कंप्युटर प्रोग्रामिंग के क्षेत्र मे जब हम आगे बढ़ते है तब हमें असेंबली लैंग्वेज के बारे मे पता चलता है जिसको सुनकर हमारे मन मे सबसे पहले यह सवाल आता है की असेंबली लैंग्वेज क्या है? तो आपको यह बता दे की यह भी एक प्रकार का प्रोग्रामिंग भाषा ही है लेकिन यह इसका कार्य काफी अलग है क्योंकि इसमे लिखे गए Codes को run करने के लिए हमें एक कंप्युटर प्रोग्राम की आवश्यकता पड़ती है।
इस टेक्नोलॉजी की दुनिया मे अगर आप कदम रखने जा रहे है और कंप्युटर Programs की सहायता से विशेष प्रकार के Machines, Hardware’s को विकसित करना चाहते है तब आपको इस लैंग्वेज के बारे मे जानने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि मशीनी भाषा के Translator के रूप मे कार्य करती है क्योंकि मशीनी भाषा को समझना और उसमे Programs बनाना काफी कठिन होता है।
इसी कठिनता को कम करने के लिए असेंबली लैंग्वेज का उपयोग किया जाता है जिसमे की कंप्युटर प्रोग्राम को लिखना मशीनी भाषा के तुलना मे सरल होता है, कंप्युटर प्रोग्रामिंग की दुनिया मे विभिन्न तरह के भाषाये उपलब्ध है लेकिन उन भाषाओ मे से कुछ ही ऐसा भाषाये है जिनके बारे मे एक Computer Program के बारे मे सीखने वाले को जानना आवश्यक है।
इस वजह से आज के इस आर्टिकल को लिखने का मैंने सोचा जिसमे मैं आप सभी के साथ असेंबली लैंग्वेज क्या होता है? और इससे जुड़े समस्त जानकारीयो को विस्तार से साझा करने की कोशिश करूंगा, तो चलिए फिर बिना किसी देरी के असेंबली लैंग्वेज के बारे मे काफी कुछ जानते है।
असेंबली लैंग्वेज क्या है – What is Assembly Language in Hindi
असेंबली लैंग्वेज प्रोग्रामिंग भाषा का Second Generation है जिसे मशीन लैंग्वेज के Codes को आसानी से लिखने के लिए बनाया गया है क्योंकि मशीन लैंग्वेज मे Binary Number का उपयोग किया जाता है जिन Instruction को समझना और याद करके रखना आसान नहीं है उसी स्थान पर असेंबली लैंग्वेज के Codes को समझना और याद करना दोनों ही आसान है क्योंकि इसमे Codes को लिखने के लिए Symbols और अक्षरों का उपयोग किया जाता है।
असेंबली लैंग्वेज को पूर्ण रूप से निम्न स्तर का लैंग्वेज नहीं कह सकते है बल्कि उसके स्थान पर हम इसे मध्यम स्तर का लैंग्वेज कह सकते है क्योंकि इसे निम्न स्तर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और उच्च स्तर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के बीच का लैंग्वेज माना जाता है जिसमे लिखे गए Codes को सीधे Execute नहीं किया जाता है बल्कि इसमे लिखे गए Codes को असेंबलर यानि कंप्युटर प्रोग्राम की मदद से मशीन लैंग्वेज मे परिवर्तित किया जाता है जिसके बाद ही इसके Codes को Execute किया जाता है।
ऐसा प्रोग्रामिंग भाषा जिसमे की मशीन लैंग्वेज मे उपयोग किए जाने वाले अंकों के स्थान पर चिन्ह और अक्षरों का उपयोग किया जाता है उसी प्रोग्रामिंग भाषा को ही एक असेंबली लैंग्वेज कहा जाता है इस लैंग्वेज मे मशीनी Codes के बदले Mnemonics Codes का इस्तेमाल किया जाता है जिनमे दिए गए Instruction को आसानी से समझा और याद किया जा सकता है।
जैसे की मशीनी भाषा मे Equal को लिखने के लिए “0000‘ का इस्तेमाल किया जाता है जिसे समझना थोड़ा कठिन है वहीं पर असेंबली लैंग्वेज मे इसे लिखने के लिए “EQ” का उपयोग किया जाता है जिसे की समझना और याद करना आसान है उसी तरह Not Equal को मशीनी भाषा मे लिखने के लिए “0001′ का उपयोग किया जाता है लेकिन वहीं पर असेंबली लैंग्वेज मे इसे लिखने के लिए ‘NE” का उपयोग किया जाता है।
असेंबली लैंग्वेज का इतिहास (History)
अगर हम असेंबली लैंग्वेज के इतिहास की बात करे तो दुनिया का पहला असेंबली कोड Machine Code के Instruction को Represent करने के लिए 1947 मे कैथलीन और एंड्रयू डोनाल्ड बूथ जो की ब्रिटिश कंप्युटर Scientist है इन दोनों अपने एक काम मे किया था एवं आज के समय मे कैथलीन बूथ को ही असेंबली लैंग्वेज का जनक माना जाता है और इसी तरह ही इसका शुरुआत हुआ।
असेंबली भाषा कितने प्रकार के होते है (Types)
आज के समय मे असेंबली लैंग्वेज मुखतः चार प्रकार के है जो निम्नलिखित है :-
1. RISC.
यह असेंबली भाषा का सबसे पहला प्रकार है जिसका पूरा नाम Reduced Instruction Set computer होता है।
2. DSP.
यह असेंबली भाषा का दूसरा प्रकार है जिसका पूरा नाम Digital Signal Processer होता है।
3. CISC.
यह असेंबली भाषा का तीसरा प्रकार है जिसका की पूरा नाम Complex Instruction Set computer होता है।
4. VILW.
यह असेंबली भाषा का चौथा प्रकार है जिसका की पूरा नाम Very Long Instruction Word है।
असेंबली लैंग्वेज का उपयोग किसलिए किया जाता है?
जैसा की हम जानते है की असेंबली लैंग्वेज एक प्रकार का Machine Language का ही Translated भाषा है ऐसे मे इसका उपयोग कई सारे कार्यों के लिए किया जाता है जैसे Microprocessor को तो आप जानते ही होंगे इसे प्रोग्राम करने के लिए किया जाता है क्योंकि Microprocessor मे Fundamentals इसी के माध्यम से Program किए जाते है।
सीधे तौर पर Hardware को Manipulate करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है इसके माध्यम से विशेष तरह के कंप्युटर सॉफ्टवेयर को भी डिजाइन किया जाता है, इसके अलावा इसका उपयोग कंप्युटर को Instructions देने के लिए भी किया जाता है ताकि कंप्युटर को सही तरीके से कार्य करवाया जा सके।
असेंबली लैंग्वेज के उदाहरण (Examples)
असेंबली लैंग्वेज मे Mnemonics Codes का उपयोग किया जाता है तो चलिए उनके कुछ उदाहरण देख लेते है की Mnemonics Codes को किस तरह लिखा जाता है :-
जैसा की हम जानते है की 24 का Binary code 11000 है जिसका उपयोग Binary Code मे प्रोग्राम लिखते वक्त किया जाता है, उसी तरह 22 का Binary code 10110 है और 22 और 24 को Addition करने पर 46 Output प्राप्त होता है जिसका Binary code 101110 है, एवं Addition करने के लिए हमें मशीनी भाषा मे Addition का Binary code का उपयोग करना पड़ता है।
अब Addition के Mnemonics Codes को देखे तो इसका Mnemonics Codes Add है जिसे हम आसानी से याद कर सकते है तब हम 22 और 24 के Binary code मे Addition का उपयोग करके Output प्राप्त करने के लिए हमें Addition का Binary code लिखने की आवश्यकता नहीं है बल्कि हमें उसका Mnemonics code जो की Add है इसी का उपयोग करना है जिसके बाद हमें वैसा ही Output मिल जाएगा जैसे “Addition 22 और 24 का = Add 10110 11000 = 101110“
असेंबलर क्या होता है (What is Assembler in Hindi)
असेंबली लैंग्वेज मे लिखे गए Codes को हमें मशीन लैंग्वेज मे ट्रांस्लेट करने की आवश्यकता पड़ती है जिसके बाद ही हम उस Code Execute कर सकते है अब जो यह असेंबली लैंग्वेज के Code को मशीन लैंग्वेज मे ट्रांस्लेट करता है उसे ही असेंबलर कहते है जो की एक प्रकार का कंप्युटर प्रोग्राम यानि सीधे शब्दों मे कहे तो एक सॉफ्टवेयर होता है, जिसके जरिए ही असेंबली लैंग्वेज मे लिखे गए Codes को मशीनी भाषा मे परिवर्तित किया जाता है।
असेंबलर कितने प्रकार के होते है? (Types of Assembler)
अब अगर हम असेंबलर की प्रकार की बात करे तो असेंबलर मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है जो की निम्नलिखित है :-
1. One Pass Assembler
ये ऐसे असेंबलर होते है जो की एक ही बार मे पूरे असेंबली भाषा मे लिखे गए Codes को मशीन कोड मे परिवर्तित कर देते है।
2. Multipass Assembler
इस तरह के असेंबलर को Two pass Assembler के भी नाम से जाना जाता है ये सबसे पहले असेंबली Codes को Process करते है फिर उसे Op code और Symbol code मे Value को स्टोर करते है फिर इतना सब करने के बाद वे इन Tables का उपयोग करके Machine Code Generate करते है।
असेंबली लैंग्वेज की विशेषताएं (Features)
असेंबली लैंग्वेज मे अगर हम देखे तो इसमे काफी सारी विशेषताएं मौजूद है जैसे :-
- असेंबली भाषा, प्रोग्रामिंग भाषा की दूसरी पीढ़ी है जिसमे से पहली पीढ़ी मशीन लैंग्वेज है और तीसरी पीढ़ी उच्च स्तर प्रोग्रामिंग भाषाये है।
- असेंबली भाषा मे लिखे गए Codes को Execute करने के लिए असेंबलर की जरूरत पड़ती है।
- जैसा की हम जानते है की मशीन भाषा मे Binary कोड का उपयोग किया जाता है जिन्हे समझना मुश्किल है लेकीन इसमे Mnemonics कोड का उपयोग किया जाता है जिसे समझना आसान है।
- असेंबली लैंग्वेज न ही निम्न स्तर और न ही उच्च स्तर की प्रोग्रामिंग भाषा है बल्कि यह एक मध्य स्तर की प्रोग्रामिंग भाषा है।
- असेंबली भाषा मे लिखे गए Codes के Errors को आसानी से ढूंढा जा सकता है।
असेंबली लैंग्वेज और मशीन लैंग्वेज मे क्या अंतर है?
असेंबली लैंग्वेज और मशीन लैंग्वेज अभी तक हमने काफी कुछ जाना लेकीन अब हम असेंबली लैंग्वेज और मशीन लैंग्वेज दोनों मे क्या अंतर है इस पर विस्तार से चर्चा करते है :-
Assembly Language | Machine Language |
इसमे प्रोग्राम बनाने के लिए Mnemonics Code का उपयोग किया जाता है। | इसमे प्रोग्राम बनाने के लिए Binary Code का उपयोग किया जाता है। |
असेंबली लैंग्वेज के Mnemonics Code को समझना आसान होता है। | मशीन लैंग्वेज के Binary Code को समझना काफी कठिन होता है। |
इसमे लिखे गए Codes को Execute करने के लिए असेम्ब्लर की जरूरत पड़ती है। | इसमे लिखे गए Codes को Execute करने के लिए असेम्ब्लर की जरूरत नहीं पड़ती है इसे सीधे Execute किया जा सकता है। |
असेंबली लैंग्वेज प्रोग्रामिंग भाषा की Second Generation है। | मशीनी लैंग्वेज प्रोग्रामिंग भाषा की First Generation है। |
इसे हम मध्यम स्तर का प्रोग्रामिंग भाषा कह सकते है। | इसे हम निम्न स्तर का प्रोग्रामिंग भाषा कह सकते है। |
इसमे Execution की प्रक्रिया धीमी गति से होता है। | इसमे Execution की प्रक्रिया तेज गति से होता है। |
असेंबली लैंग्वेज के फायदे (Advantages)
असेंबली लैंग्वेज के कई सारे फायदे है जिनको मैंने नीचे Mention किया है :-
- वर्तमान समय मे अभी भी कंप्युटर प्रोग्रामिंग के लिए असेंबली लैंग्वेज का उपयोग किया जाता है।
- इसमे Mnemonics code से प्रोग्राम लिखा जाता है जिसे समझना काफी आसान है।
- इसमे हम Errors को आसानी से ढूंढ सकते है और उन्हे Fix कर सकते है।
- यह कंप्युटर के हार्डवेयर के साथ Interact कर सकता है।
- असेंबली लैंग्वेज मे कम कोड लिखकर अधिक परिणाम पा सकते है।
- अन्य प्रोग्रामिंग भाषा के मुकाबले इसमे कोडिंग करते वक्त गलतीया कम होती है।
असेंबली लैंग्वेज के नुकसान (Disadvantages)
असेंबली लैंग्वेज के जिस तरह कुछ फायदे है उसी तरह इसके कुछ नुकसान भी है जो की निम्नलिखित है :-
- इसको Execute करने के लिए अलग से असेम्ब्लर की आवश्यकता पड़ती है उसके बिना इसके कोड को Execute नहीं किया जा सकता है।
- इसमे कोडिंग करने के लिए प्रोग्रामर के पास हार्डवेयर की जानकारी होना चाहिए।
- इसे समझना और Execute करना थोड़ा कठिन होता है।
- इसमे कोडिंग करके प्रोग्राम बनाने मे काफी समय लगता है।
- इसमे उपयोग किए जाने वाले Syntax को समझना थोड़ा कठिन होता है।
FAQ’s (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
असेंबली लैंग्वेज का उपयोग कंप्युटर के हार्डवेयर से Direct Interact करने के लिए किया जाता है।
कैथलीन बूथ जो की ब्रिटिश कंप्युटर Scientist है इन्हे ही असेंबली लैंग्वेज का जनक कहा जाता है।
असेम्बलर का कार्य असेंबली भाषा को मशीनी भाषा मे परिवर्तित करना है, ताकि उसे Execute किया जा सके।
निष्कर्ष
वैसे अगर हम देखे तो उच्च स्तर के प्रोग्रामिंग भाषा के आ जाने से असेंबली लैंग्वेज की उपयोगिता कम है लेकीन इसके बावजूद भी इसका उपयोग अभी भी किया जा रहा है ऐसे मे प्रोग्रामिंग मे रुचि रखने वाले को असेंबली लैंग्वेज के बारे मे जरूर जानना चाहिए, अब मैंने आपके साथ इस आर्टिकल के जरिए असेंबली लैंग्वेज से जुड़े समस्त जानकारीयो को विस्तारपूर्ण रूप से साझा कर दिया है।
जिसको की पढ़कर आप सभी ने असेंबली लैंग्वेज क्या होता है (What is Assembly Language in Hindi) से संबंधित समस्त जानकारीयो को प्राप्त कर लिया होगा। अब अंत मे मैं आप सब से बस दो चीजे कहना चाहता हूँ की इस आर्टिकल को सोशल मीडिया जैसे Facebook, Twitter इत्यादि पर भी जरूर शेयर कीजिए और इस आर्टिकल से जुड़ा अगर आपके मन मे कोई भी सवाल या सुझाव है तो उसे Comment मे लिखिए।