नमस्ते दोस्तों, वर्तमान समय मे काफी अधिक कंप्युटर का उपयोग किया जा रहा है इसके बारे मे आपको अवश्य पता होगा लेकिन क्या आपको यह पता है की एनालॉग कंप्युटर और डिजिटल कंप्युटर क्या है? अगर आपका जवाब है नहीं तब आप बिल्कुल सही स्थान पर आए है क्योंकि इस आर्टिकल के जरिए हम एनालॉग कंप्युटर और डिजिटल कंप्युटर से संबंधित समस्त जानकारी को विस्तार से जानने वाले है।
आपको इस बारे मे भी बता दे की आपको डिजिटल कंप्युटर सभी तरह के क्षेत्रों मे देखने को मिल जाएगा लेकिन आपको एनालॉग कंप्युटर बहुत ही कम स्थानों पर देखने को मिलेगा, वैसे यह भी सत्य है की हम अपने दैनिक जीवन मे भी एनालॉग कंप्युटर का उपयोग किसी न किसी रूप मे कर रहे है लेकिन हमें उसके बारे मे जानकारी नहीं होती है इसीलिए हम समझ नहीं पाते है।
एनालॉग कंप्युटर शुरुआती समय का कंप्युटर है मतलब डिजिटल कंप्युटर का आविष्कार होने से पहले एनालॉग कंप्युटर का आविष्कार हो चुका था, लेकिन वर्तमान समय मे कंप्युटर के नाम पर सबसे ज्यादा डिजिटल कंप्युटर का ही उपयोग किया जाता है एवं एनालॉग कंप्युटर का उपयोग भी किया जाता है लेकिन बहुत ही गिने चुने क्षेत्रों मे।
वैसे तो हम सभी अपने जीवन मे आज भी कई सारे ऐसे मशीने उपयोग करते है जो की एनालॉग कंप्युटर पर आधारित है, इस वजह से हमने आज का यह आर्टिकल लिखने का चयन किया जिसमे हम एनालॉग कंप्युटर और डिजिटल कंप्युटर मे अंतर और इन दोनों से संबंधित समस्त जानकारी को विस्तार से जानने वाले है, तो चलिए सीखते है।
एनालॉग कंप्युटर क्या है (What is Analog Computer in Hindi)
आपको बता दे की ऐसे कंप्युटर जो की डेटा को एक Quantity या फिर Signal के जरिए प्रदर्शित करता है इन कंप्युटर को एनालॉग कंप्युटर कहा जाता है जो की कंप्युटर का शुरुआती दौर था, इस तरह के कंप्युटर भौतिक राशि जैसे ताप, दाब, द्रव के प्रवाहों पर कार्य करते है यह डेटा को सीधे Calculate नहीं करते है बल्कि यह डेटा को मापकर Calculate करते है एवं इस तरह के कंप्युटर का इस्तेमाल ऐसे स्थानों पर किया जाता है जहां पर ताप, दाब धारा एवं विद्धुत विभव को Continuously मापने का कार्य होता है।
अगर हम सीधे शब्दों मे कहे तो वे कंप्युटर जो की Contonoues Signal पर कार्य कर सकते है वह एक एनालॉग कंप्युटर होता है जो की 99.99 प्रतिशत सटीकता के साथ डेटा को प्रदर्शित करते है मतलब ये कंप्युटर Approx Result प्रदर्शित करते है जैसे घरों मे लगे कांटे वाली घड़ी, बुखार मापने वाला थर्मामीटर, गाड़ियों मे लगे स्पीडमीटर इत्यादि ये सभी एनालॉग कंप्युटर का ही एक उदाहरण है और यह एक एनालॉग कंप्युटर का रूप है।
वर्तमान समय मे इस तरह के कंप्युटर का उपयोग सभी तरह के क्षेत्रों मे नहीं किया जाता है बल्कि इनका उपयोग ज्यादातर इंजीनियरिंग एवं विज्ञान के क्षेत्र मे किया जाता है, इसका मुख्य कारण यह है की इन क्षेत्रों मे Quantities के रूप मे Calculation का कार्य अधिक होता है एवं आपको यह भी बता दे की कंप्युटर के शुरुआती दौर मे इसी तरह के कंप्युटर विकसित किए गए थे और इसी के बाद डिजिटल कंप्युटर विकसित किए गए।
एनालॉग कंप्युटर कितने प्रकार के होते है (Types)
अगर हम एनालॉग कंप्युटर के प्रकार पर गौर करे तो हम पाएंगे की एनालॉग कंप्युटर विभिन्न प्रकार के होते है लेकिन इसके मुख्य प्रकार तीन ही होते है जो की निम्नलिखित है –
1. एनालॉग डिजिटल कंप्युटर.
यह ऐसे कंप्युटर होते है जिसमे की डिजिटल और एनालॉग दोनों ही सिग्नल का उपयोग किया जाता है मतलब हम समझे तो इसे हम एनालॉग कंप्युटर और डिजिटल कंप्युटर दोनों ही कह सकते है। यह Input के समय बिल्कुल एनालॉग कंप्युटर की तरह कार्य करते है और जब Output का समय आता है तब यह एक डिजिटल कंप्युटर की तरह कार्य करता है।
2. इलेक्ट्रॉनिक एनालॉग कंप्युटर.
यह ऐसे एनालॉग कंप्युटर होते है जिनका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक के क्षेत्र मे किया जाता है, पुराने समय के इलेक्ट्रॉनिक कंप्युटर मे Vacuum Tubes का उपयोग किया जाता था लेकिन वर्तमान समय मे आने वाले इलेक्ट्रॉनिक कंप्युटर Resistors एवं Capacitors मे प्रवाहित होने वाले Electronic Signals का उपयोग करते है, मतलब सीधे शब्द मे कहे तो इलेक्ट्रॉनिक एनालॉग कंप्युटर Electronic Signals का उपयोग करते है।
3. मेकनिकल एनालॉग कंप्युटर.
ये ऐसे एनालॉग कंप्युटर होते है जिनका उपयोग बड़े बड़े वाहनों एवं गाड़ियों मे किया जाता है क्योंकि ये Mechanical Quantity मे कार्य करता है जैसे की गाड़ियों मे लगा स्पीडमीटर पहले गाड़ी के पहीयों के स्पीड को मापता है जो की एक Mechanical Quantity है और उसके बाद पहियों के स्पीड का Calculation करके हमें यह जानकारी प्रदर्शित करता है की गाड़ी कितने स्पीड से चल रहा है।
डिजिटल कंप्युटर क्या है (What is Digital Computer in Hindi)
वे कंप्युटर जो की 0 एवं 1 या फिर Digits मे कार्य करते है उन्हे डिजिटल कंप्युटर कहा जाता है, इस तरह के कंप्युटर किसी भी तरह के डेटा को डिजिटल रूप मे प्रदर्शित करते है मतलब इस तरह के कंप्युटर हमें Result को digits मे प्रदर्शित करते है जिसकी वजह से जो Result होता है वह पूर्ण रूप से 100 प्रतिशत सटीक होता है। यह कंप्युटर एनालॉग सिग्नल के बजाय डिजिटल सिग्नल पर कार्य करते है जिसके कारण हमें इन कंप्युटर पर Result पूर्ण रूप से सटीक मिल पाता है।
डिजिटल कंप्युटर को आसान भाषा मे समझे तो ऐसे कंप्युटर जो की डिजिटल सिग्नल पर कार्यरत होते है उन्ही ही डिजिटल कंप्युटर कहा जाता है, ये कंप्युटर Input के रूप मे संख्याओ, आकड़ों को ही लेता है और Output मे हमें संख्या और आँकड़े ही प्रदान करता है। इस तरह के कंप्युटर मे डेटा एवं Instruction एक ही साथ Input किया जाता है एवं दिए गए Instruction के अनुसार ही Calculation और Result Output के रूप मे हमें प्रदान करता है।
वर्तमान समय मे छोटे से लेकर बड़े एवं सभी क्षेत्रों मे डिजिटल कंप्युटर का ही उपयोग किया जाता है क्योंकि एनालॉग कंप्युटर के मुकाबले डिजिटल कंप्युटर कई सारे कार्य को कर सकता है एवं यह हमें पूर्ण रूप से सटीक परिणाम प्रदर्शित करता है। आज के समय मे स्मार्टवॉच, Calculator, मोबाइल फोन, लैपटॉप इत्यादि डिजिटल कंप्युटर के उदाहरण है और यह एक प्रकार के डिजिटल कंप्युटर के ही लग अलग रूप है।
Advantages of Analog computer in Hindi
पहले के समय मे और आज के समय दोनों मे ही एनालॉग कंप्युटर के विभिन्न फायदे है जो की निम्नलिखित है –
डिजिटल कंप्युटर कितने प्रकार के होते है (Types)
एनालॉग कंप्युटर विभिन्न प्रकार के होते है लेकिन डिजिटल कंप्युटर विभिन्न प्रकार के नहीं होते है यह मुख्य रूप से चार प्रकार के होते है जो की निम्नलिखित है –
1. माइक्रो कंप्युटर.
इस तरह के कंप्युटर साइज़ मे छोटे होते है जिन्हे हम आसानी से एक डेस्क मे रखकर इसका उपयोग कर सकते है। इस तरह के कंप्युटर का उपयोग Personal कार्यों के लिए किया जाता है जिसकी वजह से इसे सामान्य भाषा मे PC भी कहते है। माइक्रो कंप्युटर दुकानों, घरों, बैंक इत्यादि स्थानों मे मौजूद होते है।
2. मिनी कंप्युटर.
यह एक ऐसा डिजिटल कंप्युटर होता है जिसका साइज़ माइक्रो कंप्युटर से बड़ा होता है क्योंकि इसमे एक से अधिक CPU मौजूद होते है एवं एक ही समय मे कई सारे लोग इस कंप्युटर पर काम कर सकते है, इसकी गति माइक्रो कंप्युटर से अधिक होती है एवं इसे Personal कार्यों के लिए खरीद नहीं जा सकता है।
3. मैन्फ्रैम कंप्युटर.
इस तरह के कंप्युटर साइज़ मे काफी बड़े होते है एवं ऐसे कंप्युटर के Processing Power मिनी कंप्युटर के मुकाबले काफी अधिक होता है। इस कंप्युटर मे Data को तेजी गति से प्रोसेस करने का क्षमता काफी अधिक होता है और इसमे कई सारे लोग 24 घंटे काम कर सकते है। ये कंप्युटर बड़ी बड़ी कंपनी और सरकारी विभागों मे मौजूद होते है।
4. सुपर कंप्युटर.
यह काफी अधिक शक्तिशाली कंप्युटर है जो की कंप्युटर के बाकी प्रकार से कई अधिक साइज़ मे बड़ा होता है और इसमे Data को Process करने की क्षमता भी बाकी कंप्युटर के मुकाबले कई गुणा अधिक होता है जिसके कारण इस कंप्युटर का उपयोग ऐसे कामों मे किया जाता है जहां पर अधिक Calculation की आवश्यकता होती है।
Advantages of Digital computer in Hindi
आज के समय मे आने वाले डिजिटल कंप्युटर के विभिन्न फायदे है जो की निम्नलिखित हैं –
एनालॉग कंप्युटर और डिजिटल कंप्युटर मे अंतर
वैसे तो अब हमने Analog Computer और Digital Computer क्या होता है, इसके बारे मे जान लिया। अब हम एनालॉग कंप्युटर और डिजिटल कंप्युटर मे क्या अंतर है, इसके बारे मे जानते है –
एनालॉग कंप्युटर | डिजिटल कंप्युटर |
एनालॉग कंप्युटर एनालॉग सिग्नल पर कार्य करते है। | डिजिटल कंप्युटर डिजिटल सिग्नल पर कार्य करते है। |
इस तरह के कंप्युटर का उपयोग अधिकतर विज्ञान, इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों मे ही किया जाता है। | इस तरह के कंप्युटर का उपयोग लगभग सभी क्षेत्रों मे किया जाता है। |
इस तरह के कंप्युटर को किसी विशेष कार्य को करने के लिए ही विकसित किया जाता है। | इस तरह के कंप्युटर के उपयोग से विभिन्न कार्यों को किया जा सकता है। |
ऐसे कंप्युटर का Storage सीमित मात्रा मे ही होता है। | ऐसे कंप्युटर का Storage बहुत ही अधिक मात्रा मे होता है। |
इस तरह के कंप्युटर मे Result पूर्ण रूप से सटीक नहीं होता है। | इस तरह के कंप्युटर मे Result बहुत ही सटीक होता है। |
इस तरह के कंप्युटर का गति धीमा होता है। | इस तरह के कंप्युटर तेज गति के होते है। |
यह इतने अधिक भरोसेमंद नहीं होते है। | यह अधिक भरोसेमंद होते है। |
निष्कर्ष
अगर हम सामान्य भाषा मे एनालॉग कंप्युटर और डिजिटल कंप्युटर को परिभाषित करे तो एनालॉग कंप्युटर वे कंप्युटर होते है जो किसी Particular Task को करने के लिए बनाये गए होते है वहीं पर डिजिटल कंप्युटर विभिन्न प्रकार के कार्य को कर सकता है, उम्मीद है की इस आर्टिकल को पढ़कर आपको काफी कुछ जानने और कुछ नया सीखने को मिला होगा एवं इस आर्टिकल के जरिए आप सभी ने What is Analog And Digital Signal in Hindi के बारे मे भी जानकारी प्राप्त कर ली होगी।
अंत मे हम आपसे यही निवेदन करते है की इस आर्टिकल को पढ़कर आपको कैसा लगा नीचे Comment मे लिखकर अवश्य बताएं और इस आर्टिकल को सोशल मीडिया जैसे Twitter, Facebook, Linkdin इत्यादि पर भी अवश्य साझा कीजिए।