित किया गया था यह प्रिंटर Univac (Universal Automatic Computer) जो की काफी पुराना कंप्युटर है इसके लिए बनाया गया था।

उसके बाद 1957 मे पहली बार IBM जो की काफी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी है उसने डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर को विकसित किया जिसके बाद जापान की एक कंपनी जिसका नाम Shinshu Seiki Co. है जिसे हम आज के समय मे Epson के नाम से जानते है उन्होंने पहला इलेक्ट्रॉनिक मिनी प्रिंटर को 1968 मे विकसित किया।

जिसके बाद समय समय पर अलग अलग तरह के प्रिंटर अलग अलग कंपनी, लोगों द्वारा विकसित किए गए।

प्रिंटर प्रकार के होते है (Types)

प्रिंटर जिसका काम सिर्फ प्रिन्ट करना ही होता है लेकिन फिर भी आपको यह बता दे की आज के समय मे प्रिंटर के विभिन्न Varieties उपलब्ध है और हर एक Variety का प्रिंटर चीजों को अलग तरीके से प्रिन्ट करता है लेकिन प्रिंटर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है जिनमे से पहला Impact Printers है और दूसरा Non Impact Printers है। प्रिंटर के इन दोनों प्रकार के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के अलग अलग प्रिंटर आते है।

1. Impact Printer (इम्पैक्ट प्रिंटर)

यह ऐसे प्रिंट होते है जो की पेपर को प्रिन्ट करने के लिए Ink से भरे Ribbon को पेपर पर घसीटता है जिसकी वजह से यह सामान्य प्रिंटर के मुकाबले अधिक आवाज करते है जिसके बाद जो भी डेटा कंप्युटर से दिया गया है वह प्रिन्ट होता है। इस तरह के प्रिंटर केवल और केवल एक ही Color के Output प्रदान करते है जो की प्रिंटर के Ribbon के Color पर Depend होता है। इम्पैक्ट प्रिंटर का कार्य प्रणाली बिल्कुल एक Typewriter की तरह होता है।

इम्पैक्ट प्रिंटर की विशेषताएं –

  • यह प्रिंटर अधिक आवाज करने वाले होते है।
  • इस तरह के प्रिंटर मे प्रिंटिंग का खर्च कम होता है।
  • Multiple प्रिंटिंग के लिए काफी अच्छा होता है।

जैसा की हम जानते है की प्रिंटर दो प्रकार के होते है जिनमे से पहला इम्पैक्ट प्रिंटर होता है लेकिन इम्पैक्ट प्रिंटर भी कई प्रकार के होते है जैसे :-

#1 Character Printer

यह इम्पैक्ट प्रिंटर का पहला प्रकार है जो ऐसे प्रिंटर होते है जो एक समय मे सिर्फ एक ही अक्षर को प्रिन्ट कर सकता है, इन प्रिंटर का उपयोग करके ग्राफिक को प्रिन्ट नहीं किया जा सकता है यह केवल और केवल Text को प्रिन्ट कर सकते है, ये प्रिंटर काफी अधिक धीमे होते है एवं इनका उपयोग आज के समय मे बहुत ही कम किया जाता है।

Character Printer भी दो प्रकार के होते है जो की निम्नलिखित है :-

(i) डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर. यह ऐसे प्रिंटर होते है जो की एक बार मे सिर्फ एक ही अक्सर को प्रिन्ट करते है जिसकी वजह से इस तरह के प्रिंटर की स्पीड काफी कम होती है, यह कागज को प्रिन्ट करने के लिए एक निश्चित तार या फिर पिन का इस्तेमाल करते है। इसमे एक प्रिन्ट Head मौजूद होता है जो की दायाँ से बायाँ और बायाँ से दायाँ घूमता है एवं इस तरह के प्रिंटर का Quality इतना अच्छा नहीं होता है।

(ii) डेजी व्हील प्रिंटर. यह ऐसे प्रिंटर होते है जो की किसी Character को बिल्कुल Typewriter की तरह छापते है यह प्रिंटर ग्राफिक को प्रिंट नहीं कर सकते है बल्कि यह सिर्फ Text को प्रिन्ट करने मे सक्षम होते है । डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के मुकाबले यह काफी अच्छी Resolution के प्रिंटिंग करते है एवं यह डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर से काफी बेहतर और भरोसेमंद प्रिंटर होते है।

#2 Line Printer (लाइन प्रिंटर)

यह इम्पैक्ट प्रिंटर का दूसरा प्रकार है जो की एक बार मे सिर्फ एक ही Character को प्रिन्ट नहीं करता है बल्कि यह एक बार मे पूरे एक लाइन को प्रिन्ट करता है इसी वजह से इसे लाइन प्रिंटर के नाम से जाना जाता है। यह किसी भी तरह के दस्तावेज को तेजी से प्रिन्ट करने मे सक्षम होते है, लाइन प्रिंटर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है जो निम्नलिखित है :-

(i) Chain Printer. यह लाइन प्रिंटर का ही एक प्रकार है जिसमे की एक चैन होता है जो की काफी तीव्र गति से घूमता है इस चैन के हर एक जोड़ वाले हिस्से पर एक अक्षर का Font होता है और हर एक प्रिन्ट वाले पर हथौड़ा लगा होता है, यह प्रिंटर सबसे पहले CPU के द्वारा भेजे गए प्रिन्ट के डेटा के एक लाइन को पढ़कर प्रिन्ट करता है फिर दोबारा से एक लाइन को पढ़कर प्रिन्ट करता है।

(ii) Drum Printer. इस तरह के प्रिंटर मे एक बेलन के जैसा ही ड्रम लगा होता है जिसके ऊपर सभी अक्षर प्रिन्ट रहते है और इसके पीछे की ओर Ink से भरा हुआ Ribbon रहता है जिसके पीछे छोटे छोटे हथौड़े लगे होते है, कागज को Ribbon और हथौड़े के बीच मे रखा जाता है जिससे की जब ड्रम घूमता है तब हथौड़ा और Ribbon ड्रम से टकराता है जिससे की पेपर पर अक्षर प्रिन्ट हो जाते है।

(iii) Band Printer. यह भी लाइन प्रिंटर का ही एक प्रकार है इसकी भी कार्य प्रणाली बिल्कुल चैन प्रिंटर के ही जैसे होती है लेकिन इस प्रिंटर पर चैन नहीं लगा होता है बल्कि उसके स्थान पर एक स्टील का पट्टा लगा होता है जिसमे समस्त अक्षर उभरे हुए होते है। यह काफी तेज गति के साथ पेपर को प्रिन्ट करता है

2. Non Impact Printer (नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर)

नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर ऐसे प्रिंटर होते है जिनमे प्रिन्ट Head और पेपर के बीच किसी भी प्रकार का कोई भौतिक या Mechanical संपर्क नहीं होता है एवं इस तरह के प्रिंटर्स पर Ribbon का भी उपयोग नहीं होता है क्योंकि इसमे Spray जैसे अन्य Electronic Technology का उपयोग किया जाता है, आज के समय मे इसी तरह के प्रिंटर का उपयोग किया जाता है।

नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर Black & White एवं Color प्रिंटिंग कर सकते है एवं इस तरह के प्रिंटर Text एवं ग्राफिक दोनों को ही प्रिन्ट करने मे पूर्ण रूप से सक्षम होते है यह प्रिंटर काफी तेजी से प्रिंटिंग करते है साथ मे इनमे आवाज भी बहुत ही कम आता है, इस तरह के प्रिंटर के प्रिंटिंग की Quality काफी उच्च स्तर के होते है।

नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर की मुख्य विशेषताएं –

  • नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर काफी कम आवाज करते है।
  • नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर की Quality काफी अच्छा होता है।
  • यह Text और Graphic दोनों को ही प्रिन्ट कर सकते है।

वर्तमान समय मे मुख्य रूप से तीन प्रकार के नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर उपलब्ध है जो की निम्नलिखित है :-

1. लेजर प्रिंटर. यह एक प्रकार का नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर है जो की काफी Fast Speed मे प्रिन्ट करता है यह प्रिंटर लेजर बीम का उपयोग करके ग्राफिक्स और Text को प्रिन्ट करता है, यह इंकजेट प्रिंटर के मुकाबले काफी महंगा होता है लेकिन साथ मे इसकी प्रिंटिंग Quality भी काफी बढ़िया होती है।

2. थर्मल प्रिंटर. यह एक प्रकार का नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर है जो की अन्य प्रिंटर के साइज़ के मुकाबले काफी छोटा होता है इस प्रिंटर के लिए विशेष प्रकार का Chemicals वाले पेपर का उपयोग किया जाता है एवं यह प्रिंटर अन्य प्रिंटर के मुकाबले काफी अधिक सस्ते होते है, इसका इस्तेमाल Receipt बनाने हेतु काफी अधिक किया जाता है।

3. इंकजेट प्रिंटर. यह काफी लोकप्रिय प्रिंटर है जो की पेपर को प्रिन्ट करने के लिए Ink का छोटा छोटा ड्रॉप पेपर पर छोड़ता है, पेपर पर Ink को Spray करने के लिए इसमे Nozzle लगा होता है जिसके जरिए ही यह पेपर पर Ink को Spray करता है, इस प्रिंटर पर प्रिन्ट Head लगा होता है जिसमे काफी छोटे छोटे 64 Jet Nozzle मौजूद होते है एवं इस प्रिंटर की प्रिन्ट Quality काफी अधिक होती है, आमतौर पर इसी का इस्तेमाल घरों एवं ऑफिस मे किया जाता है।

इम्पैक्ट प्रिंटर और नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर मे अंतर

नॉन इम्पैक्ट और इम्पैक्ट प्रिंटर मे कई सारे अंतर है जो की निम्नलिखित है :-

इम्पैक्ट प्रिंटरनॉन इम्पैक्ट प्रिंटर
इस तरह के प्रिंटर काफी आवाज करते है। इस तरह के प्रिंटर काफी कम आवाज करते है।
इसमे पुरानी प्रिटिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है। इसमे नए प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है।
इसकी प्रिंटिंग स्पीड धीमा होता है। इसकी प्रिंटिंग स्पीड काफी तेज होता है।
इनको उपयोग करना थोड़ा कठिन होता है। इन्हे आसानी से उपयोग किया जा सकता है।
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर, डैजी व्हील प्रिंटर, चैन प्रिंटर इत्यादि इसके उदाहरण है। लेजर प्रिंटर, इंकजेट प्रिंटर, थर्मल प्रिंटर ये सभी इसके उदाहरण है।

प्रिंटर के फायदे (Advantages of Printer in Hindi)

वर्तमान समय मे लगभग छपाई वाले समस्त कार्य इसी के जरिए कीये जाते है ऐसे मे इसके कई सारे फायदे है :-

  1. प्रिंटर पर प्रिन्ट कीये हुए दस्तावेजों को पढ़ना काफी आसान होता है।
  2. प्रिंटर सॉफ्ट कॉपी को हूबहू हार्ड कॉपी मे परिवर्तित कर देता है।
  3. प्रिंटर बहुत ही कम समय मे कई सारे ग्राफिक्स और Text को प्रिन्ट कर सकता है।
  4. प्रिंटर की वजह से कैमरा या मोबाइल मे खिचे हुए फोटो को पेपर मे छाप सकते है।
  5. प्रिंटर की वजह से हम किसी भी दस्तावेज का कुछ ही मिनट मे कई सारे Copy तैयार कर सकते है।

प्रिंटर के नुकसान (Disadvantages of Printer in Hindi)

प्रिंटर के फायदे होने के साथ कुछ नुकसान भी है जो की निम्नलिखित है :-

  1. एक उच्च स्तर का प्रिंटर काफी महंगा होता है।
  2. प्रिंटर सामान्य पेपर को अच्छे से प्रिन्ट नहीं कर सकते है इनके लिए एक अच्छी Quality के पेपर की आवश्यकता पड़ती है।
  3. प्रिंटर कम बिजली पर कार्य नहीं कर सकते है यह काफी अधिक बिजली की खपत करते है।
  4. प्रिंटर की वजह से कागज का उपयोग बढ़ा है और कागज पेड़ो से बनता है ऐसे मे पेड़ो को और अधिक काटा जा रहा है जिससे की हमारे पर्यावरण पर बुरा असर पढ़ रहा है।

निष्कर्ष

कीबोर्ड और माउस के बाद कंप्युटर के साथ इस्तेमाल किया जाने वाला सर्वाधिक उपकरण प्रिंटर ही है, जिसका उपयोग कंप्युटर के डेटा को पेपर पर छापने के लिए किया जाता है एवं प्रिंटर का उपयोग काफी सारे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए भी किया जाता है ऐसे मे प्रिंटर के बारे मे हर किसी को जानना आवश्यक है, अब मैंने आप सभी के साथ प्रिंटर से जुड़े समस्त जानकारीयो को विस्तार से साझा कर दिया है।

उम्मीद है की आप सभी ने इस आर्टिकल को पढ़कर काफी कुछ सीखा होगा और प्रिंटर क्या है (What is Printer in Hindi) इससे संबंधित समस्त जानकारी को जान लिया होगा। अंत मे अपने पाठकों से यही निवेदन करता हूँ की अगर आपके मन मे इस आर्टिकल से जुड़ा कोई भी सवाल है तो उसे नीचे Comment मे लिखकर अवश्य पूछे और इस आर्टिकल को सोशल मीडिया जैसे Facebook, Twitter इत्यादि पर भी अवश्य साझा करे।

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