शादी के कार्ड मे क्या लिखा जाता है?

बहुत सारे लोग हैं जो यह जानना चाहते हैं की शादी के कार्ड मे क्या लिखा जाता है? क्योंकि शादी होने से पहले जो सबसे महत्वपूर्ण चीज होती हैं वह शादी का कार्ड होता हैं। जिसमे हमे भिन्न भिन्न प्रकार की जानकारी लिखी जाती हैं और परिवार के सभी सदस्य, एवं रिश्तेदारों के नाम को क्रम अनुसार रखा जाता हैं।

बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिनके घरों मे पहली बार शादी होती हैं, या ऐसे भी लोग हैं जो शादी का कार्ड का मैटर खुद से बनाना चाहते हैं तो ऐसे मे शादी के कार्ड मे क्या क्या लिखा जाता हैं ? यह जानकारी की होनी बहुत ही ज्यादा जरूरी हो जाता है, तभी कोई भी व्यक्ति शादी का कार्ड छाप या छपवा सकता हैं।

मैं पिछले 4 से 5 सालों से शादी कार्ड की छपाई कर रहा था इस दौरान मैंने विभिन्न विभिन्न प्रकार के शादी के कार्ड्स को छापे हैं इससे मुझे पूरा Experience हो चुका हैं की कौन से शादी के कार्ड मे क्या लिखा जाता हैं।

इस लेख के माध्यम से हम शादी कार्ड मे लिखे जाने वाले सभी शब्दों और एक शादी कार्ड मे क्या क्या लिखना बेहद जरूरी हैं और किस तरह लिखते हैं यह जानने वाले हैं तो चलिए जानते हैं और सीखते हैं।

शादी के कार्ड मे क्या लिखा जाता है?

शादी का कार्ड मे अलग अलग धर्मों के हिसाब से अलग अलग चीजे लिखी जाती हैं, लेकिन सभी शादी के कार्ड मे दूल्हा और दुल्हन का नाम सर्वप्रथम लिखा जाता हैं। शादी के कार्ड मे लड़की पक्ष, और लड़के पक्ष वाले दोनों मे लग अलग तरीके से नाम को लिखा जाता हैं।

शादी कार्ड अगर आप कहीं छपवाने जा रहे हैं और उससे पहले सभी नाम और क्या क्या लिखा जाता हैं यह जानना चाहते हैं तो यह पढ़ें – यह एक हिन्दू धर्म मे लिखे जाने वाला मैटर हैं।

शादी कार्ड के मैटर को लिखने मे सबसे पहले आपको जो सबसे पहले लिखनी होती हैं वह भगवान का नाम है, भगवान के नाम से ही शादी कार्ड लिखने की शुरुआत होती हैं जैसे हिन्दू धर्म मे कुछ इस प्रकार लिखते हैं-

श्री गणेशाय: नम:

मंगलम भगवान विष्णु, मंगलाय गरुडध्वज: ।

मंगलम पुण्डरीकाक्षाय, मंगलाय तानों हरी ।।

स्नेही स्वजन,

परम पिता परमेश्वर की असीम अनुकृपा से हमारे यहाँ….

निम्न दो महत्वपूर्ण चीजे लिखनी होती हैं।

चि. (दूल्हा का नाम)
सुपौत्र – (लड़के का दादा जी का नाम)
सुपुत्र – (लड़के का पिता जी का नाम)
स्थान – (लड़के का निवास स्थान जिला सहित)
दूल्हा
सौ.का. (दुल्हन का नाम)
सुपौत्री (दुल्हन के दादा जी का नाम)
सुपुत्री (लड़की के पिता जी का नाम)
स्थान – (लड़की का निवास स्थान जिला सहित)
दुल्हन

अगर लड़की पक्ष की तरफ का शादी कार्ड हैं तो लड़की का नाम पहले लिखा जाता हैं और अगर शादी कार्ड लड़के वालों का हैं तो लड़के पक्ष का नाम पहले लिखा जाता हैं।

उसके बाद जो महत्वपूर्ण चीज लिखा जाता हैं एक हिन्दू धर्म के शादी के कार्ड मे वह विवाह स्थल हैं कुछ इस प्रकार.

विवाह स्थल – (जिस स्थान पर विवाह का कार्यक्रम रखा गया हैं)

उसके बाद हमे सभी शादी के तारीख और मुहूर्त, को कुछ इस प्रकार लिखा जाता हैं।

बैशाख, कृष्ण पक्ष – 1 – 01/01/2023 – (होने वाले कार्यक्रम) कुछ इस प्रकार हमे सभी तिथियों को लिखना होता हैं, हिन्दी मे तारीख को और साथ मे जिस प्रकार लिखा गया हैं कुछ उसी प्रकार ही सभी तारीखों को लिखना हैं।

उसके बाद सभी परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के नाम लिखने होते हैं, लेकिन सभी रिश्तेदारों के नाम अलग अलग category के हिसाब से लिखे जाते हैं। सभी रिश्तेदारों के नाम एक ही साथ नहीं लिख सकते हैं, क्योंकि शादी मे सभी की अलग अलग भूमिका होती हैं। कुछ इस प्रकार के category के अनुसार हमे सदस्यों के नाम लिखने होते हैं।

  • दर्शनाभिलाषी : इसमे उस प्रकार के सदस्यों के नाम आते हैं, जो एक प्रकार के ही घर के सदस्य होते हैं जैसे, चाचा और चाची, बड़े पापा और बड़े माँ, भैया और भाभी, दादा और दादी इत्यादि ध्यान रहे इनमे लड़की या लड़के का माता और पिता का नाम नहीं लिखा जाता हैं।
  • स्वागतकांक्षी : इसमे खास रिश्तेदारों के नाम लिखे जाते हैं, जिनका स्वागत किया जाता हैं शादी पर जैसे, बुआ और फुफू, दीदी और जीजा, मामा और मामी, मौसा और मौसी, नाना और नानी इत्यादि इस तरह के नाम स्वागतकांक्षी मे लिखे जाते हैं।
  • विनीत : इसमे खासकर सिर्फ लड़की या लड़के के माता पिता के नाम लिखे जाते हैं, विनीत से मतलब विनती हैं जो माता पिता करते हैं सभी लोगों को विनती करते है बेटा या बेटी की शादी मे आने के लिए।
  • स्वर्ग से आशीर्वाद : इनमे उन लोगों का नाम लिखा जाता हैं जो लड़की या लड़के के खास रिश्तेदार होते हैं और उनका स्वर्गवास हो चुका होता है।

अब जो नाम छूट गया हैं वह बच्चों के नाम होते हैं जिनका नाम एक विशेष तरीके से लिखा जाता हैं कुछ इस प्रकार,

नन्ही मुस्कान, या फिर मेरे (दुल्हन या दूल्हा घर के बच्चो के जो भी लगते हो ) जैसे मेरे दीदी के शादी मे जलूल जलूल आना – परिवार के सभी बच्चों के नाम।

कुछ इस प्रकार शादी के कार्ड मे सभी चीजे लिखी जाती हैं, यह शब्द एक हिन्दू धर्म का हैं, मुस्लिम धर्म मे सभी शब्द बदल जाते हैं लेकिन नाम कुछ इसी प्रकार ही लिखा जाता हैं, और ईशाई धर्म मे खासकर अंग्रेजी भाषा मे लिखा जाता हैं।

FAQ’s (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

काफी सारे ऐसे सवाल है जो की शादी के कार्ड मे क्या क्या लिखे जाते है, इससे संबंधित है तो चलिए उन्हे के बारे मे जानते है।

शादी कार्ड पर नाम कैसे लिखे?

शादी के कार्ड पर सबसे पहले नाम दूल्हा और दुल्हन का ही लिखा जाता है, लेकिन अगर शादी कार्ड दुल्हन वालों का है तब कार्ड मे सबसे पहले दुल्हन का होगा उसके साइड मे दूल्हा का और कुछ उसी तरह अगर शादी कार्ड दूल्हा वालों का है तब सबसे पहले दूल्हे का नाम होगा और उसके साइड मे दुल्हन का लिखा जाएगा।

शादी कार्ड मे ची. और सौ. क्यों लिखा जाता है?

शादी कार्ड मे ची दूल्हे के नाम से पहले लिखा जाता है जिसका मतलब चिरंजीव होता है और उसी तरह शादी कार्ड मे सौ दुल्हन के नाम के पहले लिखा जाता है जिसका मतलब सौभाग्यवती होता है।

शादी कार्ड मे विनीत का मतलब क्या होता है?

शादी कार्ड मे विनीत का मतलब विनती करने वालों से है यानि की विनीत मे उन लोगों का नाम लिखा जाता है जो की शादी के शुभअवसर मे आने के लिए विनती कर रहे है, जैसे दूल्हा या दुल्हन के माता पिता।

निष्कर्ष

उम्मीद हैं की आपने इस लेख मे दी गई महत्वपूर्ण जानकारी शादी के कार्ड मे क्या लिखा जाता है? यह पूरी तरह से जान लिया होगा, और आपने यह सिख भी लिया होगा की शादी का कार्ड किस तरह लिखते हैं। अगर आपके मन मे अभी भी कोई सवाल है तो आप हमे नीचे कमेन्ट बॉक्स मे लिखकर करके पूछ सकते हैं।

इस लेख के माध्यम से दी गई जानकारी आप सभी लोगों को कैसा लगा नीचे कमेन्ट बॉक्स मे लिखकर अवश्य बताएं और इस लेख को अपने सभी फैमिली के साथ सोशल नेटवर्क जैसे Facebook, Twitter, WhatsApp पर शेयर करे ताकि वह भी जान सके।

6 thoughts on “शादी के कार्ड मे क्या लिखा जाता है?”

  1. जो मर चूके हैं उनका नाम विनीत ,(शादी कार्ड) में लिखा जाता है कि नहीं ।

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  2. अगर शादी मामा करा रहे हो तो उनका नाम कहा लिखा जाता है

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