आज के इस आर्टिकल के जरिए हम जानेंगे कि ऑटोमोबाइल क्या है? आज के समय में छात्र अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े विषयों में पढ़ाई करते हैं जैसे कि डॉक्टर, वकील या अध्यापक, इसी तरह हर साल ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में भी लाखों छात्र पढ़ाई करके अपना करियर बना रहे हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि ऑटोमोबाइल मैकेनिकल इंजीनियरिंग सबसे अच्छी स्ट्रीम में से एक मानी जाती है और इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बहुत ज्यादा हैं।
ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में ट्रांसमिशन सिस्टम के तंत्र, कार्य और इससे जुड़े फायदों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है ताकि छात्र ऑटोमोबाइल के बारे में अधिक से अधिक जाने और देश के विकास को और अधिक गति प्रदान करें, आज के समय में यात्रा और सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए अलग-अलग तरह के ऑटोमोबाइल का प्रयोग किया जाता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लगभग सभी वाहन आंतरिक दहन की प्रक्रिया के नियमों पर कार्य करते हैं, और कुछ मौकों पर इंजनों को ही आंतरिक दहन इंजन कहते हैं, वाहनों को तेज गति में चलाने के लिए सिलेंडर में अलग-अलग प्रकार के ईंधन जलाए जाते हैं, ऐसे में आप वाहन चलाते हो तो आपको ऑटोमोबाइल के तंत्र, प्रकार, उपयोग आदि के बारे में जानकारी तो होनी ही चाहिए।
इस काम में हमारा यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा, तो चलिए बिना किसी देरी के आर्टिकल को जल्दी से जल्दी शुरू करते हैं और ‘ऑटोमोबाइल क्या होता है’ के बारे में जान लेते हैं, उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल अवश्य पसंद आएगा।
ऑटोमोबाइल क्या होता है – What is Automobiles in Hindi
ऑटोमोबाइल दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमे से पहला है Auto जिसे पूर्ण शब्दों मे Automatic कह सकते है, जिसका अर्थ होता है स्वचालित यानि खुद से और उसी तरह दूसरा शब्द है Mobile जिसका हिन्दी मे मतलब है गतिमान या गतिशील, अब इसे हम सीधे शब्दों मे कहे तो ऐसी पहियों वाली गाड़िया जो स्वयं से चलने मे सक्षम होती है बिना किसी बाहरी ताकत के, उन्हे हम ऑटोमोबाइल कहते है।
ऑटोमोबाइल यानी मोटर के द्वारा चलने वाला वाहन, ऑटोमोबाइल 2 पहियों के भी होते हैं और 2 से अधिक पहियों वाले भी होते हैं जो कि पेट्रोल या डीजल के द्वारा चलते हैं, आज के समय में मार्केट में ऐसी बहुत सारी कंपनियां हैं जो ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं, कुछ बाइक बनाती हैं तो वहीं कुछ कंपनियां कार बनाती हैं, आपको मार्केट में कारों के अलग-अलग मॉडल्स बड़ी ही आसानी से देखने को मिल जाएंगे।
ऑटोमोबाइल को सरल भाषा में कहा जाए तो यह एक ऐसा क्षेत्र होता है जिसमे अलग-अलग तरह की गाड़ियों को बनाया जाता है, ऑटोमोबाइल का प्रयोग लोगों के द्वारा सामान को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए किया जाता है, और साथ ही लोग ऑटोमोबाइल के जरिए सफर करना भी बहुत ज्यादा पसंद करते हैं, समय के साथ-साथ Automobiles के डिजाइन में बदलाव होता रहता है।
कुछ ऑटोमोबाइल को लोग अपने हाथों से बनाते हैं वहीं कुछ को मशीनों के जरिए बनाया जाता है, एक गाड़ी को पूरा बनने में कई तरह के स्पेयर पार्ट्स इस्तेमाल होते हैं जैसे कि पार्ट्स मशीनरी, टूल्स, इलेक्ट्रिक पार्ट्स, रॉ मैटेरियल, बल्ब्स, कार्बन फाइबर, इलेक्ट्रिक वायर, स्टील एल्युमिनियम, मैग्नेशियम रबर, प्लास्टिक, टायर, नट बोल्ट, कांच, शीट मेटलकॉपर, स्विचेस आदि।
ऑटोमोबाइल का संक्षिप्त इतिहास (History)
आज के समय मे काफी सारे Advance ऑटोमोबाइल आ चुके है लेकीन इसकी शुरुआत की बात करे तो इसकी शुरुआत विकिपिडिया के अनुसार 1662 के दशक मे हुआ था, उस समय भाप पेर चलने वाले ऑटोमोबाइल आविष्कार शुरू हुआ था, जिसके बाद पहला ऐसा ऑटोमोबाइल जो की मानव Transportation भी कर सकता था का आविष्कार 1769 मे हुआ।
जिसके निर्माता निकोलस जोसेफ कग्नोट एक फ़्रांस के आविष्कारक थे, जिसके बाद ऑटोमोबाइल की दुनिया मे तरह तरह के ऑटोमोबाइल काफी सारे लोगों के द्वारा Invent कीये गए और आज के समय मे हम खुद देख सकते है की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री कितनी अधिक विकसित हो चुकी है एक से बढ़कर एक ऑटोमोबाइल आ चुके है जिसमे दुनियाभर के Features मौजूद है।
ऑटोमोबाइल कितने प्रकार के होते है (Types)
ऑटोमोबाइल कई तरह के होते हैं और आपने भी सड़कों पर कई तरह की गाड़ियों को चलते देखा होगा, ऑटोमोबाइल के प्रकार निम्नलिखित हैं-
1. पेट्रोल के द्वारा चलने वाले ऑटोमोबाइल
पेट्रोल और डीजल से चलने वाले ऑटोमोबाइल में अधिक अंतर नहीं होता है, इस प्रकार के ऑटोमोबाइल में इंजेक्टर के साथ स्पार्क प्लग भी लगाए जाते हैं, स्पार्क प्लग बहुत ही कम समय में सिलेंडर बोअर में आग प्रज्वलित कर देता है, डीजल इंजन की तुलना में पेट्रोल इंजन जल्दी शुरू होता है और साथ ही लंबे समय तक कार्य करता है।
2. डीजल के द्वारा चलने वाले ऑटोमोबाइल
Rudolf Diesel ने डीजल का आविष्कार साल 1899 में किया था, पेशे से वह एक जर्मन थर्मल इंजीनियर थे, डीजल इंजन को कुछ इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि वह सिर्फ डीजल ईंधन से ही चले, डीजल से चलने वाले ऑटोमोबाइल के सिलेंडर में ईंधन और हवा का प्रेशर लगाया जाता है और फिर इंजेक्टर के जरिए सिलेंडर बोअर में ईंधन को छिड़का जाता है ताकि गरम हवा में ईंधन जल सके, यहां से ट्रांसमिशन एनर्जी निकलती है जो गाड़ी को चलाने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
3. CNG के द्वारा चलने वाले ऑटोमोबाइल
CNG यानी Compressed Natural Gas एक तरह का इंजन होता है, इसका इस्तेमाल सिर्फ पेट्रोल इंजन के साथ ही किया जाता है, कहने का तात्पर्य यह है कि पेट्रोल से चलने वाले ऑटोमोबाइल में दो तरह के ईंधन का प्रयोग किया जा सकता है पेट्रोल और गैस, सीएनजी के इस्तेमाल के पीछे का कारण है कि यह पेट्रोल की तुलना में काफी सस्ता होता है।
4. बिजली के द्वारा चलने वाले ऑटोमोबाइल
बिजली से चलने वाले वाहन पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों की तुलना में काफी अलग होते हैं, बिजली से चलने वाले ऑटोमोबाइल आजकल बहुत ही ज्यादा ट्रेंड में है और आने वाला समय इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल का ही है, इन वाहनों को चलने के लिए चार्ज करना आवश्यक होता है, आज के समय में जो भी व्यक्ति नया वाहन लाना चाहता है तो वह सबसे पहले इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल के बारे में ही सोचता है, क्योंकि इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल में पेट्रोल या डीजल का कोई झंझट नहीं रहता है, इससे ईंधन का खर्चा काफी कम हो जाता है।
ऑटोमोबाइल इंजीनियर कैसे बन सकते हैं?
ऑटोमोबाइल इंजीनियर बनने के लिए आप 10वीं या 12वीं कक्षा के बाद कोई मैकेनिकल ब्रांच से डिप्लोमा कोर्स कर सकते हो, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में BTech, MTech की डिग्री ले सकते हो, आप ITI से मोटर मैकेनिक की भी पढ़ाई कर सकते हो, अगर आप वास्तव के ऑटोमोबाइल का काम सीखना चाहते हो तो अपने नजदीकी मोटर गैराज में जाकर सीख सकते हो।
FAQ’s (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
ऑटोमोबाइल को हम सीधे शब्दों मे खुद से पहियों के माध्यम से चलने वाले वाहन कह सकते है, जिसमे हमें किसी भी तरह के बाहरी ताकत लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
ऑटोमोबाइल बहुत सारे पार्ट्स से मिलकर बना होता है जैसे कि इलेक्ट्रिक पार्ट्स, रॉ मैटेरियल, बल्ब्स, कार्बन फाइबर, इलेक्ट्रिक वायर, स्टील एल्युमिनियम आदि, लेकिन जिस भाग की वजह से गाड़ी चल पाती है वह Engine होता है, आसान भाषा में कहें तो इंजन गाड़ी का दिल होता है, इंजन के बिना गाड़ी व्यर्थ होती है, और इंजन को चलाने के लिए ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है।
दुनिया के पहले ऑटोमोबाइल कया आविष्कार 1662 मे हो चुका था, जो की किसी पेट्रोल या डीजल से नहीं चलता था बल्कि भाप के माध्यम से चलता था।
निष्कर्ष
ऑटोमोबाइल को वर्तमान के भाषा मे समझे तो गड़िया जो की पहियों को मदद से बिना किसी बाहरी ताकत लगाए खुद से चलने मे सक्षम होते है जैसे कार, विभिन्न तरह की गड़िया इत्यादि इन्ही को ऑटोमोबाइल कहा जाता है, अब मैंने आप सभी Readers के साथ ऑटोमोबाइल से समस्त जानकारी को विस्तृत रूप से साझा कर दिया है।
उम्मीद है की आज के इस आर्टिकल को पढ़कर आप सभी Readers ने ऑटोमोबाइल क्या है (Automobile Meaning in Hindi) से समबंधित समस्त जानकारीयो को विस्तार से जान लिया होगा और अगर कोई सवाल या किसी भी प्रकार का संदेह आपके मन मे इस आर्टिकल से जुड़ा रह गया है तो उसे आप नीचे Comment मे बेझिझक लिख सकते है।