जीपीएस ट्रैकर क्या है और जीपीएस ट्रैकर क्या करता है?

हम सभी अपने दैनिक जीवन मे ऐसे कई सारे उपकरणों का उपयोग करते है जो की हमारे दैनिक जीवन को काफी आसान बना देता है और कई सारे कार्यो को आसान बना देता है जीपीएस ट्रैकर भी एक बेहद ही काम का और उपयोगी उपकरण है जो की प्रत्येक व्यक्ति के जीवन मे काफी मददगार है लेकिन इसके बारे मे सिर्फ ऐसे लोगों को ही पता होता है जो टेक की फील्ड मे जानकारी रखते है।

जो की गलत बात है जीपीएस ट्रैकर बाकी उपकरणों की तरह ही एक उपकरण है जिसका उपयोग प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन मे कर सकता है और अपने काफी सारे कार्यो को आसान बना सकता है, इस लेख मे हम जीपीएस ट्रैकर क्या है और जीपीएस ट्रैकर क्या करता है? एवं इससे जुड़ी समस्त जानकारीयो को विस्तार से जानेंगे।

जीपीएस ट्रैकर क्या होता है – What is GPS Tracker in Hindi

ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम अर्थात जीपीएस ट्रैकर एक तरह का डिवाइस होता है जो की किसी वस्तु, व्यक्ति का रियल टाइम लोकेशन ट्रैक करने के इस्तेमाल कीया जाता है यह डिवाइस लोकेशन ट्रैकिंग के लिए ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम का उपयोग करता है जो की जीपीएस सेटेलाइट के जरिए सिग्नल प्राप्त करके किसी भी ऑब्जेक्ट जिस पर की जीपीएस हार्डवेयर मौजूद है उसका सटीक लोकेशन बताता है।

जीपीएस ट्रैकर वर्तमान समय मे आने वाले कम्प्यूटिंग डिवाइस जैसे स्मार्टफोन, लैपटॉप, स्मार्टवाच इत्यादि मे जीपीएस ट्रैकर पहले से ही लगे हुए होते है जिस वजह से ये उपकरण खोने पर इन्हे ट्रैक कीया जा सकता है लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है की जीपीएस ट्रैकर उपकरण अलग से भी बिकते है जिन्हे कोई भी आम आदमी खरीद सकता है।

जीपीएस ट्रैकर उपकरण को गाड़ी, अपने पालतू जानवर, बच्चों या किसी व्यक्ति पर अटैच कर सकते है जिसके बाद हम उनका सटीक एवं रियल टाइम लोकेशन अपने स्मार्टफोन के माध्यम से ट्रैक कर सकते है, मार्केट मे मौजूद सभी तरह के जीपीएस ट्रैकर डिवाइस का खुद ऐप होता है जिसके माध्यम से उपयोगकर्ता जीपीएस ट्रैकर को ट्रैक कर पाते है।

जीपीएस का इतिहास (GPS History)

जीपीएस की एक अनजान शुरुआत 1957 मे ही शुरू हो गई थी जब सोवियत संघ ने अपना पहला सेटेलाइट Sputnik 1 सेटेलाइट लॉन्च कीया था उसके बाद US नेवी ने अपना Transit सिस्टम बनाया जो की पहला सेटेलाइट आधारित नेविगेशन सिस्टम था जिसे US नेवी ने अपने पनडुब्बियों पर नजर रखने हेतु विकसित कीया था।

जिसके बाद 1973 मे अमेरिकी रक्षा विभाग ने जीपीएस विकसित करने का बिड़ा उठाया, जिसके बाद 1978 मे पहला जीपीएस सेटेलाइट लॉन्च कीया गया, जो की सिर्फ डिफेंस उपयोग हेतु था, जिसके बाद 1980 दशक के बाद अमेरिकी सरकार ने जीपीएस को आम नागरिकों के लिए जारी कर दिया, जिसके बाद से लगातार जीपीएस मे लगातार सुधार करके इसे पहले से एडवांस बनाया जाता रहा है।

जीपीएस ट्रैकर कैसे काम करता है?

जीपीएस ट्रैकर सेटेलाइट के माध्यम ऑब्जेक्ट का लोकेशन ट्रैक करने मे सक्षम हो पाता है, इसी के माध्यम से ही ऑब्जेक्ट का रियल टाइम लोकेशन ट्रैक कर पाता है।

जीपीएस ट्रैकर के काम करने की प्रक्रिया को सरल भाषा मे समझे तो, पृथ्वी के ऊपर सेटेलाइट लगे हुए है जो की हर वक्त जीपीएस ट्रैकर को ट्रैकिंग सिग्नल भेजते है। ये सेटेलाइट पृथ्वी की परिक्रमा करते है एवं सेटेलाइट एक विशिष्ट सिग्नल Transmit करते है जिस सिग्नल मे उनके लोकेशन और उसके हिसाब उनके समय की जानकारी मौजूद होती है।

जिसके बाद जीपीएस ट्रैकर सेटेलाइट द्वारा भेजे गए सिग्नल को प्राप्त करते है जिसके बाद जीपीएस ट्रैकर अलग अलग सेटेलाइट से प्राप्त सिग्नल को Compare करता है जिसके बाद दूरी, समय इत्यादि के आधार ऑब्जेक्ट का सटीक लोकेशन निकल पाता है जिस डेटा को जीपीएस ट्रैकर डिवाइस मोबाइल नेटवर्क, वाईफाई, रेडियो सिग्नल इत्यादि के माध्यम से सर्वर तक पहुंचाता है।

जिसके बाद यही डेटा मोबाइल ऐप या कंप्युटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑब्जेक्ट का रियल टाइम लोकेशन बताता है।

जीपीएस ट्रैकर फायदे (Advantages)

जीपीएस ट्रैकर के कई सारे फायदे है जैसे –

  1. जीपीएस रियल टाइम लोकेशन बतलाने मे सक्षम है।
  2. जीपीएस ट्रैकर का इस्तेमाल करके किसी वस्तु, व्यक्ति का सटीक लोकेशन को ट्रैक कीया जा सकता है।
  3. जीपीएस ट्रैकर अपराधी को ढूँढने मे काफी अधिक मदद करता है।
  4. जीपीएस ट्रैकर से किसी वस्तु, व्यक्ति, पशु इत्यादि को खोने से बचा जा सकता है।
  5. जीपीएस ट्रैकर बच्चों को सुरक्षित रखने मे मदद कर सकता है।
  6. फिटनेस के क्षेत्र मे भी यह बेहद फायदेमंद है दौड़ने, चलने या किसी अन्य एक्टिविटी की दूरी, गति, समय इत्यादि को ट्रैक करने मे मदद करता है।

जीपीएस ट्रैकर का इस्तेमाल कैसे करे?

वर्तमान समय मे बड़े बड़े इलेक्ट्रॉनिक दुकानों मे जीपीएस ट्रैकर डिवाइस काफी आसानी उपलब्ध होते है जहां से हम खरीदकर उसे इस्तेमाल कर सकते है और अगर अपने आस पास के किसी भी इलेक्ट्रॉनिक दुकान मे जीपीएस ट्रैकर डिवाइस नहीं मिल पाता है तब ऐसे मे ऑनलाइन जीपीएस ट्रैकर डिवाइस खरीद सकते है जिसके बाद इस्तेमाल कर सकते है कुछ इस तरह –

  1. सर्वप्रथम अपने जीपीएस ट्रैकर डिवाइस के बॉक्स को ओपन कीजिए।
  2. उसके बाद यूजर मैनुअल को पढ़कर डिवाइस को उस हिसाब से सेट कीजिए।
  3. फिर जीपीएस ट्रैकर डिवाइस को सक्रिय कर लीजिए और उस डिवाइस का ऐप को अपने इंस्टॉल कर लीजिए।
  4. जिसके बाद डिवाइस को अपने फोन के ऐप के साथ कनेक्ट कर लीजिए।
  5. उसके बाद अब आप जिसे भी ट्रैक करना चाहते है उसमे यह डिवाइस अटैच कर दीजिये।
  6. जिसके बाद अब आप जीपीएस ट्रैकिंग की प्रक्रिया को शुरू कर सकते है अर्थात अपने मोबाइल से ऐप की मदद से लाइव लोकेशन ट्रैक करना शुरू कर सकते है।

निष्कर्ष

वाकई मे जीपीएस ट्रैकर हमारे दैनिक जीवन को बेहतर बनाने हेतु बहुत उपयोगी डिवाइस है जिसके माध्यम से हम अपने गाड़ी, बच्चे, सामान, पशुओ या किसी व्यक्ति पर नजर रख सकते है और उसे समय समय पर ट्रैक कर सकते है, इसी वजह से प्रत्येक व्यक्ति को जीपीएस ट्रैकर के बारे मे अच्छे से जरूर मालूम होना चाहिये ताकि वे इसका इस्तेमाल कर पाए।

हमें उम्मीद है की इस लेख से आप सभी पाठको ने जीपीएस ट्रैकर क्या होता है (What is GPS Tracker in Hindi) इससे जुड़ी समस्त जानकारीयो को विस्तृत रूप से जान और समझ लिया होगा।

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