ड्रोन क्या है, कैसे उड़ाते है – What is Drone in Hindi

आज की विस्तृत Technology का एक जबरदस्त उदाहरण ड्रोन कैमरा है, जिसके बारे में आपने जरूर सुना होगा। ड्रोन एक रोबोट है जिसे मनुष्य के द्वारा कंट्रोल किया जाता है। यह काफी अद्भुद चीज है, जिसके बहुत सारे फायदे है। लेकिन बहुत सारे लोग जानना चाहते है कि ड्रोन कैमरा क्या है और इसे कैसे उड़ाते है?

मुझे पता है कि आप ड्रोन के बारे में जानना चाहते है, जो एक अत्याधुनिक Gadget (यंत्र) है। यह एक तरह का Flying Robot है जिसमें आजकल कैमरा भी लगा होता है। इसका उपयोग आजकल शादी – ब्याह जैसे कार्यक्रम में वीडियो रिकोर्डिंग के लिए बहुत ज्यादा होता है। इसके अलावा इसका उपयोग सुरक्षा के लिए भी होता है।

इस आर्टिकल में, मैं आपको ड्रोन के बारे अनेक तरह की जानकारियां दूंगा जैसे- ड्रोन क्या होता है, ड्रोन कैमरा क्या है, ड्रोन के आविष्कारक कौन है, ड्रोन के प्रकार कितने है, ड्रोन कैसे उड़ता है, ड्रोन बनाते कैसे है और ड्रोन काम कैसे करता है इत्यादि।

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ड्रोन क्या है और कैसे इस्तेमाल करते है

जैसा की मैने बताया कि ड्रोन एक Flying Robot है जिस मनुष्य के द्वारा रिमोट से कंट्रोल किया जाता है। यह मानवरहित Aircraft है, जिसे Unmanned Aerial Vehicles (UAVs) या Unmanned Aircraft Systems (UASs) कहा जाता है। ड्रोन को Sensors और GPS की मदद से कंट्रोल किया जाता है।

इसका उपयोग सैन्य संबंधित कार्यों में किया जाता है, क्योंकि ड्रोन बिना मानव के उड़ते है। अगर कोई दुश्मन ड्रोन पर आक्रमण करता है तो Pilot की जान को कोई खतरा नही होता है, क्योंकि वह उसे दूर से रिमोट के द्वारा उड़ाता है।

इसके अलावा ड्रोन का उपयोग आजकल शादी – ब्याह के कार्यक्रम में वीडियों रिकोर्डिंग के लिए भी करते है। ड्रोन के और भी बहुत सारे उपयोग के जिनके बारे में हम आगे इस आर्टिकल में जानेंगे।

क्या आपको पता है कि ड्रोन बिना पेट्रोल या डिजिल का उड़ता है, और तो और इसमें कोई भी Mechanical समस्या भी नही होती है। ड्रोन किसी भी जगह की 24 घंटो तक निगरानी कर सकता है। ड्रोन को “Eye of the Sky” भी कहा जाता है, मतलब “आसमान की आंख“। ड्रोन आसमान में रहकर सभी गतिविधियों पर नजर रखता है।

ड्रोन का मतलब क्या होता है

ड्रोन एक उड़ने वाला यंत्र है जिसे रिमोट की मदद से उड़ाया जा सकता है। इसे मानव रहित विमान कहा जाता है क्योंकि इसे उड़ाने के लिए किसी मानव को ड्रोन में बैठने की जरूरत नही होती है। आजकल बहुत सारे देश ड्रोन को और ज्यादा बेहतर बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

खतरनाक ड्रोन के मामले में USA सबसे आगे है जो ऐसे मानव रहित विमान यानी ड्रोन बना रहा है जो बिना किसी रडार के पकड़ में आये दुश्मन के इलाके पर हमला कर सकता है। अब तक आप समझ चुके होंगे कि ड्रोन क्या होता है?

ड्रोन कैमरा क्या है (What is Drone Camera in Hindi)

आजकल सभी ड्रोन में कैमरा जरूर आता है जो ड्रोन के उड़ने पर ऊपर से सभी चीजों की तस्वीरे लेता है। अब तो ऐसे ड्रोन भी आ रहे है जिसमें कैमरा पूरी तरह घुम कर तस्वीरे खींच लेता है, और काफी अच्छी क्वालिटी की तस्वीरे भी खींचता है।

आपने ड्रोन कैमरा के बारे में जरूर सुना होगा, क्योंकि आजकल बहुत सारे लोग ड्रोन कैमरा को पसंद कर रहे है, मतलब ड्रोन कैमरा एक प्रकार का ड्रोन और कैमरा इन दोनों का Combination होता है जिसे हम उड़ा भी सकते है और उससे फोटो खींच सकते है एवं वीडियो भी रिकार्ड कर सकते है।

ड्रोन का आविष्कार किसने किया

सबसे पहला ड्रोन 1849 में ऑस्ट्रेलिया में बनाया गया था, जो एक Pilot Less ड्रोन था। यह ड्रोन एक गुब्बारा था, जिसे हवा में बम फेंकने के लिए बनाया गया था। इसका उपयोग युद्ध के दौरान सैना के द्वारा किया जाता था।

इसके बाद महान साइंटिस्ट निकोला टेस्ला ने 1915 में एक लड़ाकू विमान बनाया जो मानव रहित था। ड्रोन को कई नयी तकनीकों के साथ विकसित किया गया और इसमें कैमरा भी लगाया गया। आज के समय में जो भी आधुनिक ड्रोन बन रहे है, उसका आधार निकोला टेस्ला के ड्रोन को ही माना जाता है।

एक जानकारी में बताया गया कि दूसरे विश्व युद्ध में ड्रोन का इस्तेमाल बहुत बड़े स्तर पर किया गया था, जिसके बाद ड्रोन का इस्तेमाल दूसरे कार्यों के लिए भी होने लगा। 1987 में कृषि कार्यों के लिए पहला ड्रोन बनाया गया और फिर धीरे धीरे मीडिया, समुद्र विज्ञान, पुलिस, फिल्म निर्माण, वीडियों रिकोर्डिंग आदि के लिए भी ड्रोन को बनाया गया।

ड्रोन कैसे उड़ता है

अब तक हमने जाना कि ड्रोन क्या है? चलिए अब हम यह जानते है कि ड्रोन कैसे उड़ता है?

1. ड्रोन में Rotors की दिशा.

Drone एक Quad copter होता है जिसमें 4 Rotors लगे होते हैं। और सभी Rotors Individual Motors के साथ जुड़े होते है जो उन्हे अलग-अलग Speed पर घुमने के लिए Allow करती हैं। इसमें दो Rotors घड़ी की दिशा में (Clockwise) घूमते हैं, और दो Rotors घड़ी की विपरित दिशा में (Anticlockwise) घुमते हैं।

ड्रोन में दो-दो Rotors विपरित दिशा में घूमते हैं, जिससे ड्रोन का Balance बना रहता है, और ड्रोन आसमान में स्थिर रहता है। अगर सभी Rotors एक ही दिशा में घूमते है तो पूरा ड्रोन भी घूमने लगता है।

ड्रोन के चारो Rotors एक साथ तेजी से घूमते है जिससे हवा को नीचे की ओर तेजी से फेंका जाता है। इससे ड्रोन ऊपर की तरफ उड़ने लगता है। अगर रोटर्स की स्पीड कम कर दी जाती है तो ड्रोन धीरे धीरे नीचे आने लगता है।

2. ड्रोन का मुड़ना या घुमना.

ड्रोन को Rotors की मदद से उड़ाने के साथ-साथ मोड़ा या घुमाया भी जा सकता है। इसके चार Rotors में से दो Clockwise दिशा में घूमने वाले Rotors की स्पीड तेज कर देते है, और Anticlockwise दिशा में घूमने वाले Rotors की स्पीड को कम कर दिया जाए तो ड्रोन उसी ऊंचाई पर Clockwise दिशा में घुमेगा।

इसके अलावा अगर ड्रोन को Anticlockwise घुमाना है तो उपरोक्त प्रक्रिया को उल्टा करना होगा।

3. ड्रोन को आगे पीछे करना.

ड्रोन को हम आगे पीछे भी ले जा सकते है। इसके लिए हमें एक तरफ के दोनो Rotors को तेज करना होगा, और दूसरी तरफ के दोनो Rotors की स्पीड को कम करना होगा। इससे ड्रोन एक दिशा में थोड़ा झुक कर आगे बढ़ने लगेगा। इसी तरह ड्रोन को पीछे की तरफ भी लाया जा सकता है।

4. रिमोट कंट्रोल.

ड्रोन को उड़ाने और उसे अलग-अलग दिशाओं में मोड़ने के लिए रिमोट का इस्तेमाल किया जाता है। रिमोट में Joystick की मदद से ड्रोन को कंट्रोल किया जाता है। रिमोट की मदद से हम चारों Motors को कम या ज्यादा Voltage दे सकते है जिससे Rotors की स्पीड को कम या ज्यादा किया जा सकता है।

ध्यान दे कि ड्रोन में Lithium Ion Batteries का इस्तेमाल किया जाता है जो ड्रोन को Maximum Flight time देता है। इसके अलावा ड्रोन में In-Built GPS होता है, जिससे अगर आपका remote-control disconnect हो जाता है, तो ड्रोन स्वत: अपनी उड़ानी वाली जगह पर वापिस आ जाता है।

कैमरा ड्रोन कैसे उड़ाते है

आजकल मार्केट में अनेक तरह ड्रोन आते हैं, जिसमें अलग-अलग तरह के फिचर्स होते हैं। हालांकि में आपको एक साधारण Quad-copter Drone को उड़ाने का तरीका बताऊंगा।

  1. ड्रोन उड़ाने के लिए सबसे पहले ड्रोन को चालू करना है और फिर उसे रिमोट की के एंटिना के सही दिशा में रखना है।
  2. ड्रोन को सही तरह रखने के बाद आपको अपने रिमोट के एंटिना को खोल देना है।
  3. लगभग सभी रिमोट में दो Joystick मिलती है, जिसमें एक Joystickउड़ाने व नीचे उतारने के लिए इस्तेमाल होता है। और दूसरा Joystick ड्रोन को आगे-पीछे या दाएं-बाएं ले जाने के लिए इस्तेमाल होता है।
  4. रिमोर्ट में Joystick के अलावा कुछ और भी बटन दिए जाते है, जैसे Emergency Stop, Fast Speed, Photo Click इत्यादि।
  5. आप Joystick की मदद से ड्रोन को उड़ा सकते है, और बटन की मदद से अलग-अलग फीचर का इस्तेमाल कर सकते है।

नोट : आप यूट्यूब के माध्यम से भी अपने ड्रोन मॉडल को उड़ाना सिख सकते है।

ड्रोन कैसे काम करता है?

आजकल ड्रोन को यूजर के इस्तेमाल के लिए काफी आसान बना दिया गया है। मतलब कोई भी यूजर वीडियो गेम की तरह ड्रोन को आसानी से उड़ा सकता है। आजकल के ड्रोन Joystick और GPS System के साथ बनाए जाते है, और साथ ही ड्रोन में कैमरा भी दिया जाता है।

ड्रोन कैसे काम करता है और कैसे उड़ता है, इसके बारे में आर्टिकल को आगे पढ़ते रहे।

1. Remote Connectivity.

ड्रोन को दूर से किसी रिमोट या किसी अन्य डिवाइस से कंट्रोल किया जाता है। आजकल तो स्मार्टफोन और टैबलेट की मदद से भी Wireless ड्रोन को कंट्रोनल किया जा सकता है।

इसके अलावा मोबाइल में कुछ App की मदद से ड्रोन का रास्ता पहले से निश्चित कर सकते है, जिससे ड्रोन केवल उसी रास्ते में उड़कर वापिस आ जाएगा। हालांकि इसके लिए ड्रोन में GPS होना अनिवार्य है।

2. Drone Rotors.

ड्रोन के उड़ने और इधर-उधर फिरने के लिए Rotors (पंख) काफी उपयोगी होती है। Rotor में मोटर के साथ जुड़ा हुए एक Propeller शामिल होता है। Pilot जब Rotors की स्पीड को बढ़ाता है तो Rotors नीचे की तरफ तेजी से हवा को फेंकता है जिससे ड्रोन ऊपर की तरफ उड़ने लगता है।

3. Accelerometer और Altimeter.

ड्रोन में Accelerometer स्पीड और दिशा की जानकारी देता है। जबकि Altimeter मशीन को इसकी ऊंचाई की जानकारी देता है। Accelerometer और Altimeter की वजह से ड्रोन धीमे और सुरक्षित तरीके से जमीन पर Land करता है।

4. Drone Camera.

आजकल ड्रोन में कैमरा लगे होते है जो Pilot को यह देखने में मदद करते है कि ड्रोन कहाँ जा रहा है। ड्रोन किसी भी जगह पर जाकर कैमरा की मदद से फोटो खींच सकता है और वीडियो रिकोर्ड कर सकता है। कैमरा ड्रोन का इस्तेमाल Search and Rescue Operations के लिए काफी किया जाता है।

ड्रोन कितने प्रकार के होते हैं

ड्रोन के मुख्य चार प्रकार हैं-

  1. Single Rotor Helicopters
  2. Multi-Rotor Drones
  3. Fixed Wing Drones
  4. Fixed Wing Hybrid VTOL

1. Single Rotor Helicopters

यह एक तरह के छोटे हॉलीकॉप्टर होती है जिसमें एक मुख्य बड़े आकार का Rotor लगा होता है. इसके अलावा इसकी पूंछ पर एक छोटा Rotor लगा होता है जो इसके सिर को सही दिशा में घुमने के लिए मदद करता है। इसे गैस और इलेक्ट्रिसिटी से अधिक समय तक उड़ाया जा सकता है।

यह ड्रोन Multi-rotors Drone की तुलना में ज्यादा Efficient होते है, क्योंकि यह ज्यादा Stable होते है। हालांकि इसमें ज्यादा Complexity और Operational Risks होते हैं, और साथ ही इनकी कीमत भी ज्यादा होती है।

2. Multi-Rotor Drones

सामान्यत: Multi-Rotors Drones का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है, क्योंकि यह प्रोफेशनल और शौकीन कामों के लिए मजेदार ड्रोन होते है। यह आपको अलग-अलग Rotors की संख्या में बहुत सारे मिल जाएंगे, जैसे-

  1. Tricopter- 3 Rotors
  2. Quadcopter- 4 Rotors
  3. Hexacopter- 6 Rotors
  4. Octocopter- 8 Rotors

3. Fixed Wing Drones

यह ड्रोन Multi-Rotors Drones से पूरी तरह अलग होते है, क्योंकि इन ड्रोन में Aeroplane की तरह ‘Wings’ लगे होते है। ये ड्रोन Internal Engine या Motor-Controlled Propeller की मदद से उड़ते है। इन ड्रोन को Take-Off करने के लिए Runway की जरूरत पड़ती है।

इस तरह के ड्रोन एक जगह स्थिर नही रह सकते है, बल्कि यह लंबी दूरी तक उड़ सकते है। इसका इस्तेमाल सैन्य बल में किया जाता है जिससे बिना पायलेट के दुश्मन पर हमला किया जा सके।

4. Fixed Wing Hybrid VTOL

इसमें VTOL का मतलब “Vertical Take-off and Landing” है जो एक Hybrid Drone Version है। इस तरह के ड्रोन Fixed Wing ड्रोन की तरह लंबे समय तक उड़ सकते है और Rotor Based ड्रोन की तरह सवा में स्थिर भी रह सकते है।

ऐसे ड्रोन में दोनों प्रकार के ड्रोन के फिचर का फायदा मिलता है। लगभग 1960 में इसी Concept पर ड्रोन बनाया गया था जो सफल नही हुआ। लेकिन नए Generation के Sensors के आगमन (Gyros और Accelerometers) के साथ इस तरह के ड्रोन बन पाएं।

ड्रोन कैसे बनाते है

ड्रोन एक तरह का मानवरहित मिनी हैलिकॉप्टर होता है, जिसे कुछ चीज़ों से मिलाकर बनाया जाता है, जैसे- चैसिस, प्रोपलर्स, मोटर्स, ESC, रेडियों रिसीवर, कैमरा, फ्लाइट कंट्रोल, बैटरी आदि। चलिए अब हम संक्षिप्त में यह जान लेते है कि ड्रोन बनाते कैसे है?

1. Chassis :-

Drone को अच्छा उड़ने योग्य बनाने के लिए उसका Chassis सही तरह से डिजाइन करना जरूरी है। Chassis ड्रोन का Skeleton होता है जिसमें सभी Components Fixed किए जाते है। चैसिस बनाते समय उनकी strength और और additional weight को नज़र में रखा जाता है। अन्यथा ड्रोन को उड़ाने के लिए लंबे Propellers और Strong Motors की जरूरत पड़ सकती है।

2. Propellers :-

इसे आप ड्रोन के पंखे समझ सकते है, जिसका प्रभाव सीधा Quad copterके वजन उठाने की क्षमता पर पड़ता है। और साथ ही यह ड्रोन की स्पीड और चारों तरफ चलने की स्पीड पर भी प्रभाव डालते हैं। अगर Propellers लंबे होंगे तो ड्रोन उड़ाने की क्षमता कम स्पीड पर भी ज्यादा होगी।

लेकिन अगर Propellers की साइज कम होती है तो ड्रोन आसानी से स्पीड कम ज्यादा कर सकता है। और साथ ही यह अधिक Manoeuvrable होता है। लेकिन इसमें ड्रोन को उड़ाने के लिए अधिक Rotational Speed की आवश्यकता होती है जिससे Motor पर अधिक दबाव पड़ता है और उनका जीवनकाल कम होता है.

3. Motors :-

सभी Propellers एक मोटर के साथ जुड़ा होता है, जिसकी Rating “Kv” Units में मापी जाती है। मोटर को अधिक स्पीड से घुमाने पर अधिक वायु दबाव बढ़ता है, लेकिन इसके लिए बैटरी की पावर भी ज्यादा खर्च होती है। इससे ड्रोन का Flying Time कम हो जाता है।

4. Electronic Speed Controller (ESC) :-

यह ड्रोन को सही Spin स्पीड और दिशा प्रदान करने के लिए मोटर को Controlled Current Supply करता है।

5. Flight Controller :-

यह एक तरह का On-board Computer होता है जो पायलट द्वारा रिमोट से भेजे हुए Signals को प्राप्त करता है, और इन Signals को ESC में भेजता है। इससे Drone को Control किया जाता है।

6. Radio Receiver :-

इसका काम केवल पायलट से भेजे गए संदेश (Signals) को Receive करना है।

7. Battery :-

इसमें सामान्यत: Lithium Polymer Batteries का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे ड्रोन को Flying Time अधिक मिलता है और रिचार्ज भी जल्दी हो जाता है।

8. Camera :-

आजकल ड्रोन में कैमरा भी लगाया जाता है जो ड्रोन के Navigation में मदद करता है, और साथ ही हवा में फोटोग्राफी के लिए भी इस्तेमाल होता है।

इसके अलावा भी ड्रोन में कुछ Additional Sensors लगाए जाते हैं, जैसे- Gyroscope और Accelerometer, और साथ ही Positional Measurement के लिए GPS और Barometer इत्यादि.

ड्रोन की कीमत कितनी है

आजकल आपको मार्केट में बहुत सारे फीचर वाले अनेक तरह के ड्रोन मिल जाएंगे। अगर में Quadcopter ड्रोन की बात करू तो यह ड्रोन आपको भारत में 1 हजार रूपयें से 1.5 लाख रूपयें या इससे भी ज्यादा की कीमत में मिल जाएगा।

अगर Fixed Wing Drones की बात करे तो यह काफी ज्यादा कीमत के होते है और यह हमारे लिए बिल्कुल भी उपयोगी नही होते है।

FAQ’s (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

ड्रोन से संबंधित काफी सारे ऐसे सवाल है जो की अक्सर पूछे जाते है जिनके बारे मे भी हमें जानना चाहिए।

ड्रोन कितने ऊपर उड़ते है?

ड्रोन कितना ऊपर उड़ सकता है, यह ड्रोन के Specification के ऊपर निर्भर होता है लेकिन अभी के समय के उच्च स्तर के ड्रोन 20 से 30 हजार ऊपर तक उड़ते है।

क्या भारत के पास भी ड्रोन है?

जी हाँ, आज के समय मे लगभग सभी देशों के पास ड्रोन है उनमे से एक भारत भी है जिसके पास भी उच्च स्तर के ड्रोन उपलब्ध है।

ड्रोन कितना दूरी तय कर सकता है?

आज के समय मे आने वाले सामान्य उच्च स्तर के ड्रोन लगभग 4 से 8 किलोमीटर के दूरी तक उड़ सकता है।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में हमने जाना कि ड्रोन क्या होता है (What is Drone in Hindi) इसके अलावा भी मैने इस आर्टिकल में बहुत सारी अन्य महत्वपूर्ण जानकारीयां भी है, जैसे ड्रोन कैसे उड़ता है, इसे कैसे बनाते है, इसके प्रकार कितने है इत्यादि। उम्मीद है की आज का यह ड्रोन से संबंधित आर्टिकल आप सभी के लिए काफी अधिक फायदेमंद रहा होगा एवं इस आर्टिकल को पढ़कर आपने ड्रोन के बारे मे काफी कुछ जान और सिख लिया होगा।

ड्रोन आज के समय मे काफी महंगे होते हुए भी हमारे जीवन का एक हिस्सा बन चुका है इसलिए हमने आपके साथ ड्रोन के विषय मे जानकारी साझा करने की कोशिश की है। अंत मे हम आप सभी से यही निवेदन करते है की इस आर्टिकल को सोशल मीडिया साइट्स जैसे Facebook, Twitter इत्यादि पर भी अवश्य साझा कीजिए और आपको यह आर्टिकल कैसा लगा यह भी Comment मे लिखकर बताना न भूले।

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