ई-बुक क्या है? इसके फायदे और नुकसान

eBook क्या है, यह सवाल आज बहुत सारे लोगों का बन चुका हैं। क्योंकि लोगों ने Books तो बहुत सारी पढ़ी है, और आपने भी पढ़ी होगी। इसके अलावा पुराने समय में तो लोग दीवारों पर, पतों पर लिखते थे और पढ़ते थे। और तो और हमारे पुराण, गीता, रामायण, कुरान यह सब भी ताल के पत्तों पे लिखे जाते थे।

पत्तों के बाद कागज का अविष्कार हुआ, और बहुत सारी किताबें छपने लगी। मैने और आपने भी बहुत सारी किताबें पढ़ी होगी। लेकिन टेक्नॉलोजी आज बहुत तेजी से पढ़ रही है, और इसी टेक्नॉलोजी के कारण ई-बुक का आविष्कार हुआ।

ई-बुक को कोई भी व्यक्ति छू नही सकता है, और तो और इसे बहुत ही आसानी से कुछ ही सेकंड में बहुत दूर भेजा जा सकता है। E-book के बहुत सारे फायदे है, इसलिए आजकल ई-बुक काफी ज्यादा ट्रेंड में चल रही है। अब तो लेखक ई-बुक बनाने लगे है, जो आजकल लाखों रूपयें में बिकती है।

तो चलिए अब हम समझते है कि ई-बुक क्या है इसके फायदे और नुकसान क्या है?

ई-बुक क्या है – What is eBook in Hindi

ई-बुक, जिसे इलेक्ट्रॉनिक बुक कहा जाता है, क्योंकि यह एक किताब का डिजिटल रूप होता है। इस किताब को केवल मोबाइल या कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रोनिक डिवाइस में पढ़ सकते है। अगर आप किताबे पढ़ना पसंद करते है तो आपने लॉकडाउन में अपने मोबाइल में किताबे शायद पढ़ी होगी जिसे ई-बुक कहा जाता है।

Ebookकी एक ख़ास बात यह भी है कि इसे कोई भी व्यक्ति छू नही सकता है, हालांकि आप इसकी प्रिंट निकालकर जरूर छू सकते है। लेकिन ई-बुक केवल इंटरनेट की दुनिया में ही रहती है, जिसे सॉफ्टवेयर या मोबाइल ऐप की मदद से पढ़ा जाता है।

आजकल लोग e-book और PDF में Confuse है, लेकिन मैं आपको बता दूं कि दोनों में कुछ भी अंतर नही है। क्योंकि eBook PDF फॉर्मेट में बनायी जाती है, इसलिए ई-बुक पीडीएफ ही है। हालांकि ईबुक के कुछ और भी फॉर्मेट होते है, जैसे- Text, PDF, Image File आदि।

जो लोग ई-बुक लिखते है, वे इन्हे सॉफ्टवेयर की मदद से लिखते है, और फिर इन बुक को PDF फॉर्मेट में सेव कर लिया जाता है। और इसी को e-book कहा जाता है जिसे हम ऑनलाइन खरीद सकते है। हालांकि बहुत सारी ई-बुक फ्री में भी मिलती है। आप Amazon से ऑनलाइन ई-बुक को खरीद और बेच सकते है।

eBook Full Form In Hindi

E-Book का पुरा नाम यानी Full Form “Electronic Book” है, जिसे केवल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में ही पढ़ सकते हैं।

ई-बुक का इतिहास (History of eBook)

ई-बुक का इतिहास कुछ ज्यादा नया नही है, मतलब इसका इतिहास वर्ष 1930 में शुरू हुआ था। विकिपीडिया के अनुसार ई-बुक बनाने का पहला विचार राइटर “Bob Brown” को आया था, जब वे पहली बार एक मूवी साउंड देख रहे थे। और उसी समय उन्होने अपने इन्वेंशन के साथ 1930 में एक बुक लिख दी।

उस बुक में उन्होने लिखा था कि काश कोई मशीन होती जिस पर मैं यह बुक लिखता और उस मशीन कहीं पर भी ले जा पाता। यह Bob Brown के काल्पनिक विचार थे, जो लगभग 40 वर्ष बाद हकीकत में बदल गये।

वर्ष 1971 में “Michael S. Hart” ने “Project Gutenberg” के नाम से एक बुक लांच की थी, जो पूरी तरह से डिजिटलाइज्ड थी। Michael S. Hart की लिखी हुई यह बुक दुनिया की पहली eBook थी। लेकिन क्या आपको पता है कि सन् 1971 में पहला ईमेल दो कंप्यूटर्स के बीच भेजा गया था, जो मेनफ्रेम कंप्यूटर थे।

इसके बाद धीरे धीरे कंपनीयां ई-बुक को अपनाने लगी, और 1998 में ई-बुक के लिए पहला डेडीकेटेड ई-बुक रीडर मार्केट में लांच हुआ था। हालांकि 1998 में दो ebook रीडर लांच हुए थे, पहला Robot ebook और दूसरा Soft Book.

1998 में U library के द्वारा लोगों को वेबसाइट के जरिए फ्री ईबुक बांटी जाने लगी। इसके अलावा इसी वर्ष गूगल को भी Found किया गया था। इसके बाद बहुत सारे ई-बुक रीडर लांच होते गए, और ई-बुक को धीरे धीरे और भी ज्यादा मान्यता मिलने लगी। आज तो ई-बुक NFT के रूप में लाखों करोड़ो रूपयें में बिक रही है।

यह भी जानिए : पेमेंट गेटवे क्या है ?

ई-बुक के फायदे (Benefit Of EBook in Hindi)

eBook का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ईबुक को बैग में ले जाने की जरूरत नही होती है। बल्कि इसे अपने मोबाइल में ले जा सकते है, और बहुत सारी e-book को एक साथ ले जा सकते है। इसके अलावा भी बहुत सारे फायदे हैं, जो निम्नलिखित हैं-

1. E-book Portable होती है, जिसे कहीं भी किसी भी जगह पर आसानी से ले जा सकते है।

2. eBook को दुकानदार से खरीदने की जरूरत नही होती है, बल्कि इसे इंटरनेट से डाउनलोड किया जाता है।

3. ईबुक को आप अपने दोस्तों, रिस्तादारों और Group Members के साथ शेयर कर सकते है।

4. इसे आप बहुत आसानी से कुछ ही सैकंड में किसी भी जगह पर भेज सकते है।

5. ईबुक को किसी भी जगह पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे लेपटॉप या मोबाइल में पढ़ सकते है।

6. आजकल ईबुक को पढ़ने के लिए भी बहुत सारे रिडर आ चुके है, जिसमें बहुत सारे मजेदार फिचर्स भी होते है।

7. ईबुक को रखने के लिए ज्यादा जगहों की जररूत नही होती है, और तो और हम e-bookकी पूरी लाइब्रेरी को सिर्फ अपने मोबाइल में रख सकते है।

8. किताबों के मुकाबले ईबुक को पढ़ना आसान होता है, क्योंकि ईबुक को Zoom करके भी पढ़ सकते है।

9. eBook को पासवर्ड की मदद से सुरक्षित रख सकते हैं।

10. ईबुक में आप किसी भी पेज पर केवल 1 सेकंड में जा सकते है।

11. eBook में किसी भी शब्द या हैडिंग को आसानी से ढूंढ सकते है।

12. ईबुक को किसी भी समय कभी भी खरीद सकते है।

13. आजकल ईबुक में Animation, Videos कुछ भी डाल सकते है, जिसे समझना बहुत आसान होता है।

14. भौतिक किताबों को बनानें में बहुत ज्यादा खर्च होता है, इसलिए इन किताबों की प्राइस भी बहुत ज्यादा होती है, लेकिन ईबुक को एक बार लिखने के बाद हजारों ईबुक एक सैकंड में बना सकते है।

ई-बुक के नुकसान (Loss Of eBook in Hindi)

जिस तरह ई बुक के अनेक फायदे है उसी तरह इसके कुछ नुकसान भी है जो की नीचे दिए गए है –

1. देखा जाए तो इंटरनेट पर बहुत ईबुक है जो बिल्कुल फ्री में मिल जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ ईबुक ऐसी होती है जिनकी प्राइस Physical Books से भी बहुत ज्यादा होती है। अत: इसका एक बड़ा नुकसान यह है कि इसकी कुछ ईबुक की प्राइस बहुत ज्यादा होती है।

2. ई बुक को पढ़ने में वह मजा नही आता है जो किताबों को पढ़ने से मिलता है।

3. वर्तमान में इंटरनेट पर बहुत सारी eBooksआ चुकी हैं, जिसकी वजह से किसी अच्छे लेखक की किताब को बेच पाना बहुत ज्यादा मुश्किल हो चुका है। और तो और ईबुक को बेचने पर ज्यादा पैसे भी नही मिलते है।

4. ईबुक को हम इलेक्ट्रिक डिवाइस में पढ़ सकते है, जिसकी वजह से हमारी आंखे भी खराब होती है। इसके अलावा और भी कई समस्याएं होती है, जैसे सिरदर्द आदि।

5. eBook को हम केवल मोबाइल, कंप्यूटर या लैपटॉप में ही रख सकते है, और कभी इन डिवाइस में  वाइरस आ जाए तो सारी ईबुक खत्म हो सकती है।

6. ईबुक से लेखक को काफी ज्यादा घाटा होता है। क्योंकि लेखक वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद कोई किताब लिखता है, लेकिन हैकर्स उन किताबों को कॉप्पी करके फ्री में दे देते है। आपने भी शायद Torrent से बड़ी-बड़ी बुक्स को फ्री में डाउनलोड किया होगा।

ई-बुक का उपयोग (Uses Of eBook in Hindi)

eBook का उपयोग अनेक जगहों पर किया जाता हैं-

  1. पढ़ाई के लिए
  2. बिज़नेस के लिए
  3. मनोरंजन के लिए
  4. संवेदनशील जानकारीयों के लिए
  5. जानकारियों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इत्यादि।

फ्री में eBook कहाँ से डाउनलोड करे?

आपको इंटरने पर बहुत सारी वेबसाइट्स मिल जाएगी जहां से आप ईबुक को बिल्कुल फ्री में डाउनलोड कर सकते है। जैसे-

  1. Gutenberg
  2. Books.Google
  3. FreeTechBooks
  4. Oreilly
  5. Coderholic
  6. en.wikibooks
  7. FreeBooks4
  8. Siyavulaइत्यादि।

नोट :इसके अलावा आपको गूगल पर कुछ ऐसी वेबसाइट्स भी मिल जाएगी, जिससे आप Paid eBooks को भी फ्री में डाउनलोड कर सकते है।

ई-बुक और सामान्य बुक क्या अंतर हैं?

ई-बुक और सामान्य किताब में बिल्कुल सीधा और साधारण अंतर है कि ई-बुक को केवल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में पढ़ सकते है। जबकि भौतिक किताबों को छूकर पढ़ सकते है। इसके अलावा मैने ईबुक की कई विशेषताएं बताई हैं जो ebookको सामान्य किताबों से इसे अलग करती है।

eBook को कैसे बेचते हैं?

ई-बुक को आप सॉफ्टवेयर की मदद से बड़ी आसानी से बना सकते है, और फिर इसे PDF फाइल में बदल सकते है। इसके बाद आप eBook की PDF को बहुत सारी जगहों पर बेच सकते है। ईबुक को बैचने के लिए बहुत सारे तरीके हैं, जैसे-

  1. eBay
  2. Amazon
  3. Affiliate Blog
  4. Android Play store
  5. Apple Store आदि।

FAQ’s (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

लोगों द्वारा अनेक तरह के ईबुक से संबंधित सवाल अक्सर पूछे जाते है तो चलिए अब हम उन्ही सवालों और उनके जवाबों के बारे मे जानते है –

ई बुक हम कैसे बना सकते है?

कंप्युटर पर हम माइक्रोसॉफ्ट वर्ड का उपयोग कर के हम खुद का एक ईबुक बना सकते है।

क्या ई बुक से पैसा कमाया जा सकता है?

जी हाँ, वर्तमान समय मे हम ई बुक को बेचकर पैसे कमा सकते है।

दुनिया का पहला ई बुक कब बनाया बनाया गया था?

दुनिया का पहला ई बुक सन 1971 मे बनाया गया था जो की Michael S. Hart द्वारा लिखा गया था।

निष्कर्ष

उम्मीद है कि आपको इस आर्टिकल में ईबुक से संबंधित कई नई जानकारीयां पढ़ने को मिली होगी। इस आर्टिकल में मैने आपको eBooks से संबंधित कई मजेदार जानकारीयां दी है, जैसे EBook Kya Hai, ईबुक के फायदे और नुकसान क्या है, और e-book का इतिहास क्या है इत्यादि, जिसको पढ़कर आपने आज ई बुक के बारे मे बहुत कुछ सिखा होगयाा, अगर आप सभी के मन मे इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी सवाल है तो नीचे Comment मे बताइए।

बस अंत मे यही कहना चाहूँगा की इस आर्टिकल को सोशल मीडिया जैसे Twitter, Facebook इत्यादि पर भी जरूर शेयर कीजिये ताकि अन्य लोग भी ई बुक के बारे मे जान सके।

Leave a Comment