क्या आपका भी यह सवाल है की टैली क्या है? तो आपको बता दे की यह एक ऐसा एकाउंटिंग प्रोग्राम है जिसके जरिए हम अकाउंट से संबंधित समस्त कार्यों को बड़ी ही आसानी से कर सकते है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की टैली का इस्तेमाल कोई भी बड़ी ही आसानी से कर सकता है ऐसा बिल्कुल नहीं है क्योंकि टैली का इस्तेमाल वही बड़ी ही आसानी से कर सकता है जिसे टैली के बारे मे जानकारी प्राप्त हो।
आपको इस विषय मे तो जरूर पता होगा की कंप्युटर मे विभिन्न प्रकार के अलग अलग क्षेत्र है और उनमे से किसी भी क्षेत्र मे जाने के लिए हमे उस क्षेत्र का कंप्युटर कोर्स को करना होता है जैसे कंप्युटर मे वेब डेवलपमेंट एक क्षेत्र है जिस क्षेत्र मे जाने के लिए हमें वेब डेवलपमेंट कोर्स को करना होता है जिसमे हमे वेब डेवलपमेंट के बारे मे सिखाया जाता है जिसके बाद हम वेब डेवलपमेंट के क्षेत्र मे कार्य कर सकते है।
उसी तरह कंप्युटर मे एकाउंटिंग एक क्षेत्र है जिस क्षेत्र मे कार्य करने के लिए हमें एकाउंटिंग का कोर्स करना पड़ता है और अकाउनिंग के लिए सबसे लोकप्रिय सॉफ्टवेयर टैली को माना जाता है जिसे सीखने के लिए हमे टैली के किसी भी एक कोर्स को करना है जिसके बाद हम कंप्युटर के अकाउनिंग वाले क्षेत्र मे कार्य कर सकते है तो अब शायद आपने टैली के बारे मे कुछ कुछ जान लिया होगा।
लेकिन अभी भी टैली के बारे मे काफी कुछ जानकारी जैसे टैली क्या होता है, टैली एकाउंटिंग क्या है, टैली का इतिहास, टैली का उपयोग क्या है, टैली का फूल फॉर्म क्या है, टैली कितने महीने का कोर्स होता है, टैली कोर्स मे क्या क्या सिखाया जाता है? इत्यादि के बारे मे विस्तारपूर्ण जानकारी जानना बाकी है तो चलिए बिना किसी देरी के जानते है।
टैली क्या है (What is Tally in Hindi)
टैली काफी अधिक लोकप्रिय एक एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर पैकेज है जिसे 1986 मे भारत मे लॉन्च किया गया था जिसके माध्यम से हम एकाउंटिंग से संबंधित समस्त कार्य जैसे किसी खाते मे जमा की गई राशि, निकाली गई राशि, बिजनेस लेनदेन संबंधित हिसाब किताब, जैसे अनेक कार्यों को बड़ी ही आसानी से कर सकते है एवं यह छोटे और माध्यम स्तर के व्यवसायो के एकाउंटिंग संबंधित कार्यों को करने के लिए काफी उपयोगी सॉफ्टवेयर है।
टैली को समझने के लिए हमे एकाउंटिंग क्या है, समझना होगा तो आपको बता दे की बैंक या किसी व्यवसाय के पैसे के लेनदेन के हिसाब किताब के प्रक्रिया को ही एकाउंटिंग कहा जाता है और इसी तरह के एकाउंटिंग के समस्त कार्यों को सुविधाजनक तरीके से करने के लिए कंप्युटर पर टैली सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है जिसके जरिए किसी कंपनी के लेनदेन के डेटा का हिसाब किताब किया जाता है एवं उसे व्यवस्थित किया जाता है।
टैली को अगर हम आसान भाषा मे समझने की कोशिश करे तो आपको बता दे की पहले के समय मे किसी व्यवसाय के पैसों का लेनदेन का हिसाब किताब पेन कॉपी के माध्यम से किया जाता था लेकिन आज का समय अब डिजिटल हो चुका है तब उसी पैसों के लेनदेन के हिसाब किताब को कंप्युटर पर किया जाता है और कंप्युटर पर पैसों के लेनदेन का हिसाब करने के लिए टैली का उपयोग किया जाता है।
टैली | भारत मे सबसे अधिक लोकप्रिय एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर |
स्थापना की तारीख | 1986 |
टैली के पिता | श्याम सुंदर गोयनका और भारत गोयनका |
कंपनी का नाम | टैली सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड |
इस टैली सॉफ्टवेयर पर हमें बस पैसों के लेनदेन के डेटा का सिर्फ एंट्री करना होता है बाकी हिसाब किताब का कार्य यह स्वयं से कर देता है लेकिन डेटा का एंट्री करने के उपयोगकर्ता को टैली सॉफ्टवेयर का सम्पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है।
टैली का फूल फॉर्म क्या है (Tally Full Form)
अगर आपको टैली का पूरा नाम यानि फूल फॉर्म नहीं पता है तो आपको बता दे की इसका फूल फॉर्म “Transaction Allowed in a Linear Line Yard” है जिसे हिन्दी मे हम “एक रेखीय लाइन यार्ड में लेन-देन की अनुमति” कह सकते है।
टैली का इतिहास (History)
टैली जो की काफी लोकप्रिय एकाउंटिंग मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर है इसे Tally Solutions कंपनी द्वारा Develop किया गया था। टैली की शुरुआत तब 1986 मे हुआ था उस समय श्याम सुंदर गोयनका जो की एक व्यवसायी है वे एक कंपनी चला रहा थे जो कंपनी दूसरे प्लांट और कपड़ो के मिलो को कच्चा माल और मशीन के Parts Supply करने का कार्य करते थे।
तब इस समय उनके पास कोई भी ऐसा सॉफ्टवेयर नहीं था जिससे की वे अपने व्यवसाय के लेनदेन के हिसाब किताब को रख सके और हिसाब किताब कर सके इस वजह से उन्होंने अपने बेटे जिनका नाम भारत गोयनका है जो की एक मैथमैटिक्स ग्रेजुएट है उनसे एक ऐसा एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर बनवाया जिससे की वे अपने व्यवसाय के समस्त लेनदेन का हिसाब किताब रख सके।
उस सॉफ्टवेयर को उस समय संस्करण MS-Dos के रूप मे लॉन्च किया गया जिसमे सामान्य एकाउंटिंग फीचर्स मौजूद थे एवं जिसे उस समय Peutronics Financial एकाउंटेंट दिया गया और बाद मे 1988 मे इस सॉफ्टवेयर का नाम Peutronics Financial एकाउंटेंट से टैली रखा गया।
टैली के संस्करण | लॉन्च की तारीख |
Tally 4.5 | यह टैली का पहला संस्करण था जिसे 1990 मे जारी किया गया था। |
Tally 5.4 | यह टैली का अगला संस्करण था जिसे 1996 मे जारी किया गया था। |
Tally 6.3 | यह टैली का अगला संस्करण था जिसे 2001 मे जारी किया गया था। |
Tally 7.2 | यह टैली की अगला संस्करण था जिसे की 2005 मे जारी किया गया था। |
Tally 8.1 | यह टैली का अगला संस्करण था जिसे की 2006 मे जारी किया गया था। |
Tally 9 | यह टैली का अगला संकरण था जिसे भी 2006 मे जारी किया गया। |
Tally ERP 9 | यह टैली का अगला संस्करण था जिसे की 2009 मे जारी किया गया। |
Tally Prime | यह टैली का Latest संस्करण है जिसे 2020 मे जारी किया गया था। |
टैली का उपयोग क्या है (Uses)
जैसा की हम जानते है की टैली एक एकाउंटिंग कंप्युटर सॉफ्टवेयर है जिसके माध्यम से हम एकाउंटिंग का कार्य कर सकते है ऐसे मे टैली का उपयोग अनेक कार्य को करने के लिए अनेक क्षेत्रों मे किया जाता है जैसे :-
1. पैसों का हिसाब किताब रखने के लिए
एक छोटे से छोटे और बड़े से बड़े सभी व्यवसाय मे हमे पैसों का हिसाब किताब रखना पड़ता है ऐसे मे टैली सॉफ्टवेयर का उपयोग पैसों के लेनदेन का हिसाब किताब रखने के लिए किया जाता है।
इनवेंटरी मैनेजमेंट के बारे मे तो आप जानते ही होंगे, इसे आसान भाषा मे समझे तो व्यवसाय मे मौजूद समस्त माल का हिसाब किताब करने को ही इनवेंटरी मैनेजमेंट कहा जाता है तो आपको बता दे की टैली का उपयोग इनवेंटरी मैनेजमेंट के लिए भी किया जाता है।
3. टैक्स मैनेजमेंट के लिए
हर एक व्यवसाय मे Tax मैनेजमेंट की आवश्यकता तो पड़ती ही है क्योंकि आज के समय मे व्यवसाय मे समय समय पर काफी सारे टैक्स चुकाना है ऐसे मे टैक्स मैनेजमेंट के कार्य को हम टैली का उपयोग करके कर सकते है।
4. स्टेटमेंट तैयार करने के लिए
छोटे से बड़े सभी व्यवसायों मे Bill, Income and Expense इत्यादि के स्टेटमेंट आवश्यकता पड़ती है ऐसे मे टैली के उपयोग से हम व्यवसाय के समस्त स्टेटमेंट को निकाल सकते है।
टैली की विशेषताएं (Features)
जब टैली को बनाया गया था तब उस समय टैली मे बेसिक एकाउंटिंग के Features ही मौजूद थे लेकिन आज के समय मे टैली मे काफी सारे Advance Features आ चुके है जैसे :-
- टैली मे हमें Multiple Selection का फीचर मिलता है जिसका उपयोग करके हम एक बार मे टैली के अंदर Multiple Entries को सिलेक्ट कर सकते है।
- टैली मे हमें Security Control का फीचर मिलता है जिसका उपयोग करके टैली सॉफ्टवेयर मे मौजूद Company को लॉक कर सकते है एवं और भी कई तरीकों से इसका फीचर का उपयोग करके टैली मे मौजूद डेटा को सुरक्षा प्रदान कर सकते है।
- अक्सर किसी व्यवसाय मे टैली पर काफी सारे एकाउन्टेन्ट कार्य करते है और उन एकाउन्टेन्ट के कार्य को देखने के लिए हमें टैली मे Audit फीचर मिलता है जिसका उपयोग करके Owner टैली मे कार्य कर रहे समस्त कर्मचारियों के कार्य को जांच सकता है और उसे अपने अनुसार मैनेज कर सकता है।
- टैली पर हमें Import of Data का एक फीचर मिलता है जिसका उपयोग करके हम टैली मे मौजूद एक Company के डेटा को दूसरे Company Import कर सकते है।
- टैली पर हमें Remote Access का भी फीचर मिलता है जिसका उपयोग करके हम अपने किसी एक सिस्टम के टैली मे मौजूद डेटा को कही पर भी अन्य किसी सिस्टम मे Access कर सकते है।
इसके अलावा टैली मे और भी कई सारे फीचर्स मौजूद है जिन्हे उपयोग करके ही जानना अधिक बेहतर रहेगा।
टैली कोर्स मे क्या क्या सिखाया जाता है?
काफी सारे लोग ऐसे है जो की टैली का कोर्स करना चाहते है तो ऐसे उनका यह सवाल रहता है की टैली कोर्स मे क्या क्या सीखने को मिलेगा? तो आपको टैली के कोर्स मे टैली और एकाउंटिंग के बारे मे सिखाया जाता है जो की निम्नलिखित है –
1. Accounting Basics
Accounting के बेसिक जैसे अकाउंट के प्रकार, नियम, Accounting के Concepts इत्यादि के बारे मे अवगत कराया जाता है।
2. Fundamentals of Tally
टैली के Fundamentals जैसे टैली मे कंपनी फीचर एवं टैली के समस्त Fundamentals के बारे मे भी अवगत कराया जाता है।
3. Billing
Tally कोर्स मे टैली पर Billing करना भी सिखाया जाता है।
4. Payroll
व्यवसाय मे कार्य कर रहे कर्मचारी के Attendance, Payments इत्यादि को किस तरह टैली मे किस तरह मैनेज किया जाता है इसके बारे मे जानकारी दी जाती है।
5. Inventory
व्यवसाय मे मौजूद Stocks के हिसाब किताब को टैली मे मैनेज करना सिखाया जाता है।
6. Taxation
टैली के माध्यम से किसी व्यवसाय मे लागू होने वाले समस्त का व्यवस्थित करना भी सिखाया जाता है।
इन सभी को हम सीधे शब्दों मे कहे तो टैली के कोर्स मे टैली मे एकाउंटिंग संबंधित समस्त कार्यों को करना विस्तार से सिखाया जाता है।
टैली कितने महीने का कोर्स होता है?
वैसे तो हमने अब तक टैली के बारे काफी कुछ जान लिया है लेकिन काफी सारे लोगों का यह सवाल है की आखिर टैली कितने महीने का कोर्स होता है? तो आपको बता दे की टैली का कोर्स अधिकतर 1 से तीन महीने तक का होता है एवं कई सारे इंस्टिट्यूट मे यह 6 महीने तक का भी होता है। जिसमे टैली सॉफ्टवेयर के बारे मे Basic से लेकर Advance तक की जानकारी प्रदान की जाती है।
टैली कोर्स करने के क्या फायदे है (Advantages)
टैली कोर्स को करने के काफी सारे अनेक फायदे है जो की निम्नलिखित है –
- टैली कोर्स को पूरा करने के बाद प्रतिमाह 15 से 20 हजार रुपये का जॉब आसानी से मिल जाता है।
- इस कोर्स मे एकाउंटिंग से संबंधित काफी सारी जानकारी प्रदान की जाती है जो वित्तीय क्षेत्र मे काफी काम आता है।
- वर्तमान समय मे लगभग हर एक छोटे बड़े व्यवसाय को एकाउंटेंट की आवश्यकता होती है ऐसे मे हम टैली कोर्स को करने के बाद आप एकाउंटेंट के पद पर कार्य कर सकते है।
- टैली कोर्स मे हमें टैक्स से संबंधित जानकारी प्रदान की जाती है जिसके बारे मे जानना व्यवसाय के क्षेत्र मे काफी जरूरी होता है।
FAQ’s (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
काफी सारे ऐसे सवाल है जो की Tally kya hai, इससे संबंधित है एवं जो की अक्सर पूछे जाते है तो चलिए उन्ही टैली से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के बारे मे जानते है।
टैली के जनक श्याम सुंदर गोयनका और भारत गोयनका जी है इन्होंने ही टैली को विकसित किया था।
अगर हम Tally शब्द पर गौर करे तो इस शब्द का हिन्दी मे अर्थ “गणना” यानि गणना करना होता है।
टैली सॉफ्टवेयर का नवीनतम संस्करण “Tally Prime” है जिसे 2020 मे Tally Solutions के द्वारा जारी किया गया था।
निष्कर्ष
टैली अपने मे ही एक क्षेत्र है जिसे सीखकर हम छोटे बड़े व्यवसाय मे हम एकाउंटिंग के कार्यों को कर सकते है और यह भारत मे काफी लोकप्रिय एक एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर है जिसका इस्तेमाल भारत मे मौजूद अधिकतर व्यवसायों मे एकाउंटिंग के कार्यों को पूरा करने के लिए किया जाता है ऐसे मे जो भी एकाउंटिंग के क्षेत्र मे कार्य करना चाहता है उसे टैली के बारे मे विस्तार से जरूर जानना चाहिए।
उम्मीद है की आज का यह आर्टिकल आप सभी के काफी अधिक फायदेमंद रहा होगा क्योंकि इस आर्टिकल के मदद से मैंने आप सभी के साथ टैली क्या है (What is Tally in Hindi) से संबंधित समस्त जानकारीयो को विस्तार से साझा कर दिया है जिसको पढ़कर की आप सभी ने काफी कुछ जाना और सीखा होगा एवं अंत मे आप सभी से इस आर्टिकल को Twitter, Facebook इत्यादि पर शेयर करने की गुजारिश करते है।