डिबगिंग क्या है (What is Debugging in Hindi)

नमस्ते दोस्तों आज हम डिबगिंग क्या है? और इस डिबगिंग पर पूर्ण रूप से चर्चा करेंगे इस शब्द को अंग्रेजी मे debugging के नाम से जाना जाता है यह कंप्युटर साइंस का काफी अहम हिस्सा है जिसके बारे मे प्रोग्रामिंग मे रुचि रखने वाले व्यक्ति को अवश्य ही पता होना चाहिए क्योंकि इसी के आधार पर वह सॉफ्टवेयर मे आने वाले Errors और Bugs को ढूंढ कर के उन्हे Fix कर सकता है।

बहुत सारे ऐसे लोग है जो की प्रोग्रामिंग सिख रहे है और जब वे डिबगिंग शब्द को सुनते है तब उन्हे यह लगता है की डिबगिंग कोई ऐसा Tool या Function है जिसकी मदद से हम अपने सॉफ्टवेयर मे होने वाले Errors और Bugs को ढूंढ सकते है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है इसकी मदद से हम अपने सॉफ्टवेयर मे होने वाले Errors और Bugs को ढूंढ तो सकते है लेकिन यह कोई Tool या Function नहीं है।

बल्कि यह एक प्रोसेस है जो की कंप्युटर साइंस के क्षेत्र मे काफी अधिक मायने रखता है एक सॉफ्टवेयर को डेवलप और उसे Maintain करने के लिए इस वजह से अगर हम प्रोग्रामिंग सिख रहे है या सीखना चाहते है तब हमें कही न कहीं इसके बारे मे विस्तार से जानने और इसे सीखने की आवश्यकता है ताकि हम सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट मे अपनी पकड़ और अधिक मजबूत कर सके।

तो चलिए अब हम ज्यादा देरी न करते हुए डिबगिंग इस पर चर्चा शुरू करते है और Debugging Kya Hai, इसके बारे मे विस्तार से जानते है।

डिबगिंग क्या है – What is Debugging in Hindi

डिबगिंग सॉफ्टवेयर मे होने वाले Bugs और Errors को ढूंढकर उन Bugs और Errors को Fix करने का प्रोसेस है यह डिबगिंग प्रोग्रामिंग के क्षेत्र मे लागू होता है जब Programmers कोई प्रोग्राम बनाते है तब उन प्रोग्राम मे कुछ Bugs और Errors होते है जैसे Syntax Error, Run Time Error, Logical Error इत्यादि जिनके बारे मे अक्सर Programmer को पता नहीं होता है तब वह डिबगिंग प्रोसेस के जरिए उन Bugs और Errors को ढूँढता है, उनके कारण को पहचानता है और उन्हे Fix कर देता है।

आपको बता दे की अक्सर Programmers कोई प्रोग्राम या फिर सॉफ्टवेयर को जब विकसित कर रहे होते है तब वे सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम Programmers के अपेक्षा के अनुसार कार्य नहीं करते क्योंकि उनमे कुछ Errors और Bugs मौजूद होते है तब ऐसे मे उन Bugs और Errors को Fix करने के लिए और प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर को अपेक्षा के अनुसार बनाने के लिए डिबगिंग की जाती है जिससे की प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर मे मौजूद Errors और Bugs Fix हो जाते है।

अगर हम डिबगिंग को और आसान भाषा मे समझे तो आपको बता दे की यह सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का एक प्रोसेस है जिसके सहायता से प्रोग्राम मे मौजूद Errors और Bugs को ढूंढा जाता है और उन Errors और Bugs के कारणों को ढूंढकर उन्हे Fix कर दिया जाता है तो Basically यह कोई Function या Tool न होकर एक प्रोसेस है। उम्मीद है की अब आप इसे समझ चुके होंगे तो चलिए इससे जुड़े और भी जानकारीयो को जानते है।

डिबगिंग किसलिए किया जाता है?

ऊपर मैंने इस विषय पर थोड़ी बहुत चर्चा की है लेकिन इसके बारे मे हम विस्तार से जानने का प्रयास करते है तो आपको बता दे की जब एक डेवलपर या Programmer कोई नया प्रोग्राम बनाने के लिए Codes लिखता है तब उसमे काफी सारे अलग अलग Concepts होते है एवं उसमे काफी सारी अलग अलग समस्याओ को सुलझाना होता है जिसके बाद ही एक प्रोग्राम तैयार होता है।

लेकिन क्या होता है की जब एक Programmer प्रोग्राम लिख रहा होता है तब वह Codes लिखने मे By Mistake कुछ गलती कर देता है जो की उस समय समझ मे नहीं आता है और वही गलती आगे चलकर प्रोग्राम को सही ढंग से कार्य करने मे रुकावट डालता है ऐसे मे उस गलती को सुधारने के लिए डिबगिंग का उपयोग किया जाता है।

डिबगिंग के समय आने वाले Errors

जैसा की हम जानते है की डिबगिंग एक प्रक्रिया है जिसमे की विभिन्न तरह के Errors को Fix किया जाता है तो चलिए अब हम डिबगिंग के समय आने वाले कुछ Errors के बारे मे जानते है :-

1. Syntax Error.

यह एक सामान्य तरह का Errors है जो अक्सर तब आता है जब हम प्रोग्रामिंग भाषा के निर्धारत किए गए नियमों का पालन नहीं करते है। इस तरह के Errors को Fix करना काफी आसान होता है।

2. Run Time Error.

यह ऐसे Errors होते है जो की तब आते है जब हम किसी प्रोग्राम के Codes को लिखकर उसे Execute कर रहे होते है। इस तरह के Errors को Fix करने थोड़ा अधिक समय लगता है।

3. Logical Error.

यह कुछ इस तरह के Errors होते है जो की तब आते है जब Programming का Statement का सही से नहीं है या फिर तब आता है जब हमने जिस Algorithm को फॉलो किया है उसका Statement सही नहीं होता है, इस तरह के Errors को Fix करने मे काफी समय लगता है।

डिबगिंग के स्टेप्स (Step of Debugging Hindi)

डिबगिंग एक प्रोसेस है जिसे करने के लिए काफी सारे अलग अलग स्टेप्स से होके गुजरना पड़ता है, डिबगिंग के समस्त डिबगिंग स्टेप्स निम्नलिखित है :-

1. Error को खोजना और पहचानना.

यह सबसे पहला स्टेप होता है Debugging का, इसके तहत सर्वप्रथम Error को ढूंढा जाता है और उसके उस Error को पूर्ण रूप से पहचाना जाता है।

2. Error के Exact लोकेशन को ट्रैक करना.

यह दूसरा स्टेप होता है Debugging का, जब प्रोग्राम के Error को ढूंढ लिया जाता है तब उसके बाद उस Error के Exact Location को पता किया जाता है की प्रोग्राम के किस Location मे यह Error मौजूद है एवं इसमे Error के Source को पता किया जाता है।

3. Error के कारण का पता लगाना.

जब प्रोग्राम मे मौजूद Error के Exact Location का पता लगा लिया जाता है तब उसके प्रोग्राम मे वह Error क्योंकि हो रहा है यह पता लगाया जाता है मतलब सीधे कहे तो Error के कारण का पता लगाया जाता है की वह Error किस गलती के वजह से आया है।

4. Error को Fix करने की योजना बनाना.

जब Error के Location और Error कए कारण का पता लगा लिया जाता है तब उसके बाद उस Error को Fix करने का योजना बनाया जाता है की आखिर प्रोग्राम मे मौजूद Error को कैसे Fix किया जा सकता है एवं Error को Fix करने के बाद प्रोग्राम मे कौन कौन सी समस्याए आ सकती है और उन समस्याओ को किस तरह हल किया जा सकता है।

5. Error को Fix करना.

यह debugging का अंतिम स्टेप होता है। जब प्रोग्राम मे मौजूद Error को Fix करने के लिए योजना बना लिया जाता है उसके बाद उस Error को सफलतापूर्वक Fix कर दिया जाता है।

डिबगिंग के Tools

हम सभी ने तो यह जान ही लिया है की डिबगिंग एक प्रक्रिया है लेकिन अब यह सवाल है की इस प्रक्रिया को किस तरीके से किया जाता है, तो आपको बता दे की डिबगिंग की प्रक्रिया को करने के लिए आज के समय मे कई सारे विभिन्न तरह के Tools मौजूद है जिनकी सहायता से ही डिबगिंग किया जाता है तो चलिए हम प्रोग्राम को डिबगिंग करने के लिए उपयोग किए जाने वाले कुछ मुख्य Tools के नाम जान लेते है :-

  1. Chrome DevTools
  2. ReSharper
  3. Memfault

डिबगिंग और टेस्टिंग मे क्या अंतर है?

बहुत सारे ऐसे लोगों को जो की प्रोग्रामिंग सिख रहे होते है उन्हे यह लगता है की डिबगिंग और टेस्टिंग दोनों एक ही है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है दोनों मे अंतर है टेस्टिंग प्रोग्राम का टेस्ट करना होता है की वह सही ढंग से कार्य कर रहा है की नहीं और वही पर डिबगिंग एक प्रोसेस है जिसमे प्रोग्राम के Bugs और Errors मे सुधार किया जाता है।

खैर यह तो एक सामान्य परिभाषा है डिबगिंग और टेस्टिंग का, इसके अलावा दोनों मे और भी कई सारे अंतर है जो की नीचे लिखे हुए है :-

DebuggingTesting
डिबगिंग सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट Life Cycle का किसी भी प्रकार का स्टेज नहीं है। टेस्टिंग सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट Life Cycle का एक स्टेज है।
डिबगिंग टेस्टिंग के दौरान पाए गए Errors और Bugs को Fix करने की प्रक्रिया है। टेस्टिंग प्रोग्राम मे Errors और Bugs को ढूँढने की एक प्रक्रिया है।
डिबगिंग एक Programmer या फिर Developer के द्वारा किया जाता है। टेस्टिंग एक टेस्टर के द्वारा किया जाता है।
डिबगिंग को हम ऑटोमैटिक नहीं कर सकते है। टेस्टिंग को हम ऑटोमैटिक कर सकते है।
डिबगिंग का उद्देश्य प्रोग्राम के Errors और Bugs को Fix करना होता है। टेस्टिंग का उद्देश्य प्रोग्राम को चेक करना होता है की वह सही ढंग से कार्य कर रहा है की नहीं।

निष्कर्ष

सीधे शब्दों मे कहे तो डिबगिंग शब्द प्रोग्रामिंग के क्षेत्र मे उपयोग किया जाता है जो की एक स्टेप बाय स्टेप प्रक्रिया है और जिसके जरिए प्रोग्राम को बनाने के बाद आए हुए समस्त समस्यायो को हल किया जाता है, अब मैंने आप सभी के साथ डिबगिंग क्या होता है? और इससे जुड़े समस्त जानकारीयो को विस्तार से साझा कर दिया जिसको पढ़कर आज आपने डिबगिंग के बारे मे जान लिया होगा।

उम्मीद है की आप सभी के लिए आज का यह आर्टिकल काफी महत्वपूर्ण रहा होगा क्योंकि इस आर्टिकल मे मैंने आप सभी के साथ डिबगिंग से संबंधित समस्त सभी जानकारी को विस्तारपूर्ण साझा करने की कोशिश की है और अंत मे मैं आप सभी से यही सनम्र निवेदन करता हूँ इस आर्टिकल को अलग अलग सोशल साइट्स जैसे Facebook, Twitter इत्यादि पर भी जरूर शेयर कीजिये।

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