सॉफ्टवेयर अपडेट क्या होता है? यह शब्द हम अपने दैनिक जीवन मे जरूर सुनते होंगे और कई सारे लोगों शायद सॉफ्टवेयर अपडेट विभिन्न डिवाइसो मे किया भी होगा लेकिन ऐसे काफी सारे लोग है जिन्हे सॉफ्टवेयर अपडेट के बारे मे कोई खास जानकारी नहीं होती है और इसी वजह से वे इसे नजरअंदाज कर देते है जो की उनकी एक काफी बड़ी गलती है क्योंकि सॉफ्टवेयर अपडेट डिवाइस को सुरक्षित रखने और कई सारी चीजों हेतु काफी महत्वपूर्ण होता है।
मोबाइल, कंप्युटर या किसी भी तरह का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जिसमे की सिस्टम सॉफ्टवेयर अर्थात ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है जैसे एक स्मार्टटीवी इत्यादि सभी मे सॉफ्टवेयर अपडेट और एप्लीकेशन अपडेट समय समय पर कंपनी की ओर से किया जाता है जिसकी सूचना प्रत्येक डिवाइस मे भेजी जाती है।
उपयोगकर्ता इसी सूचना से परेशान होकर उसे हटा देते है क्योंकि सॉफ्टवेयर अपडेट करने के लिए डेटा की जरूरत होती है और इसमे समय भी लगता है लेकिन उपयोगकर्ता को इसकी अहमियत के बारे मे पता नहीं होता है की किसी भी डिवाइस को सॉफ्टवेयर अपडेट करने से हमारा मोबाइल, कंप्युटर या कोई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पूरी तरह से नया हो जाता है।
इस लेख मे हम सॉफ्टवेयर अपडेट से जुड़ी समस्त जानकारी जानेंगे जो की प्रत्येक उपयोगकर्ता के लिए जानना काफी जरूरी है जैसे सॉफ्टवेयर अपडेट क्या होता है, सॉफ्टवेयर अपडेट करने से क्या होता है, सॉफ्टवेयर अपडेट क्यों जरूरी होता है, सॉफ्टवेयर अपडेट करने के क्या फायदे है, सॉफ्टवेयर अपडेट कैसे किया जाता है? तो फिर चलिए अब हम इस विषय मे चर्चा शुरू करते है।
सॉफ्टवेयर अपडेट क्या होता है?
सॉफ्टवेयर अपडेट जिसे अपडेट भी कहा जाता है यह डेवलपर्स के द्वारा लिखे गए एक तरह का छोटे छोटे Codes होते है जिसे हम Computer Programs भी समझ सकते है जिसे कंपनी द्वारा डिवाइस मे भेजा जाता है अर्थात अपडेट किया जाता है फिर जब उपयोगकर्ता उस अपडेट को अपने डिवाइस मे इंस्टॉल करता है तब वे छोटे छोटे Codes या Computer program डिवाइस के सॉफ्टवेयर मे कुछ महत्वपूर्ण बदलाव कर देते है, जिससे डिवाइस समय के साथ अच्छे से Perform कर पाता है।
दरअसल जब डिवाइस हेतु सॉफ्टवेयर विकसित किया जाता है तब उसमे Bugs भी मौजूद होते है जिन्हे Fix करने के बावजूद सॉफ्टवेयर मे कुछ Bugs रह जाते है और समय के साथ और भी Bugs और Errors आ जाते है इसके अलावा समय के साथ सॉफ्टवेयर मे कुछ नए Features भी जोड़ने की आवश्यकता महसूस होती है।
जिसके बाद सॉफ्टवेयर के उन्ही Bugs और error को Fix करने के लिए और सॉफ्टवेयर मे नए Features जोड़ने हेतु Computer Programs विकसित किए जाते है जिसे मुख्य सॉफ्टवेयर मे अपडेट कर दिया जाता है और जिसे ही सॉफ्टवेयर अपडेट कहा जाता है जिसे फिर बाद मे उपयोगकर्ता को अपने डिवाइस मे इंस्टॉल करना पड़ता है जिसके बाद उनके डिवाइस के सॉफ्टवेयर मे मौजूद Bugs और Errors Fix हो जाते है और कुछ नए Features भी आ जाते है।
सॉफ्टवेयर अपडेट करने से क्या होता है?
किसी भी तरह के डिवाइस को सॉफ्टवेयर अपडेट करने से उस डिवाइस के सॉफ्टवेयर मे काफी सारे बदलाव आते है जो की कुछ इस प्रकार है –
1. डिवाइस का यूजर इंटरफेस और बेहतर हो जाता है
किसी भी डिवाइस को बेहतरीन बनाने के लिए उसका उपयोगकर्ता इंटरफेस काफी अधिक मायने रखता है इसी वजह से कंपनीया किसी भी डिवाइस के सॉफ्टवेयर मे काफी अधिक ध्यान देती है सॉफ्टवेयर अपडेट के दौरान कंपनीया डिवाइस के उपयोगकर्ता इंटरफेस मे भी Improvement करती है जिससे उपयोगकर्ता जब अपने डिवाइस को अपडेट करता है तब उसके डिवाइस का यूजर इंटरफेस और बेहतर हो जाता है।
2. ऑपरेटिंग सिस्टम या एप्लीकेशन की गति बढ़ जाती है
सॉफ्टवेयर अपडेट मे कंपनीया ऑपरेटिंग सिस्टम या एप्लीकेशन मे मौजूद कमियों मे सुधार करते है उसमे मौजूद Errors को Fix कर देते है जिसकी वजह से सॉफ्टवेयर अपडेट करने से ऑपरेटिंग सिस्टम या एप्लीकेशन की गति और अधिक बढ़ जाती है और वह Smoothly काम करने लगती है।
3. एप्लीकेशन के Errors ठीक हो जाते है
किसी भी एप्लीकेशन मे कई सारे Errors मौजूद होते है और अगर नहीं होते है तब समय के साथ कई Errors आ जाते है जो की उपयोगकर्ता के Uses के दौरान रुकावट पैदा करती है जिससे एप्लीकेशन का User experience भी खराब होता है लेकिन एप्लीकेशन मे समय के साथ आ जाने वाले Errors को सॉफ्टवेयर अपडेट मे ठीक कर दिया जाता है।
4. डिवाइस के Bugs एवं Errors को Fix कर दिया जाता है
डिवाइस या सॉफ्टवेयर के डेवलपमेंट के दौरान Bugs और Errors की कई बार जांच करके उन्हे Fix किया जाता है लेकिन फिर भी कुछ Bugs और Errors छूट जाते है और समय के साथ नए नए Bugs और errors डिवाइस या सॉफ्टवेयर मे आ जाते है जिन्हे Fix करने हेतु डेवलपर्स समय समय पर सॉफ्टवेयर अपडेट के माध्यम से Fixes भेजती है जब उपयोगकर्ता सॉफ्टवेयर अपडेट करता है तब इस दौरान समस्त Bugs एवं Errors भी Fix हो जाते है।
5. ऑपरेटिंग सिस्टम और हार्डवेयर का तालमेल और बेहतर हो जाती है
किसी भी डिवाइस के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर ये दो भाग होते है जिनका की आपस मे तालमेल बिल्कुल अनुकूल होना जरूरी है अन्यथा डिवाइस के Uses मे कठिनाई आ सकती है समय समय पर डिवाइस के हार्डवेयर मे बदलाव किए जाते है और वे और भी Advance हो जाते है ऐसे मे सॉफ्टवेयर मे भी समय समय पर बदलाव किया जाता है जिस बदलाव को सॉफ्टवेयर अपडेट मे जारी किया जाता है।
इसी वजह से सॉफ्टवेयर अपडेट से ऑपरेटिंग सिस्टम और हार्डवेयर का तालमेल और बेहतर हो जाता है।
6. सॉफ्टवेयर और अधिक सुरक्षित हो जाता है
अक्सर हैकर किसी भी डिवाइस या सॉफ्टवेयर की कमियों को तलाशते रहते है जिससे जरिए वे डिवाइस या सॉफ्टवेयर मे Enter करके उसे किसी तरह का कोई Harm पहुँचा सके या अपना कोई काम निपटा सके, इसके लिए वे तरह तरह के Malicious Software भी बनाते है जो की उपयोगकर्ता के लिए और नुकसानदायक साबित हो सकते है।
ऐसे मे सॉफ्टवेयर अपडेट के दौरान डिवाइस या सॉफ्टवेयर मे मौजूद सुरक्षा की कमियों को हटा दिया जाता है साथ मे डिवाइस या सॉफ्टवेयर को और अधिक सुरक्षित बना दिया जाता है।
7. नए Features जुड़ जाते है
किसी भी डिवाइस या सॉफ्टवेयर मे समय के साथ नए Features जोड़ना बेहद आवश्यक है तभी वह समय के सतह Improve होता है इसी वजह से कंपनीया डिवाइस या सॉफ्टवेयर मे नए Features जोड़ती है जो की सॉफ्टवेयर अपडेट के दौरान उपयोगकता के डिवाइस या सॉफ्टवेयर मे जुड़ जाता है।
सॉफ्टवेयर अपडेट क्यों जरूरी होता है?
दरअसल सॉफ्टवेयर मे किसी तरह का कोई Bugs या Error होता है जिसके बारे मे डेवलपर्स या कंपनी को डेवलपमेंट के दौरान जानकारी नहीं होती है काफी बार Test करने के बावजूद सॉफ्टवेयर मे कुछ कमिया जिसे हम Bugs और Errors कह सकते है रह जाती है इसके अलावा सॉफ्टवेयर मे समय के साथ तकनिके आगे बढ़ने की वजह से भी Errors और Bugs आ जाते है।
जिसके बारे मे बाद मे कंपनी को उपयोगकर्ता के Feedback एवं Researches के द्वारा कंपनी एवं डेवलपर्स को पता लगता है अब इन्ही Bugs और Errors को हटाने के लिए डेवलपर्स नए Updates तैयार करते है इन Updates मे security पर भी काफी ध्यान दिया जाता है इसके अलावा नए सुविधाये भी जोड़ दिए जाते है जिसकी वजह से ही सॉफ्टवेयर को अपडेट करना आवश्यक हो जाता है।
सॉफ्टवेयर अपडेट करने से पहले ध्यान देने ध्यान देने वाली बातें –
कभी भी सॉफ्टवेयर अपडेट करने से पहले हमें कुछ विशेष बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिये इससे अपडेट की प्रक्रिया बिना किसी रुकावट और झंझट के काफी अच्छे से पूरी होगी –
1. पर्याप्त चार्जिंग है या नहीं जांच ले
कभी भी सॉफ्टवेयर अपडेट करने से पहले हमें इस विशेष बात का ध्यान रखना चाहिये की डिवाइस मे अपडेट की प्रक्रिया पूरी होने के लिए पर्याप्त चार्ज है या नहीं है अन्यथा चार्जिंग न होने की वजह से अपडेट मे रुकावट पैदा हो सकती है और कभी कभार इससे मोबाइल मे किसी तरह की परेशानी भी उत्पन्न हो जाती है कभी कभार अपडेट मे काफी समय भ लग जाता है इसी वजह से सॉफ्टवेयर के दौरान डिवाइस की बैटरी 75% तक चार्ज जरूर होना चाहिये।
2. डेटा का बैकअप अवश्य ले
सॉफ्टवेयर अपडेट की प्रक्रिया के दौरान कई बार ऐसा देखा गया है की सॉफ्टवेयर अपडेट होने पर डिवाइस मे मौजूद डेटा को हानि पहुंची है अर्थात इससे Data Loss जैसी चीजे हुई है जो की बहुत ही Rare Cases मे होता है फिर भी सुरक्षा के लिए हमें अपने डिवाइस के महत्वपूर्ण डेटा फोटोज, वीडियोज, दस्तावेज इत्यादि का बैकअप जरूर ले लेना चाहिये।
3. इंटरनेट की अच्छे से जांच कर ले
अक्सर सॉफ्टवेयर अपडेट मे भारी भरकम इंटरनेट की आवश्यकता पड़ती है क्योंकि सॉफ्टवेयर अपडेट मे इंटरनेट डेटा काफी सारा खर्च होता है इसी वजह से हमें अपने इंटरनेट कनेक्शन मे यह पता लगाना लेना चाहिये की पर्याप्त इंटरनेट डेटा है या नहीं, जिसके बाद ही अपडेट की प्रक्रिया शुरू करे। अगर वाईफाई की सुविधा उपलब्ध हो तो और भी बेहतर होता है।
4. अपने जरूरी कामों को कर ले
सॉफ्टवेयर अपडेट की प्रक्रिया कई बार काफी अधिक समय ले लेती है ऐसे मे अगर आप अपने डिवाइस या सॉफ्टवेयर मे कोई कार्य करना चाहते है और सॉफ्टवेयर अपडेट करने के बाद उसे करने की सोच रहे है तब पहले कार्य को खतम कर ले क्योंकि इसमे समय लगता है जिससे कार्य मे देरी हो सकती है।
किसी भी सॉफ्टवेयर को अपडेट कैसे करे?
अब यह सवाल आता है की आखिर किस तरह हम किसी भी सॉफ्टवेयर को अपडेट कर सकते है? आप सभी को बता दे की सॉफ्टवेयर अपडेट भी तो तरह के होते है जिसमे से एक अपडेट पूरी तरह इंटरनेट के द्वारा होता है जिसे ऑनलाइन अपडेट कह सकते है इसके अलावा दूसरा ऑफलाइन अपडेट है जिसमे की Manually update करना पड़ता है।
ऑनलाइन अपडेट मे सॉफ्टवेयर को अपडेट करने हेतु सर्वप्रथम डिवाइस को इंटरनेट से जोड़ना पड़ता है जिसके बाद सॉफ्टवेयर मे Flash हो रहे सॉफ्टवेयर अपडेट के सूचना पर Tap करके अपडेट वाले विकल्प पर किक करना होता है जिसके बाद अपडेट का फाइल डाउनलोड होने लगता है फिर डाउनलोड पूरा हो जाने के बाद ऑटोमैटिक ही सॉफ्टवेयर अपडेट होने लगता है, इस तरह के अपडेट प्रायः ऑपरेटिंग सिस्टम Updates मे होते है।
इसके अलावा ऑफलाइन अपडेट मे सर्वप्रथम सॉफ्टवेयर की आधिकारिक वेबसाइट से अपडेट के फाइल को डिवाइस मे डाउनलोड करना पड़ता है जिसके बाद इंटरनेट की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती है, डाउनलोड किए हुए फाइल को ओपन करके Update किया जाता है इस तरह के अपडेट प्रिंटर, मदरबोर्ड इत्यादि के ड्राइवर के साथ किया जाता है।
निष्कर्ष
सॉफ्टवेयर अपडेट एक आम प्रक्रिया है जिसके बारे मे आज हर किसी को पता होना आवश्यक है क्योंकि वर्तमान समय मे प्रत्येक व्यक्ति विभिन्न डिवाइस एवं तकनीकी चीजों का इस्तेमाल कर रहा है और अगर लोगों को सॉफ्टवेयर अपडेट के विषय मे जानकारी नहीं है तब वे कहीं चूक सकते है क्योंकि सॉफ्टवेयर अपडेट काफी जरूरी होता है किसी डिवाइस या उपयोगकर्ता के लिए।
उम्मीद है की आज का यह लेख, जिस लेख मे हमने आप सभी Readers को काफी विस्तारपूर्ण रूप से सॉफ्टवेयर अपडेट क्या है और सॉफ्टवेयर अपडेट करने से क्या होता है? इस बारे मे जानकारी प्रदान की है वह आपके लिए काफी उपयोगी रहा होगा, अब अंत मे यही गुजारिश है की इस लेख को जरूर से अपने Social Handles जैसे Facebook, Twitter इत्यादि पर भी साझा कीजिए।